जीवन में हम जो करेंगे वह वापस हमारे पास घूम कर आएगा - जया किशोरीजी
भागवत कथा का चौथा दिन कृष्ण जन्मोत्सव
हाथी घोड़ा पालकी... जय कन्हैया लाल की... नंद के आनंद भयो.. जय हो नंद लाल की
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार समाचार पत्र
धार- नंद के आनंद भयो...जय हो नंद लाल की ...हाथी घोड़ा पालकी... जय कन्हैया लाल... श्रीमद् भागवत कथा पांडाल में तेज आवाज में बजते हुए भजन ...मंच पर व्यासपीठ पर बैठी... जया किशोरी जी की मनमोहक नृत्य मुद्राएं ...कथा पांडाल मे ...हर तरफ नाचते ...गुनगुनाते... महिला,पुरुष व युवा... कृष्ण कन्हैया लाल की जय के... लगते जयकारे... यह नजारा था शहर में कलमखेड़ी के निकुंभ परिवार द्वारा आयोजित जया किशोरी जी की... भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग का.... माहौल देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि राजा भोज की ये धारा नगरी नंद बाबा का गोकुल गांव बन गई है! भागवत कथा का चौथा दिन कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के नाम रहा! कृष्ण जन्म उत्सव का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से लोग भागवत सुनने के लिए आए हुए थे!
कथा के चौथे दिन स्थिति यह थी कि पांडाल में पैर रखने की भी जगह नहीं थी !क्योंकि भगवान कृष्ण भागवत के नायक है यही कारण है की 7 दिन की भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव का अपना एक महत्व होता है! व्यासपीठ पर विराजित जया किशोरी जी ने कृष्ण जन्म के बाद जब अपनि मधुर वाणी में भजनों को गाना शुरू किया तो पंडाल में मौजूद हर एक श्रोता के पैर थिरकने लग गए!
कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के समापन के पश्चात चौथे दिन की भागवत कथा का विराम हो गया ! कथा के पांचवे दिन भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया जाएगा व समय दोपहर 12 से 4 रहेगा! जानकारी नितिन सिंह परिहार द्वारा दी गई!
कथा के चौथे दिन स्थिति यह थी कि पांडाल में पैर रखने की भी जगह नहीं थी !क्योंकि भगवान कृष्ण भागवत के नायक है यही कारण है की 7 दिन की भागवत कथा में कृष्ण जन्मोत्सव का अपना एक महत्व होता है! व्यासपीठ पर विराजित जया किशोरी जी ने कृष्ण जन्म के बाद जब अपनि मधुर वाणी में भजनों को गाना शुरू किया तो पंडाल में मौजूद हर एक श्रोता के पैर थिरकने लग गए!
कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के समापन के पश्चात चौथे दिन की भागवत कथा का विराम हो गया ! कथा के पांचवे दिन भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया जाएगा व समय दोपहर 12 से 4 रहेगा! जानकारी नितिन सिंह परिहार द्वारा दी गई!
सत्संग का है महत्व
भागवत कथा के चौथे दिन आज जया किशोरी जी ने इंसान के जीवन में सत्संग का क्या महत्व है इस विषय पर प्रकाश डाला !उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हर इंसान को सत्संग के लिए समय निकालना चाहिए !जो व्यक्ति मोक्ष चाहता है उसे तो सत्संग अवश्य ही करना चाहिए! लेकिन हम तभी सत्संग करते हैं जब हमें हमारे कामों से फुरसत मिलती है! हमें अपनी यह सोच बदलना होगी तभी हमारा यह मानव जीवन सार्थक हो पाएगा! हमारे आवश्यक कामों की सूची में एक काम सत्संग भी होना चाहिए और हर इंसान को कोशिश करना चाहिए कि प्रतिदिन वह सत्संग का लाभ ले!
धर्म क्या है
कृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग के पूर्व जया किशोरी जी ने श्रोताओं को यह समझाया कि धर्म क्या है!उन्होंने कहा धर्म के पांच लक्षण होते है! सत्य, दया, पवित्रता, तपश्चार्य और तितिक्षा! हर इंसान को हमेशा जीवन में सत्य की राह पर चलना चाहिए! हर इंसान के मन में जीवो व अन्य व्यक्तियों के प्रति दया के भाव भी होना चाहिए! लेकिन आज हालात यह है कि इंसान से ज्यादा दया पशुओं में है!हमें अपने आपको व अपने घर को हमेशा पवित्र रखना चाहिए! तन को साफ रखने के साथ ही हमें अपने मन को भी साफ रखना चाहिए! भगवान हमें जीवन में जो भी थे उसे ग्रहण कर ईश्वर को धन्यवाद देना चाहिए!
भागवत सुनने आए यह प्रमुख
जया किशोरी जी भारत की प्रसिद्ध भागवत वक्ताओं में से एक है! यही कारण है कि स्थानीय व आस पास के क्षेत्रों के लोगों के साथ ही प्रतिदिन कोई न कोई विशेष व्यक्ति भी उनकी भागवत कथा को सुनने के लिए आ रहा है !भागवत के चौथे दिन संस्कार भारती मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रमोद झा, धार नगरपालिका अध्यक्ष पर्वत सिंह चौहान ,जिला सहकारी बैंक के प्रशासक कुलदीप बुंदेला, मांडव नगर पंचायत के अध्यक्ष जयराम गावर,धार जनपद पंचायत सीईओ माधवाचार्य विशेष रुप से उपस्थित हुए!
No comments:
Post a Comment