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Friday 22 October 2021

करवा चौथ पर पांच साल बाद बन रहा शुभ योग- ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री

 करवा चौथ पर पांच साल बाद बन रहा शुभ योग- ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री 

संजय शर्मा संपादक 

हैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल


      कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 24 अक्टूबर 2021 रविवार को पड़ रही है । खास बात ये है कि पांच साल बाद फिर इस करवा चौथ पर शुभ योग बन रहा है । उक्त जानकारी मालवा के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री ने एक विशेष जानकारी देते हुए बताया की करवा चौथ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा , तो वहीं रविवार का दिन होने की वजह से सूर्य देव का भी व्रती महिलाओं को आशीर्वाद प्राप्त होगा ।

 रोहिणी नक्षत्र में होगा चांद का पूजन

          ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री ने कहा की करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं । रात में चंद्रमा देखने के बाद व्रत खोला जाता है । कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को ये व्रत रखा जाता है । इस वर्ष ये चतुर्थी 24 अक्टूबर 2021 दिन रविवार को पड़ रही है । खास बात ये है कि पांच साल बाद फिर इस करवा चौथ पर शुभ योग बन रहा है । करवा चौथ पर इस बार रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा , तो वहीं रविवार का दिन होने से सूर्य देव का भी व्रती महिलाओं को आशीर्वाद प्राप्त होगा । रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है । सूर्य देव के आरोग्य और दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करते हैं । इस दिन महिलाएं सूर्य देव का पूजन कर पति की दीर्घायु की कामना करें । शुभ मुहूर्त में पूजन करने से व्रती महिलाओं की हर इच्छा पूरी होगी ।

          ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में चंद्रोदय और पूजन होगा । कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि इस साल 24 अक्टूबर 2021, रविवार सुबह 3:04 मिनट पर शुरू होगी , जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5:47 बजे तक रहेगी । इस दिन चंद्रोदय रात्रि 8:19 बजे होगा । पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर 2021 को शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा ।

          ज्योतिषाचार्य डाँ.अशोक शास्त्री के मुताबिक सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें । इसके बाद सरगी के रूप में मिला हुआ भोजन करें , पानी पीएं और गणेश जी की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें । इसके बाद शाम तक कुछ भी खाना - पीना नही है । पूजा के लिए सायं एक मिट्टी की वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना कर इसमें करवा रखें । एक थाली में धूप , दीप , चन्दन, रोली , सिन्दूर रखें और घी का दीपक जलाएं । पूजा चांद निकलने के एक घंटे पहले शुरु कर दें । इसके बाद चांद के दर्शन कर व्रत खोले । 


                  ज्योतिषाचार्य

          डाँ. पं. अशोक नारायण शास्त्री

          श्रीमंगलप्रद् ज्योतिष कार्यालय 

245 , एम. जी. रोड ( आनंद चौपाटी ) धार , एम. पी.

                  मो. नं.  9425491351



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