कश्मीर हिन्दू बलिदान दिवस पर धार में निकली भगवा यात्रा जगह-जगह हुआ स्वागत
संजय शर्मा संपादक
हैलो - धार पत्रिका
धार - कश्मीर हिन्दू बलिदान दिवस पर भगवा परिवार द्वारा प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भगवा यात्रा निकाली गई। यात्रा को लेकर युवाओं में काफी उत्साह देखने को मिला। रविवार को स्थानीय लालबाग से भगवा यात्रा निकाली गई। डीजे और बैंड-बाजों, ढोल पर युवागण जय-जय सियाराम के नारे लगाते हुए नजर आए। यात्रा में युवावर्ग हाथों में केसरिया ध्वज लेकर चल रहे थे। यात्रा लालबाग से होकर मोहन टॉकिज, धानमंडी, आनंद चौपाटी, एमजी रोड, जवाहर मार्ग होते हुए राजवाड़ा पहुंची। यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। यात्रा में डीजे, बैंड, ढोल पर युवा जमकर थिरके। इसमें बड़ी संख्या में युवाओं के साथ अन्य लोग भी शामिल हुए।
यात्रा राजवाड़ा जैसी ही पहुंची तो वहां पर धर्म सभा का आयोजन किया गया। मंच पर श्री १०८ प्रणवपुरी महाराज (पीठाधीश्वर महामृत्युंजय मठ, उज्जैन), भगवा परिवार के आयोजक देवकरण जाट, जिला उपाध्यक्ष शशांक तिवारी, सह प्रभारी कमलसिंह सोलंकी, सह सरक्षक दिनेश सोनवानिया, नगर अध्यक्ष चेतन खेर, यात्रा प्रभारी योगेश टोकरिया और योगश परमार थे। मुख्य वक्ता श्री १०८ प्रणवपुरी महाराज (पीठाधीश्वर महामृत्युंजय मठ, उज्जैन) का स्वागत पदाधिकारियों द्वारा किया गया।
धर्मसभा का हुआ आयोजन -
यात्रा सभी को जोडऩे के लिए है मंच पर श्री १०८ प्रणवपुरी महाराज (पीठाधीश्वर महामृत्युंजय मठ, उज्जैन) राजवाड़ा पर संबोधित करते हुए रंगों का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि रंग केवल तीन है। लाल, पीला और नीला है। नीला आकाश है, लाल का प्रतिनिधि हनुमानजी करते और पीला यानि पितांबरधारी श्रीराम है। लाल और पीला आपस में मिल जाता है तो भगवा रंग होता है। ऐसे ही भगवान श्रीराम और हनुमान जब एकट्ठा हो जाते है तभी से भगवा रंग की उत्पति हुई है। हम जीतने भी लोग है सभी भगवा रंग के है। आपको इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोट से इसका महत्व बताता हूं। हमारा दो शूल शरीर है वह लाल रंग का है और हमारा जो सूक्ष्म शरीर है पीले रंग का है। जब यह आपसे में मिलते है तो भगवा रंग बनता है। यानि हम सभी भगवा रंग के ही है। यह यात्रा किसी जाति, धर्म के लिए नहीं है यह यात्रा सभी को जोडऩे के लिए है और हम उस धर्म का प्रतिपादन करते है जिसमें कहा जाता है कि भागव रंग सभी को अपना परिवार मानता है। इस दौरान संस्कृत के श्लोक से भगवा रंग के बारे में विस्तृत जानकारी मुख्य वक्ता ने दी। उक्त जानकारी विशाल माली ने दी।
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