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Sunday 2 December 2018

मध्यप्रदेश में 56 सीटें तय करेंगी सत्ता का समीकरण, टिकी हैं सबकी नजरें

मध्यप्रदेश में 56  सीटें तय करेंगी सत्ता का समीकरण, टिकी हैं सबकी नजरें

प्रमुख दलों के साथ मतदाताओं के बीच भी चर्चा में हैं ये सीटें
इन पर भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला बेहद करीबी होने की संभावना
संजय शर्मा 
हैलो -धार 
           भोपाल - यह चुनाव कई मामलों में रोचक है। कोई लहर नहीं, लेकिन स्थानीय मुद्दों पर प्रत्याशियों के बीच बेहद करीबी मुकाबला है। इस वजह से प्रमुख सियासी दलों के साथ ही मतदाता भी यह कयास नहीं लगा पा रहे हैं कि किस प्रत्याशी का जोर रहा।
        ही वजह है कि प्रदेशभर में इन 56  सीटों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। कई सीटों पर निर्दलीय और बागी प्रत्याशी भी चर्चा का केंद्र हैं। प्रदेश में 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने के बाद अब मतदाताओं की नजरें ऐसी सीटों पर टिकी हैं जहां भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला बेहद करीबी हो गया है।  कई ऐसी सीटें भी हैं जहां बसपा, सपा व अन्य दलों ने भी ताकत दिखा दी है।
        खास बात यह है कि चुनावी रण में उतरे कई दिग्गज नेता भी इसके कारण पेंच में फंस गए हैं। मतदाताओं के साथ ही प्रमुख दल भाजपा, कांग्रेस व तीसरा मोर्चे के बीच इन सीटों के नतीजों को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। ऐसी चार दर्जन से ज्यादा सीटें हैं, जिन पर दलों के साथ ही मतदाता भी  गुणा-भाग में जुटे हैं। 

1.भोपाल दक्षिण-पश्चिम- इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक उमाशंकर गुप्ता और कांग्रेस के पूर्व विधायक पीसी शर्मा के बीच कांटे की टक्कर रही। यह भोपाल की सबसे ज्यादा चर्चित सीट बनी हुई है। 

2. भोपाल मध्य -  यहां भाजपा के वर्तमान विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह और कांग्रेस के आरिफ मसूद के बीच करीबी मुकाबला है। काफी हद तक हिंदू-मुस्लिम मतदाता यहां प्रत्याशी की जीत-हार तय करते हैं। आरिफ ने यहां से पिछला चुनाव भी लड़ा था। 

3.भोजपुर - कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी का सीधा मुकाबला भाजपा के वर्तमान विधायक सुरेंद्र पटवा से है। पिछली बार पटवा ने पचौरी को शिकस्त दी थी। इस सीट पर भी प्रदेश की नजरें लगी हुई हैं। 

4. सांची - भाजपा के वरिष्ठ नेता गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित ने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा। उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रभुराम चौधरी से है। यह सीट भी चर्चा का केंद्र है। 

5. सिलवानी - भाजपा सरकार में मंत्री रामपाल सिंह का मुकाबला कांग्रेस के देवेंद्र पटेल से रहा। कांटे की टक्कर की वजह से इस सीट पर मतदाताओं की नजर है। 

6. विदिशा -  लंबे समय से भाजपा के कब्जे वाली इस सीट पर मुकेश टंडन की सीधी टक्कर कांग्रेस के शशांक भार्गव से रही। आप प्रत्याशी पूर्व विंग कमांडर अनुमा आचार्य के यहां से मैदान के उतरने के कारण यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया। 

7. चाचौड़ा - कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह और भाजपा से विधायक ममता मीना का आमने-सामने का मुकाबला है। इस सीट पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं। 

8. होशंगाबाद - यहां भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा और कांग्रेस ने भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे सरताज सिंह को मैदान में उतारा। दोनों की ही क्षेत्र में गहरी पैठ है। भाजपा से टिकट न मिलने से नाराज सरताज ने कांग्रेस का दामन थामा था। 

9. छतरपुर - इस सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सत्यव्रत चतुर्वेदी के भाई आलोक चतुर्वेदी और भाजपा की अर्चना सिंह का मुकाबला रहा। भाजपा में मंत्री ललिता यादव ने यहां से अपनी सीट बदली थी। 

10. खुरई  - गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का मुकाबला कांग्रेस के अरुणोदय चौबे से हाेने से यह सीट चर्चा में है। यहां भी दोनों के बीच कांटे का मुकाबला रहा। बुंदेलखंड अंचल की यह सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है। 

11. अटेर - भाजपा के अरविंद भदौरिया का मुकाबला कांग्रेस से वर्तमान विधायक हेमंत कटारे से है। क्षेत्र में जातिगत समीकरण का भी गहरा प्रभाव है। इस वजह से यह सीट भी चर्चा में है। 

12. वारासिवनी - कांग्रेस ने इस सीट से मुख्यमंत्री के साले संजय मसानी को मैदान में उतारा। भाजपा से योगेंद्र निर्मल चुनाव लड़ रहे हैं। वे यहां से विधायक भी हैं। मसानी के चुनाव लड़ने के कारण यह सीट चर्चा में है। 

13. जबलपुर पश्चिम - भाजपा के पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू की सीधी टक्कर कांग्रेस के वर्तमान विधायक तरूण भनोत से है। पिछले चुनाव में बब्बू 923 वोटों से हारे थे। 

14 . कालापीपल - कांग्रेस ने यहां से युवा कांग्रेस के कुणाल चाैधरी पर भरोसा जताया। भाजपा से बाबूलाल वर्मा प्रत्याशी थे। यहां भी दाेनों दलों के प्रत्याशियों के बीच रोचक मुकाबला है। 

15. इंदौर 1 - भाजपा ने यहां के वर्तमान विधायक सुदर्शन गुप्ता को फिर मौका दिया। उनका मुकाबला कांग्रेस के संजय शुक्ला से हुआ। यहां भी दोनों प्रत्याशियों के बीच आमने-सामने का मुकाबला रहा। 

16. इंदौर 3 - भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश यहां से पहली बार चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेश जोशी के भतीजे अश्विन जोशी से है। दोनों ही यहां पूरी ताकत लगा रहे हैं। यह सीट पर प्रदेश भर में चर्चा में है। 

17. इंदौर 5 - यहां से भाजपा से वर्तमान विधायक महेंद्र हार्डिया और कांग्रेस के सत्यनाराण पटेल के बीच कांटे का मुकाबला है। 

18. मुरैना - भाजपा के वरिष्ठ नेता रुस्तम सिंह का मुकाबला कांग्रेस के रघुराज सिंह कसाना और बसपा के बलवीर सिंह दंडोतिया से है। यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने से सीट चर्चा में है। 

19. राजनगर - यह सीट कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे सत्यव्रत चतुर्वेदी के बेटे नितिन चतुर्वेदी के सपा से चुनाव लड़ने की वजह से चर्चा में है। यहां से भाजपा के प्रत्याशी अरविंद पटेरिया और कांग्रेस से विक्रम सिंह नातीराजा हैं। वे यहां से विधायक भी हैं। 

20. घटि्टया - यहां से भाजपा ने कांग्रेस के नेता रहे प्रेमचंद गुड्‌डू के बेटे अजीत बौरासी को टिकट दिया। कांग्रेस से रामलाल मालवीय मैदान हैं। भाजपा के वर्तमान विधायक का टिकट कटने से कार्यकर्ताओं में नाराजगी रही। इस वजह से यह सीट भी उलझी हुई है। 

21. जबलपुर पूर्व - यहां से भाजपा ने अंचल सोनकर पर पुन: विश्वास जताया। उनका मुकाबला लखन घनघोरिया रहा। इस सीट पर भी पेंच फंसा हुआ है। 

22. जबलपुर उत्तर - भाजपा ने शरद जैन को यहां से फिर टिकट दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के विनय सक्सेना से है। लेकिन जैन के सामने युवा मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा से बागी हुए धीरज पटैरिया निर्दलीय खड़े हो गए जो जैन के लिए बड़ी चुनौती हैं। 

23. बालाघाट - यहां भाजपा के गौरीशंकर बिसेन का मुकाबला कांग्रेस विश्वेश्वर भगत से है। वहीं, सपा से अनुभा मुंजारे मैदान में हैं जो पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं थी। यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले की वजह से चर्चा में है।  

24. दमोह - वित्त मंत्री जयंत मलैया की टक्कर कांग्रेस के राहुल सिंह लोधी से है। लेकिन उनके लिए भाजपा से ही बागी हुए रामकृष्ण कुसमरिया बड़ी चुनौती थे। इस वजह से शुरू से यह सीट चर्चा का विषय रही। 

25. ग्वालियर - भाजपा सरकार में मंत्री जयभान सिंह पवैया का मुकाबला कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर से है। यह सीट भी सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र है। 

26. ग्वालियर दक्षिण - यहां से भाजपा से बागी हुई पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता पार्टी के प्रत्याशी नारायण सिंह कुशवाह के लिए बड़ी चुनाैती बनीं। समीक्षा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। कांग्रेस से प्रवीण पाठक मैदान में रहे। 

27- सीहोर - पिछले चुनाव में निर्दलीय खड़े हुए सुदेश राय को भाजपा ने यहां से टिकट दिया। इस बार यहां से भाजपा के पूर्व विधायक रमेश सक्सेना की पत्नी ऊषा सक्सेना निर्दलीय चुनाव लड़ी। कांग्रेस से सुरेंद्र सिंह ठाकुर मैदान में थे। इस वजह से यह सीट चर्चा का केंद्र है। 

28. मैहर - भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का मुकाबला कांग्रेस के श्रीकांत चतुर्वेदी से है। बसपा और सपा के प्रत्याशी भी दोनों दलों के नेताओं के लिए चुनौती बने हुए हैं। 

29. निवाड़ी - यहां त्रिकोणीय मुकाबला होने से सीट फंस गई है। भाजपा ने यहां से अनिल जैन, कांग्रेस ने सुरेंद्र सिंह यादव और सपा ने मीरा यादव को मैदान में उतारा। 

30. नागौद - भाजपा ने यहां से नागेंद्र सिंह और कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है। जातिगत समीकरण की वजह से यहां दोनों में कांटे की टक्कर रही। 

31. रैगांव - पिछले चुनाव में इस सीट पर बसपा की ऊषा चौधरी ने भाजपा के पुष्पराज बागरी को 4109 मतों से हराया था।  चौधरी इस बार भी इसी सीट से चुनाव लड़ीं। उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व मंत्री जुगलकिशोर बागरी और कांग्रेस की कल्पना वर्मा से था। यहां त्रिकोणीय मुकाबला है। 

32. मनगवां - इस सीट से बसपा की वर्तमान विधायक शीला त्यागी मैदान में हैं।  इस बार भाजपा ने यहां अपना प्रत्याशी बदला है। उनका मुकाबला भाजपा के पंचूलाल प्रजापति और कांग्रेस की बबीता साकेत से था। 

33 .अमरवाड़ा -  भाजपा के प्रेमनारायण ठाकुर और कांग्रेस से वर्तमान विधायक कमलेश शाह यहां से मैदान में हैं। गाेंडवाना गणतंत्र पार्टी के वरिष्ठ नेता मनमोहन शाह बट्‌टी भी यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। वे  2003 में गोंगपा से विधायक रह चुके हैं। 

34. अंबाह - बसपा ने वर्तमान विधायक सत्यप्रकाश का मुकाबला भाजपा के गब्बर सिंह और कांग्रेस के कमलेश जाटव से रहा। यह सीट भी रोचक मुकाबले में फंसी है। 
35 . बदनावर -  भाजपा के वरिष्ठ नेता वर्तमान विधायक भंवर सिंह शेखावत और कांग्रेस दबंग नेता पूर्व विधायकराजवर्धन सिंह दत्तीगांव यहां से मैदान में हैं। तो स्थानीय उम्मीदवार का मुददा लेकर भाजपा से बागी निर्दलीय राजेश अग्रवाल मैदान में डेट हुए है।  
36  . मनावर  - भाजपा की आदिवासी नेता एंव पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती रंजना बघेल और कांग्रेस से जयस नेता डॉ हीरा लाल अलावा यहां से मैदान में हैं। तो शिवसेना से पूर्व ग्रह राजयमंत्री जगदीश मुवेल भी समीकरण बिगाड़ सकते है  
ये सीटें भी चर्चा का केंद्र  

सीट  
  भाजपा    कांग्रेस  

जौरा      सूबेदार सिंह    बनवारीलाल शर्मा 
 सुमावली  अजब सिंह   कुशवाह ऐदल सिंह कसाना
  करेरा    राजकुमार खटीक      जसवंत जाटव 
 पोहरी    प्रहलाद भारती  सुरेश रथखेड़ा 
 गुना    गोपीलाल जाटव    चंद्रप्रकाश अहिरवार 
 अशोक नगर    लड्‌डूराम कोरी    जयपाल सिंह  
 चंदेरी    भूपेंद्र द्विवेदी    गोपाल सिंह चौहान  
 पथरिया    लखन पटेल  गौरव पटेल  
 शमशाबाद    राजश्री सिंह  ज्योत्सना यादव 
 नरसिंहगढ़  राजवर्धन सिंह    गिरीश भंडारी
खिलचीपुर    हजारीलाल दांगी  प्रियव्रत सिंह  
 शुजालपुर    इंदर सिंह परमार  रामवीर सिकरवार 
 सोनकच्छ  राजेंद्र वर्मा    सज्जन सिंह वर्मा 
 हाटपिपल्या  दीपक जोशी    मनोज चौधरी  
 बड़वाह    हितेंद्र सिंह  सोलंकी      सचिन बिरला
     खरगोन    बालकिशन पाटीदार        रवि जोशी
      सेंधवा    अंतर सिंह आर्य      ग्यारसीलाल रावत  
 झाबुआ    जीएस डामोर    विक्रांत भूरिया 
 राऊ      मधु वर्मा    जीतू पटवारी  
 सांवेर    राजेश सोनकर    तुलसी सिलावट

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