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Tuesday 11 February 2020

श्रीकांत सर की क्लास में ठहाकों के बीच बच्चों ने सीखे सफल कॅरियर के गुर हार्डवर्क के साथ स्मार्टवर्क जरूरी

श्रीकांत सर की क्लास में ठहाकों के बीच बच्चों ने सीखे सफल कॅरियर के गुर हार्डवर्क के साथ स्मार्टवर्क जरूरी

संजय शर्मा संपादक 
हैलो धार पत्रिका 
               धार - 11 फरवरी, 2020/ कलेक्टर श्रीकांत बनोठ ने कोई सवा  घण्टे तक स्थानीय पीजी काॅलेज में बच्चों से प्रेरणा संवाद किया। श्रीकांत सर की इस क्लास में बच्चों ने कॅरियर संवारने के गुर सीखे। ठहाकों के बीच दिये गये टिप्स को आत्मसात किया। इस दौरान थ्रीइडियट फिल्म के साथ ही कुपोषण ,खेलकूद और गंभीरता से पढ़ाई करने के संबंध में विस्तार से बातचीत की। बच्चों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के भी जवाब कलेक्टर ने दिये। काफी हल्के फुल्के अंदाज में कलेक्टर ने बच्चों को समझाया कि इस उम्र में भी अपनी रूची समझ इसमें कॅरियर बनाने पर जुट जाए। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता केवल कड़ी मेहनत से ही इसे हासिल किया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि हार्डवर्क के साथ स्र्माटवर्क भी जरूरी है। यह भी कोई जरूरी नहीं कि दिन रात पढ़ाई की जाए। केवल यह ख्याल रहे कि जब भी पढ़े पूरा ध्यान लगाकर पढ़े। टाईम मेनेजमेंट करें। जिस विषय में कमजोर हो, उस पर सबसे ज्यादा मेहनत करे, पूछने में संकोच न करें, ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता। पढे़ हुऐ विषयों का नोट्स जरूर बनाए। अपना सर्कल अच्छा रखें गु्रप डिस्कषन करें । प्रतियोगी परीक्षा में लाखो की संख्या में प्रतियोगी भाग लेते है। यूपीएससी परीक्षा में लगभग 10 लाख प्रतिभागी शामिल होते है। चयन केवल एक हजार का होता है। अगर यूपीएससी में किसी प्रतिभागी के चयन की संभावना देखे तो यह .01 प्रतिषत है। कलेक्टर हंसते हुए बोले कि कोई व्यक्ति 15 वी मंजिल से कूदे तो भी बचने का प्रतिषत इससे अधिक होता है। उन्होने कहा कि  प्रष्नों के उत्तर में जवाब की गुणवत्ता का सर्वाधिक महत्व है। जो भी पढ़े आनसर राईटिग की पे्रक्टीस जरूर करें। अभी समय का सदुपयोग कर ले बाद में तो सभी तरह के मनोरंजन के लिये समय रहेगा। ध्यान दें दुनिया में क्या चल रहा है, केवल किताब से ही ज्ञान नहीं बढ़ सकता। आप लोगो को यह सोचना होगा कि वर्तमान तकनीक में हर तरह के बैरियर समाप्त कर दिए है। जरूरी नहीं है कि गांव के विद्यार्थी  को कोचिंग के लिए बाहर जाना पडे। नेट के माध्यम से अच्छे से अच्छा स्टडी मटेरियल हासिल किया जा सकता है। बशर्ते टिकटाॅक में समय जाया नही किया जाए। स्वयं के आईएएस में चयन पर कलेक्टर बोले मैं भी शुरू में संषय में रहा कैसे पढूं किताना पढंू कोर्स बहुत ज्यादा है। लेकिन रणनिति बनाकर लगातार तैयारी ने मुझे सफलता दिलाई। 

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