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Sunday 20 November 2022

भोपाल में नहीं गांव की चौपाल में बनेगी ग्राम की विकास योजना- मुख्यमंत्री श्री चौहान

 भोपाल में नहीं गांव की चौपाल में बनेगी ग्राम की विकास योजना- मुख्यमंत्री श्री चौहान

जल, जंगल, जमीन और श्रम के अधिकार ग्राम सभाओं के पास

अधिनियम के अंतर्गत पटवारी और बीट गार्ड अब हर साल ग्राम सभा में प्रस्तुत करेंगे जमीन की जानकारी और नक्शा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने धार जिले की कुक्षी तहसील में पेसा जागरूकता के बारे में कहा

संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल

     धार। 20 नवम्बर 2022/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 15 नवम्बर से प्रदेश में पेसा एक्ट लागू किया गया है। पेसा एक्ट जनजाति के हित में जरूर है लेकिन किसी गैर जनजाति के विरोध या खिलाफ नहीं है। यह एक्ट जनजातीय समुदाय को मजबूत करने के लिये है। इस एक्ट के प्रावधान सिर्फ अधिसूचित क्षेत्रों में लिए लागू होंगे। यह एक्ट विकास की दौड़ में पीछे रह गए जनजातीय समाज को मजबूत बनाने के लिए लागू किया गया है। अब गाँव के विकास की योजनाएं भोपाल में नहीं गांव की चौपाल में तय होगी। मुख़्यमंत्री श्री चौहान ने एक शिक्षक की तरह धार जिले की कुक्षी तहसील के मंडी प्रांगण में पेसा जागरूकता कार्यक्रम के दौरान सरपंच, पटेल, तड़वी और बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कही।  कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा कन्या पूजन तथा द्वीप प्रज्वलित कर किया।


देश की आजादी के लिए जनजतीय नायकों ने सर्वस्व समर्पित किया : विष्णुदत्त शर्मा

पेसा जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा और देश की स्वतंत्रता के लिए जनजातीय महानायकों ने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश की भाजपा सरकार जनजातीय भाई-बहनों को उनका अधिकार दिलाने और उनके सम्मान के लिए दृढ़ संकल्पित है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनजातीय समाज को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 15 नवंबर को ’जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय कर जनजातीय समाज को सम्मानित करने का कार्य किया है।  



    कार्यक्रम में  पार्टी के  प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी,प्रदेश उपाध्यक्ष नागरसिंह चौहान, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, राज्यसभा सांसद  सुमेर सिंह सोलंकी, खरगोन-बड़वानी सांसद  गजेंद्र सिंह पटेल, धार-महू सांसद  छतरसिंह दरबार,अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री कलसिंह भाबर, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव यादव,  पूर्व केबीनेट मंत्री श्रीमती रंजना बघेल, नगर परिषद अध्यक्ष श्री मुकामसिंह किराड़े,  इंदौर सम्भाग कमिश्नर डॉ पवन कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर  प्रियंक मिश्रा, डीआईजी  चंद्रशेखर सोलंकी, जिला पंचायत सीईओ  के एल मीणा, जनपद अध्यक्ष डही  राजेन्द्र, जनपद अध्यक्ष कुक्षी छगनसिंह बघेल, नगर पंचायत डही अध्यक्ष  कैलाश कन्नौज, जनपद सदस्य  दरियाव सिंह जमरा सहित अन्य अधिकारी तथा जनप्रतिनिधिगण साथ थे।


जल, जंगल और जमीन सब ग्राम सभा में शामिल

   एक शिक्षक की तरह मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हजारों की संख्या में मौजूद जनजातीय समुदाय के सरपंच, पटेल, तड़वी और अन्य नागरिकों से कहा कि अब जल जंगल और जमीन सब कुछ ग्राम सभा के दायरे में आ गया है। जमीन के अधिकार में अब किसी बड़े प्रोजेक्ट के लिए किये जाने वाले भू-अर्जन के लिए शासन को ग्राम सभा से अनुमति लेना होगी। बिना ग्राम सभा की अनुमति के बगैर किसी की जमीन नहीं ली जा सकेगी। जमीन के अधिकार के तहत अब हर वर्ष गांव का पटवारी और वन विभाग का बीट गार्ड ग्राम सभा में गांव की भूमि की जानकारी और नक्शा प्रस्तुत करना होगा। पेसा एक्ट लागू होने के बाद से छल कपट या बहला फुसला कर किसी भी जनजातीय नागरिक की भूमि को कोई भी गैर जनजातीय व्यक्ति नहीं ले पायेगा। 



खनिज के पट्टे या सर्वे के लिए ग्राम सभा से प्रशासन को लेना होगी अनुमति

    मुख्यमन्त्री श्री चौहान ने एक्ट के प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि खनिज जैसे रेत, गिट्टी या पत्थर की खदानों के पट्टे या सर्वे कार्य के लिए अब ग्राम सभा से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है। आगे मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि खदान पर पहला अधिकार सोसायटी और गांव की बहन बेटी का और उसके बाद पुरुष का अधिकार होगा। 



अब ग्राम सभाएं तय कर सकेगी 100 हे. भूमि सिंचित करने वाले तालाबों का प्रबंधन भी

    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पेसा एक्ट के बारे में कहा कि जल का अधिकार भी ग्राम सभाओं को दिया गया है। गांव की सीमा के तालाबों का प्रबंधन ग्राम सभा ही करेगी। इसके अलावा गांवों के ऐसे तालाब जो 100 हे. भूमि तक सिंचित करते हैं। उनका प्रबंधन का कार्य भी ग्राम सभाओं को ही तय करना होगा। 


जंगल से प्राप्त होने वाली वनोपज का भाव भी ग्राम सभा के जिम्मे

    मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट में जंगल के अधिकार भी ग्राम सभाओं को दिए गए है। जंगल से प्राप्त होने वाली वनोपज जैसे-महुआ, अर्रा, बेहड़ा, निम्बोली आदि के एकत्रीकरण और उनके भाव तय करना भी ग्राम सभा का अधिकार होगा। तेंदूपत्ता भी तोड़ने का अधिकार ग्राम सभा के पास आ गया है। इसके लिए 15 दिसम्बर तक तेंदूपत्ता तोड़ने का प्रस्ताव प्रशासन/वन विभाग को देना होगा। 



नशे की दुकानें हटाने का प्रस्ताव प्रशासन को भेज सकती है ग्राम सभा

     मुख़्यमंत्री श्री चौहान ने आगे पेसा एक्ट के विषय में कहा कि पंचायतों में बाहर से आने वाले या जाने वाले श्रमिकों की भी अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा शराब, भांग या किसी नशे की दुकान गांव में रहे या नही रहे इसका निर्णय भी ग्राम सभा को दिया गया है। साथ ही नशे की दुकानों को सार्वजनिक स्थानों जैसे स्कूल, आंगनवाड़ी या अस्पताल से हटाने के लिए प्रस्ताव प्रशासन को भेज सकेगी। वही किसी विशेष पर्व या त्यौहार पर शराब बिके या नहीं बिके ये भी ग्राम सभा ही तय कर सकेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्रामीणों से कहा कि गांव में किसी भी व्यक्ति की एफआईआर लिखी गई है तो ग्राम सभा को सूचित किया जाएगा।


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