मोदी-शाह का रहा अंतिम फैसला साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भोपाल उम्मीदवार प्रचार में प्रज्ञा के साथ रहेंगे सांसद संजर, टीम एक-दो दिन में
भोपाल से प्रज्ञा का नाम तय होते ही शिवराज और संघ हुआ एक्टिव
पुरे देश भर से साध्वी प्रज्ञा की टीम प्रचार के लिए आने की संभावना
चुनाव प्रचार में भाजपा महिला प्रताड़ना, हिंदू आतंकवाद, झूठे केस में फंसाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगी
संजय शर्मा
हैलो -धार पत्रिका
भोपाल . पूर्व मुख्यमंत्री और भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के सामने भाजपा से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मैदान में उतर चुकी हैं। बुधवार को भाजपा आलाकमान ने जब प्रज्ञा का नाम घोषित किया तो पार्टी में भी इस घोषणा पर कई तरह की चर्चाएं होने लगीं। घोषणा के एक घंटे के भीतर ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल संसदीय सीट के तमाम विधायकों, नेताओं और पदाधिकारियों को पार्टी दफ्तर में बुला लिया। बैठक में उन्होंने साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने सोच-समझकर प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाया है। इसलिए अब सभी को काम में जुटना होगा। चुनाव में भी प्रज्ञा के साथ पूरे समय सांसद आलोक संजर रहेंगे। बाकी की टीम जल्द ही तय करेंगे। एक-दो दिन में सभी विधानसभा वार सम्मेलन व बैठकों की रूपरेखा तय की जाएगी। बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत, सांसद आलोक संजर, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विधायक रामेश्वर शर्मा, सुदेश राय, कृष्णा गौर व विष्णु खत्री, महापौर आलोक शर्मा, जिलाध्यक्ष विकास वीरानी व राहुल कोठारी समेत अन्य नेता मौजूद रहे।
शिवराज की कवायद के मायने... न कोई नाराज हो, न ही विराेध उपजे, एक ही लक्ष्य- जीत
शिवराज की इस कवायद से साफ है कि भोपाल में टिकट को लेकर जो भी नाराजगी हो, उसे पनपने देने की बजाए शांत किया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों की परिभाषा भगवा को बदनाम करने की है, साधु-संतों के खिलाफ बोलने की है और हिंदुओं को लेकर टीका-टिप्पणी करने की है, उनसे लोकतंत्र में वोट से बदला लिया जा सकता है। बैठक में यह भी तय किया गया कि आने वाले दिनों में चुनाव के दौरान भाजपा महिला प्रताड़ना, हिंदू आतंकवाद और छल-कपट से षडयंत्र करके फंसाने की बात जनता तक ले जाएंगे।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का परिचय
पिता का नाम - डाॅ. चंद्रपाल सिंह कुशवाहा
जन्म - दो फरवरी 1970
स्थान - लहार, भिंड
शिक्षा - एमए (इतिहास), सीपीएड, बीपीएड
सामाजिक जीवन की शुरुआत : बाल्यकाल में राष्ट्र सेविका समिति से की। इसके बाद दुर्गा वाहिनी में सक्रिय रहीं। युवा होते ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हुईं और 1991 से 1997 तक प्रांत संगठन मंत्री का जिम्मा संभाला।
संघ भी एक्टिव : सभी नेता एक-एक वोट के लिए जुटें : प्रज्ञा की घोषणा के बाद शाम को छह बजे आरएसएस के दफ्तर प्रज्ञा दीप में संघ नेताओं के साथ भोपाल के भाजपा नेताओं की बैठक बुलाई गई। इसमें क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते भी मौजूद रहे। यहां साफ कर दिया गया कि यह संघ का टिकट है। इसलिए वोटिंग में कहीं ढिलाई नहीं होनी चाहिए। एक-एक वोट निकालने के लिए जुटें। कहीं से भी कमी की जानकारी नहीं आनी चाहिए। संन्यास लेने से पहले बहन उपमा सिंह के साथ प्रज्ञा पार्टी दफ्तर पहुंचीं। चुनाव के दौरान भी वे उनके साथ ही रहेंगी।
रामलाल-अनिल जैन ने प्रज्ञा के केस की जानकारी ली : प्रत्याशी बनाए जाने से पहले बुधवार सुबह के समय भाजपा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल और राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन ने प्रज्ञा ठाकुर को पार्टी दफ्तर बुलवाया। यहां शिवराज भी मौजूद रहे। रामलाल व जैन ने प्रज्ञा से उनके केसों (मालेगांव ब्लास्ट से जुड़े) और उनके स्वास्थ्य के बारे में पूछा। तब प्रज्ञा ने बताया कि मुंबई से उनके वकील को भोपाल बुलवा लिया गया है। वे ही नामांकन आवेदन में जानकारी भरेंगे। बताया जा रहा है कि 23 अप्रैल को नामांकन भर सकती हैं।
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