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Monday 1 March 2021

संस्कार भारती धार इकाई द्वारा नाटक के इतिहास के प्रथम नाटककार भरतमुनि जयंती के अवसर पर नृत्य नाटिका एवं लोक नृत्य का आयोजन किया गया

 संस्कार भारती धार इकाई द्वारा नाटक के इतिहास के प्रथम नाटककार  भरतमुनि जयंती के अवसर पर  नृत्य नाटिका एवं लोक नृत्य का आयोजन किया गया 

संजय शर्मा संपादक 

हैलो धार पत्रिका 

      धार - संस्कार भारती धार इकाई द्वारा नाटक के इतिहास के प्रथम नाटककार  भरतमुनि जयंती के अवसर पर संस्था के कलाकारों द्वारा  हास्य नाटिका , नृत्य नाटिका एवं लोक नृत्य का आयोजन लाल बाग में किया गया।


     संस्कार भारती  ध्येय गीत के साथ कार्यक्रम की शुरुवात हुई पश्चात  सरस्वती वंदना की प्रस्तुति नृत्य द्वारा की गई। धार के प्रसिद्ध कलाकार स्वर्गीय बद्रीलाल जी मालवीय को श्रद्धांजलि उनकी शिष्या राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त एवम नूपुर कला केंद्र की निदेशिका श्रीमती वैशाली देशमुख द्वारा नृत्य के जरिए दी गई।  नृत्य नाटिका ऋतु चक्र  की शानदार प्रस्तुति नूपुर कला केंद्र द्वारा दी गई तत्पश्चात हास्य नाटिका की प्रस्तुति संस्था के कलाकारों द्वारा दी गई जिसकी लेखिका एवम निर्देशन संस्था की सदस्य श्रीमती नीता फाटक द्वारा किया गया था।


      अतिथि  करन सिंह का स्वागत संस्था अध्यक्ष रितेश पांडेय  जयंत जोशी   का स्वागत महामंत्री विनोद चौहान एवम कार्यवाहक अध्यक्ष सुनीता देवास्कर एवम डॉ.  विजयवर्गीय का स्वागत उपाध्यक्ष योगेश शर्मा और सीमा गायकवाड़ द्वारा किया गया।

       कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रूपाली साठे द्वारा किया गया। ध्येय गीत किरण रावल,रेखा राठौर,अर्चना मुकाती एवम कुसुम द्वारा गाया गया। सरस्वती वंदना की प्रस्तुति कु, यशिका गायकवाड़ द्वारा दी गई। 

         उद्घाटन सत्र में कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व विधायक  करनसिंह पंवार ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम हमारी सभ्यता व संस्कृति की पहचान है। ऐसे आयोजनों से विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक जीवन धारा  सतत प्रवाहित होती रहती है। 


         कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सहायक संचालक जयन्त जोशी ने आचार्य भरतमुनि के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भरतमुनि ने अपने 12000 श्लोकों के ग्रंथ नाट्यशास्त्र में भारतीय संस्कृति के स्वर्णिम इतिहास के रहस्य छिपे है। सृष्टि का कोई ज्ञान, कोई शिल्प, कोई कला, कोई योग तथा कोई कर्म ऐसा नहीं है जो नाट्य में समाहित न हो। भरतमुनि ने  नाट्य में रंजकता व लोकपरकता को  ही प्रमुख तत्व प्रतिपादित किया है। 


             कार्यक्रम में प्रस्तुत हास्य नाटिका  में श्रीमती उमा मोहित,श्रीमती योगिता पुराणिक,श्रीमती निशा शर्मा,श्रीमती मंजूषा मुंडले ,श्रीमती अंजलि जोशी, कु सौम्या एवम अमेया मुंडले, कु प्रियंका देवासकर, बाल कलाकार गायन पवार और साईं साठे  की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम का समापन नूपुर कला केंद्र द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुति के साथ किया गया।कार्यक्रम मै संस्थान के सदस्य श्रीमती रुचि नायकवाड,श्रीमती किरण बांगर, श्री मति वंदना माने ,श्रीमती योगिता पुराणिक,श्रीमती भारती कराले,श्रीमती मीनाक्षी लहरे,श्रीमती भावना पवार,श्रीमती शीला,श्रीमती छाया गुंजाल,श्रीमती मीना मोर,श्रीमती नंदा मुरमकर,श्रीमति कविता अग्रवाल,श्रीमती रोहिणी देव,श्रीमती अनुसूया वैष्णव,श्रीमती अपूर्वा मोहिते,श्रीमती अनिता बोरासी, श्रीमती शीतल गायकवाड़, सुश्री संध्या,श्रीमती जया सोलंकी , सुश्री विनीता जोशी, श्री ओम सोलंकी,अनूप श्रीवास्तव,पुष्पजित भोसले,हृदय मुकाती, निरंजन पवार, अशोक पाटीदार, समर्थ ठाकुर उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन पराग भोसले ने किया। यह जानकारी अतुल कालभंवर द्वारा दी गई ।


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