मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के चयनित नवांकुर संस्थाओे का दो दिवस प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ
संजय शर्मा संपादकहैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
धार - मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद धार के द्वारा 13 विकासखण्डो की चयनित 65 नवांकुर संस्थाओं का दो दिवसीय प्रशिक्षण के द्वितिय दिवस का प्रशिक्षण कार्यक्रम उपरान्त समापन 23 सितम्बर, 2022 को धार नगर के अनिल प्लाजा में हुआ ।
प्रशिक्षण के दिन शुभारंभ में अतिथि मुकामसिह रावत समाजसेवी एवं पूर्व उपाध्यक्ष जिला जन अभियान समिति, निलेश शर्मा समाजसेवी एवं एडव्होकेट नवनीत रत्नाकर जिला समन्वयक मध्यप्रदेष जन अभियान परिषद ने अपने विचार व्यक्त किए।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन स्त्रोत व्यक्ति के रूप में श्रीमती पूजा कुशवाह वसुधा विकास संस्था , सतीश वाणी समाधान समाज सेवा समिति , शाश्वत जैन रिसर्च एसोसिऐट, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण सस्थान, प्रवीण शर्मा मानुस सेवा संस्थान विभिन्न विषयों के रूप में प्रशिक्षण हेतु अपने अपने विचार रखे ।
श्रीमती पूजा कुशवाह के द्वारा अपने विषय अनुश्रवण एवं मुल्यांकन के विषय पर प्रशिक्षण देते हुए कहा गया कि आप किसी ग्राम में कार्य करते है तो उसको पूर्ण करने के लिए मूल्यांकन, देखरेख करना कार्य सिद्धता की ओर ले जाती है । उस कार्य के दस्तावेजीकरण करने के बारे में बताया गया । किसी भी कार्य हेतु बजट के आधार पर हम अपने कार्य का निर्धारण करते है । किसी भी ग्राम स्तर पर कार्य करने हेतु प्रचार-प्रसार, जन समुदाय, एवं अन्य आवश्यक कार्य उस कार्य की पूर्णता हेतु तैयार कर कार्य किया जाना चाहिए ।
अगले सत्र में सतीश वाणी द्वारा सामाजिक अंकेक्षण विषय पर विस्तृत प्रशिक्षण देते हुए कहा कि आय-व्यय की गणना करना हमें आवश्यक है । शासन की योजनाओं का सामाजिक सोशल ऑडिट करना आवश्यक है । शासन की योजना जो भी चलाई गई है उसका लाभ गरीब वर्ग तक पहॅुचे इस हेतु अंकेक्षण आवश्यक है । इससे लोगो को लाभ दिया या नही जानकारी प्राप्त हो जाती है । ऑडिट के द्वारा हम समाज के लोगो की कार्य की जानकारी दे सकते है । यदि आप नवांकुर संस्था द्वारा मनरेगा द्वारा किये जा रहे कार्यो का मूल्यांकन करेगें तो उसमें आप को सीखने को मिलेगा । कोई योजना यदि गलत हो रही है तो उसकी उच्च स्तर पर रिपोर्ट करना उसके कार्य की क्षमता पर कार्य का मूल्यांकन से कार्य की गुणवत्ता की जानकारी प्राप्त होती है । सोशल ऑडिट के पहले जन सुनवाई करवाना अनिवार्य होता है ।
अगले सत्र में प्रवीण शर्मा के द्वारा पुनरावलोकन एवं प्रशिक्षण की आवश्यकता विषय पर विभिन्न बिन्दुओं पर प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया गया कि हमें कार्य की गुणवत्ता के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है । सीखने एवं प्रशिक्षण के अंतर को समझाया गया । सिखने की उत्सुकता होनी आवश्यक है । गलत ढंग से सिखने में आपको हानि हो सकती है । प्रशिक्षण देने हेतु उसे विषय का विशेषज्ञ होना आवश्यक है।
अगले सत्र में शाश्वत जैन के द्वारा प्रभाव का विश्लेषण विषय पर अपने प्रशिक्षण में बताया गया कि हम आज प्रशिक्षण ले रहे है इसका अंत में अनुभव कथन के आधार पर लाभ हुआ या नहीं जानकारी प्राप्त हो जाती है । उन्होने महिलाओं को धुऍ से हानि के प्रभाव को देखते हुए शासन ने उज्जवला योजना का लाभ प्रदान कर धुऍ से मुक्ति प्रदान की है । हम आज इस प्रशिक्षण से जो सीख कर जा रहे है उसका कितना प्रभाव हुआ है जिससे हमें ग्राम में आगे कार्य कर सके । इसका विश्लेषण करना आवश्यक है ।
पश्चात् कार्यपालक निदेशक एवं उपाध्यक्ष महोदय द्वारा गठित वर्चुअल बैठक में सभी प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया । पश्चात् दस्तावेजीकरण, प्रतिवेदन लेखन,दयाराम मुवेल विकासखण्ड समन्वयक एवं कमल मेड़ा के द्वारा प्रशिक्षण दिया गया । अंत में परिचर्चा एवं अनुभव कथन जिला समन्वयक नवनीत रत्नाकर, के द्वारा लिया गया । अंत में वन्दे मातरम् द्वारा समापन कार्यक्रम रखा गया । सत्र का संचालन मनीष कुमार शर्मा विकासखण्ड समन्वयक कुक्षी के द्वारा किया गया । कार्यक्रम में कुल 80 व्यक्तियों की सहभागिता की गई ।
No comments:
Post a Comment