HelloDharNews

HelloDharNews Hindi news Website, Daily Public News, political, crime,filmy, Media News,Helth News

Breaking

Monday 11 May 2020

मध्यप्रदेश में एफआईआर आपके द्वार प्रोजेक्ट शुरू, थाने से पुलिसकर्मी घर जाकर रिपोर्ट दर्ज करेंगे

मध्यप्रदेश में एफआईआर आपके द्वार प्रोजेक्ट शुरू, थाने से पुलिसकर्मी घर जाकर रिपोर्ट दर्ज करेंगे

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रोजेक्ट की शुरुआत की, इसे 10 संभागीय मुख्यालयों और दतिया में लागू किया गया

पहली रिपोर्ट भोपाल के जवाहर चौक में सुनील चतुर्वेदी ने अपनी कार चोरी होने की दर्ज कराई
संजय शर्मा संपादक 
हैलो धार पत्रिका 
           भोपाल- मध्य प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों और दतिया के नागरिकों को अब गंभीर अपराधों को छोड़कर अन्य मामलों में एफआईआर कराने के लिए थाने नहीं जाना होगा। बल्कि, अपराध की सूचना सिर्फ डायल 100 पर देनी होगी। इसके बाद एफआरवी (फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल) लोगों के घर जाकर एफआईआर दर्ज करेगी। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को 'एफआईआर आपके द्वार' प्रोजेक्ट की शुरुआत की। पुलिस मुख्यालय में डीजीपी विवेक जौहरी समेत पुलिस के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में एफआरवी वाहन को रवाना किया गया है।   
प्रोजेक्ट सफल हुआ तो पूरे प्रदेश में लागू करेंगे
         प्रोजेक्ट के तहत पहली रिपोर्ट भोपाल के जवाहर चौक में सुनील चतुर्वेदी ने अपनी कार चोरी होने की दर्ज कराई है। सुनील पुराना खजाना रेस्टोरेंट के सामने रहते हैं। उन्होंने अपनी कार (एमपी 04 एसटी 0959) की रिपोर्ट एफआरवी- 49 से दर्ज कराई। गृहमंत्री ने दावा किया है कि देश में ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट सफल हुआ तो इसे पूरे प्रदेश में लागू करेंगे।
3 महीने का पायलट प्रोजेक्ट 
           फिलहाल, इस पायलट प्रोजेक्ट को 3 महीने के लिए शुरू किया गया है। सभी संभागीय मुख्यालयों पर एक थाना शहरी क्षेत्र और एक ग्रामीण थाना क्षेत्र में योजना को लागू किया जाएगा। प्रदेश में 10 संभागीय मुख्यालय में भोपाल, चम्बल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, सागर, शहडोल, उज्जैन संभाग के अलावा दतिया गैर संभागीय मुख्यालय शामिल है।
6 मई को हेल्प डेस्क शुरू की थी 
                इससे पहले गृहमंत्री मिश्रा ने 6 मई को पुलिस और उनके परिवारों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क शुरू की थी। अपना कर्तव्य निभाने के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों के परिवारों की सहायता हेल्प डेस्क के माध्यम से की जाएगी। इसका प्रभारी एडीजी और आईजी स्तर का अधिकारी रहेगा। इस डेस्क की जिम्मेदारी होगी कि पुलिसकर्मियों के बच्चों को एडमिशन लेने समेत परिवारवालों की हर संभव मदद करेंगे। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों के कल्याण की प्रक्रिया नीचे से ऊपर की ओर चलेगी।

No comments:

Post a Comment