भारत का अमृत महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के आदेशानुसार एवं माननीय जिला न्यायाधीश /अध्यक्ष महोदय, श्री बिनोद कुमार द्विवेदी, के निर्देशन में धार स्थित अनुसूचित जनजाति छात्रावास के छात्रों हेतु सचिव श्रीमती एस. विनीता जिविसेप्रा एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी मुकेश कौशल की सहभागिता में ’’भारत का अमृत महोत्सव’’ के शुभारंभ अवसर पर साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
ज्ञातव्य होवे कि, सन् 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगाठ पूरी होने को है। स्वाधीनता के 75वीं वर्षगाठ को हर्षउल्लास, गौरव, आजादी के वीर योद्धाओं की वीरगाथाओं से उत्प्रेरित किस्से, कहानियाॅं, त्याग, बलिदान, शहादत की कथाओं, उत्पे्ररित करने वाले जनआंदोलन-नारें आदि को याद करते हुए आगामी 75 सप्ताह तक ’’भारत का अमृत महोत्सव’’ मनाया जावेगा। दिनांक 12 मार्च, 2021 को दांडीयात्रा की वर्षगाठ व 91 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर इस महोत्सव का शुभारंभ किया गया है।
साक्षरता शिविर के माध्यम से छात्राओं के मध्य जानकारी दी गई कि हमें किस प्रकार आजादी प्राप्त हुई है, देष की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महान बलिदानियों की वीरगाथाओं को अपने हृदय में हमेशा संजोय रखना चाहिए तथा उनसे सदैव उत्प्रेरित रहना चाहिए, मातृभूमि के आव्हान पर सदैव सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए। अमृत महोत्सव मनाये जाने का उद्देष्य यही है कि, स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वाले, अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले महान क्रांतिकारियों के शौर्य की कहानियाॅं, उनके त्याग व बलिदान की गाथाए, छोटे से छोटे व बड़े से बड़े प्रत्येक आंदोलनों के प्रति हमें न केवल कृतज्ञता प्रकट करना है बल्कि उनके प्रति वंदनीय भाव के साथ, उनसे सदा उत्प्रेरित रहना है तथा देष की उन्नति, प्रगति, आत्मनिर्भरता के लिए हमेशा तैयार रहना ही नहीं है, अपितु तैयारियाॅं अनावरत चलती रहना ही चाहिए। साथ ही उपस्थित छात्रों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की संरचना, कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि प्राधिकरण का मुख्य कार्य जरूरतमंद व्यक्ति को ना केवल विधिक सहायता प्रदान करना है, बल्कि समाज को गरीब, कमजोर, शोषित वर्गो को उनके विधिक अधिकार उपलब्ध करवाये जाना है।
प्राधिकरण द्वारा संचालित नालसा योजना आदिवासियों के अधिकारों के संरक्षण के लिए विधिक सेवाए, की विस्तृत में जानकारी दी गई। साथ ही छात्रों को समझाईष दी गई कि कक्षा 10वीं से आगामी 3-4 वर्ष आपके लिए अतिमहत्वपूर्ण होते है। इन 3-4 वर्षो को बेहद सर्तकता, सावधानी व संयम से व्यतीत करना चाहिए क्योकि यह जिंदगी का वह डोर होता है जो हमारे आगामी संपूर्ण जीवन भविष्य की नींव तैयार करता है। अर्थात निर्धारण करता है।
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