महर्षि श्रीअरविंदजी के 150 वें जन्म वर्ष पर एक दिवसीय व्याख्यानमाला आयोजित
महर्षि श्री अरविंदजी ऐसे व्यक्ति थे जिन्होने भारत बोध का परिचय दिया - विभाष उपाध्याय
संजय शर्मा संपादकहैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
धार । महर्षि श्रीअरविंदजी ’के 150 वे जन्म वर्ष (सार्धशती) पर आयोजित व्याख्यानमाला कार्यक्रम 05 सितम्बर, सोमवार को स्थानीय जिला अभिभाषक संघ सभा कक्ष न्यायालय परिसर धार में आयोजित किया गया । कार्यक्रम म.प्र.जन अभियान परिषर, जिला अभिभाषक संघ, धार एवं श्री अरविन्द सोसायटी शाखा धार का संयुक्त आयोजन में मुख्य अतिथि म.प्र. जन अभियान परिषद् प्रदेश उपाध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त विभाष उपाध्याय , अध्यक्षा श्रीमती कुसुम प्रेमसिह जी दत्तीगाव (रानी सा.), विशिष्ट अतिथि के रूप में सुधीर व्यास, सचिव अरविन्द सोसायटी, धार , केशवदास जी वैष्णव, उपाध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ, धार, इंदरसिंह जी ठाकुर, सचिव, जिला अभिभाषक संघ, अमित जी शाह, संभाग समन्वयक, म.प्र. जन अभियान परिषद् नीलेश शर्मा मंच पर आसीन रहे ।
कार्यक्रम में प्रारंभ में अतिथि आगमन के पश्चात् मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्वलन अतिथियों द्वारा किया गया । अतिथि परिचय निलेश जी शर्मा (एडव्होकेट) द्वारा दिया गया । प्रारंभ में दुर्गा स्त्रोत का वाचन श्रीमती रेखा व्यास, सदस्य श्री अरविन्द्र सोसायटी, धार के द्वारा किया गया । स्वागत् भाषण में अमित जी शाह ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम पूरे मध्यप्रदेश में आयोजित किये जा रहे है । मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत् किया गया ।
उद्बोधन के कार्यक्रम की श्रंृखला में सर्वप्रथम श्री सुधीर जी व्यास के द्वारा कहा गया कि श्री अरविन्द जी के जीवन की व्याख्या करते हुए कहा कि उन्हें आज स्मरण रखने की आवश्यकता है । उनके जन्म से लेकर राष्ट्रीय भक्ति और आध्यात्म के बारे में बताया गया । द्वितिय उद्बोधन में श्री केशवदास जी वैष्णव द्वारा उनके बाल्य अवस्था और शिक्षा का परिचय दिया गया । वे एक विद्धान एवं कई भाषाओं के ज्ञात और एक लेखक थे । इन्दरसिंह ठाकुर द्वारा कहा गया कि उनकी अध्यात्म तपस्या उनके जीवन की राष्ट्रीय भावना का एवं नई जागृति नई चेतना का प्रतिक है । उनके द्वारा भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है । उन्होने शांति एवं एकता का बोध कराया है ।
मुख्य अतिथि म.प्र. जन अभियान परिषद् प्रदेश उपाध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त विभाष उपाध्याय ने अपने उद्बोधन में कहा की अरविन्द जी ऐसे व्यक्ति थे जिन्होने भारत बोध का परिचय दिया हमें भारत का नागरिक होकर भारत के समाज एवं अध्यात्म के लिए हमें निरन्तर प्रयास करना चाहिए । सनातन को बनाये रखना हमारा कर्तव्य है । अरविन्द जी के जीवन गाथा एवं उनके संघर्ष का परिचय देते हुए कहा कि उनके द्वारा मात्र 18 वर्ष की उम्र में आईसीएस की परीक्षा पास कर ली थी । उन्होंने कहा कि भगवान के कई रूप विराजन है लेकिन अलग अलग देश में अलग अलग रूप में पूजा जाता है । ये चेतना का जो प्रवाह जो सबको जोड़ता है वही चेतना का प्रभाव भारत माता के लिए अर्जुन ने यही सभी के सामने रखा है । हमें अध्यात्म और सनातन धर्म को आगे बढाना होगा । हमारी भारत भूमि को इसी की आवश्यकता है । जन अभियान परिषद वही महान राष्ट्रवादी, आध्यात्म के इसी प्रकार के कार्यक्रमो को मनाकर हम नवीन चेतना को आगे बढा सकते है । अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती रानी सा. के द्वारा अपने पुराने अनुभव को रखते हुए कहा कि श्री अरविन्द के जीवन गाथा का गुणगान तथा उनके जीवन के बारे में जन-जन तक भारत में पहुचाने के लिए इसे स्कूल के पुस्तक में लेना चाहिए। उसके पश्चात् गाजनोद के पर्यावरणविद् श्री अमृतलाल पाटीदार ने 3 पौधे भेट किये । कार्यक्रम के अंत में आभार नवनीत रत्नाकर, जिला समन्वयक मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद द्वारा कहा गया । इसके पश्चात् श्री अरविन्द सोसायटी की समिति द्वारा वंदेमातरम रखा गया ।
कार्यक्रम में धार जिला अभिभाषकगण, श्री अरविन्द सोसायटी के सदस्य, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के विकासखण्ड समनवयक, डाटा एन्ट्री आपरेटर धर्मेन्द्र कुमार शर्मा, प्रस्फुटन एवं नवांकुर समिति सदस्य, स्वैच्छिक संगठन के पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकता, एवं जिला मिडिया प्रभारी संजय शर्मा, पर्यावरण विद् अमृतलाल पाटीदार,जय दीक्षित पूर्व जिला समन्वयक एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन श्री देवेन्द्र सोनोने (एडव्होकेट) द्वारा किया गया । कार्यक्रम में 300 व्यक्ति की उपस्थिति रही !
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