कांग्रेस छोड़ने के 27 घंटे बाद सिंधिया भाजपा में आए, बीजेपी से राजयसभा से टिकट भी ,सिंधिया ने कहा- मध्य प्रदेश में ट्रांसफर उद्योग जारी, 18 महीने में मेरे सारे सपने बिखर गए
सिंधिया अपने घर से भाजपा नेता जफर इस्लाम के साथ भाजपा मुख्यालय पहुंचे
नड्डा ने कहा- ज्योतिरादित्यजी के नेतृत्व और प्रखरता से हम वाकिफ हैं, मोदीजी के नेतृत्व में इन्हें मुख्यधारा में काम करने का मौका मिलेगा
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
नई दिल्ली- कांग्रेस छोड़ने के करीब 27 घंटे बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार दोपहर 2.50 बजे भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की तीन वजहें बताईं। पहली वास्तविकता से इनकार करना, दूसरा जड़ता का माहौल और तीसरा नई सोच और नए नेतृत्व को मान्यता न दिया जाना। ज्योतिरादित्य ने 10 मिनट स्पीच दी। इसमें 4 बार मोदी का नाम लिया, लेकिन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिक्र तक नहीं किया। उन्होंने कमलनाथ सरकार पर वादाखिलाफी, ट्रांसफर उद्योग चलाने के आरोप लगाए और कहा कि 18 महीनों में उनके सारे सपने बिखर गए। सिंधिया ने कहा कि उनके जीवन की दो अहम तारीखें हैं। पहली 30 सितंबर 2001 जब उनके पिता की मृत्यु हुई और दूसरी 10 मार्च 2020 जब उन्होंने अपने जीवन का अहम फैसला यानी कांग्रेस छोड़ने का फैसला लिया।
इसी बीच, भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा प्रत्याशी बनाया। ज्योतिरादित्य थोड़ी ही देर में भोपाल के लिए रवाना होंगे। वे यहां शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करेंगे। शुक्रवार को ही राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किए जाने की आखिरी तारीख भी है।
सिंधिया के भाषण की 10 अहम बातें
1. 10 मिनट भाषण दिया
जेपी नड्डा ने ज्योतिरादित्य की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया के भाजपा और जनसंघ में योगदान का जिक्र किया। यह स्पीच करीब ढाई मिनट की रही। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मिनट भाषण दिया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया और बोले- बाकी कल।
2. चार बार मोदी, 2-2 बार शाह और नड्डा का जिक्र
सिंधिया ने शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा को धन्यवाद देने से की। उन्होंने कहा कि देशसेवा के लिए यह मंच दिलवाने के लिए सभी का शुक्रिया। इसके बाद अपने भाषण में 2-2 बार नड्डा और शाह का जिक्र किया। नरेंद्र मोदी का जिक्र चार मौकों पर किया और उनकी तारीफ भी की।
3. दो तारीखों ने मेरा जीवन बदल दिया
सिंधिया ने कहा- कई बार ऐसे मोड़ आते हैं, जो जीवन को बदलकर रख देते हैं। दो तारीखें मेरे जीवन में अहम हैं। पहली 30 सितंबर 2001। इस दिन मैंने अपने पिता माधवराव सिंधियाजी को खोया था। यह जीवन बदलने वाला दिन था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 इस दिन नए मोड़ का सामना करके मैंने एक फैसला लिया। हमेशा माना कि हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए और राजनीति उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए। पिताजी और मैंने प्राणप्रण और पूरी श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की।
4 . कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व विडंबना
बोले- कांग्रेस आज पहले जैसी नहीं रही। राष्ट्रीय स्तर पर विडंबना है, राज्य में अलग स्थिति है। कांग्रेस की इस स्थिति के तीन बिंदु हैं। वास्तविकता से इनकार करना, जड़ता का वातावरण और नई सोच व नए नेतृत्व को मान्यता न मिलना। राष्ट्रीय स्तर की जो स्थिति है, वही मध्य प्रदेश में है।
5. 18 महीने में सारे सपने बिखर गए
"2018 में सरकार बनते वक्त कुछ सपने संजोये थे, 18 महीनों में वे सपने पूरी तरह बिखर गए। किसानों की बात हो, 10 दिन में कर्जमाफी की बात की थी, कोई वादा पूरा नहीं हुआ। किसानों को बोनस, ओलावृष्टि का मुआवजा नहीं मिला। मंदसौर के गोलीकांड के बाद मैंने सत्याग्रह छेड़ा था, लेकिन आज भी हजारों किसानों पर केस लगे हैं। नौजवान भी बेबस है। रोजगार के अवसर नहीं हैं।"
6. एमपी में ट्रांसफर उद्योग, रेत माफिया का खेल
"वचन पत्र में कहा गया था कि हर महीने अलाउंस दिया जाएगा, उसकी सुध नहीं ली गई। मध्य प्रदेश में अब भ्रष्टाचार के बड़े अवसर उत्पन्न हो गए हैं। ट्रांसफर उद्योग, रेत माफिया का खेल मध्य प्रदेश में चल रहा है।"
7. कांग्रेस के माध्यम से जनसेवा संभव नहीं
सिंधिया ने कहा कि आज मन व्यथित और दुखी है, जो स्थिति आज उत्पन्न हुई...मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति आज कांग्रेस के माध्यम से नहीं हो पा रही है। सत्य और मूल्यों के आधार पर चलने वाले व्यक्ति के तौर पर मैंने फैसला लिया है।
8 . मोदी के हाथों में देश का भविष्य सुरक्षित
सिंधिया ने कहा- योजना के क्रियान्वयन की क्षमता मोदीजी में है। आज की नहीं, भविष्य की चुनौतियों को परखना और उनके लिए योजना बनाना...यह क्षमता मोदीजी में है। मैं मानता हूं कि भारत का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित है। मुझे देशसेवा का अवसर मिलेगा इसलिए मैं सभी का कृतज्ञ हूं।
सत्र के बाद सिंधिया को मंत्री बनाया जाएगा
सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। अब सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी है। इसकी घोषणा भी बुधवार को दिल्ली में होगी। सत्र के बाद सिंधिया को केंद्र सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। कमलनाथ सरकार के 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने सिंधिया के इस्तीफे की खबर लगते ही कांग्रेस को अलविदा कह दिया था। सूत्र बता रहे हैं कि इस्तीफा देने वाले सिंधिया समर्थक विधायकों में से 5 से 7 को मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मंत्री पद दिया जा सकता है।
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