सदाबहार फिल्मी गीत अध्यात्म, संस्कृति और मानवीय संवेदनाओं के प्रतीक है
इंटेक के विष्व धरोहर सप्ताह और दीपावली मिलन में गूंजे गीत और ग़ज़ल
संजय शर्मा
हैलो -धार
धार - फिल्मी गीत केवल मनोरजंन का ही माध्यम नहीं है। सदाबहार गीतों में अध्यात्म, संस्कृति और मानवीय संवेदनाओं का प्रतिबिंब परिलक्षित होता है। गीतों के माध्यम से हम उस युग के चिंतन, दर्षन और मानस को समझ सकते है। गीत कला और परम्परा के संरक्षक होते है। ये हमें हमारी उम्र से परे कभी छोटा तो कभी उम्र से बड़ा महसूस करवाने में सक्षम है। आज कलाकारों के लिए प्र्याप्त अवसर है।
ये विरासत शिक्षा और संरक्षण के लिए कार्यरत देष की अग्रणी संस्था इंटेक धार चेप्टर के संयोजक डाॅ दीपेन्द्र शर्मा ने विष्व धरोहर सप्ताह के समापन व सदस्यों के पारिवारीक दीपावली मिलन समारोह में व्यक्त किये। आयोजन का शुभारंभ युवा गायक गजेन्द्र परमार के गीत “ मेरा चाॅद मुझे आया है नज़र “ से हुआ। सुरमयी गीत संध्या को आगे बढ़ाते हुए संजय शर्मा ने जब “ दीप जले आना “ से श्रोताओं को साथ गाने पर बाध्य किया। अपनी गायिकी से अपनी अलग ही पहचान बना रहे कुषल शर्मा ने “ तुमने मुझे देखा होेकर मेहरबान “ से अमिट छाप छोड़ने में सफलता दर्ज की।
युवा गायक राजेश डाबी ने “ जाने कहाॅ गये वो दिन “ से हर उम्र के श्रोता वर्ग को आनंद उमंग से पूरित कर दिया। “ सुहानी चाॅदनी राते हमें सोने नहीं देती “ की मोहित खरे की प्रस्तुति तथा “ सजना है मुझे सजना के लिए “ तथा “ आइये मेहरबा देखिये मेहरबा “ ने आयोजन को नई उचाईया प्रदान की। सदस्यों की ओर से हरजीत सिंह होड़ा ने ग़ज़ल “षमा महफिल में जलती है “ से सबको प्रभावित किया। समारोह का सुरमयी संचालन जगदीष बोरियाला ने किया। कलाकारों का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान हरिहरदत्त शुक्ल, ष्याम शर्मा, अतुल कालभंवर, हेंमत भौंसले, प्रभाकर खामकर, श्रीमती ज्योति जोषी, श्रीमती माधवी नागर ने किया। नवीन सदस्य श्री मदनलाल मामा को सदस्यता बेंच और प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में सदस्यगण सपरिवार उपस्थित रहे। आयोजन का समापन परम्परागत व्यजंनों के सहभोज से हुआ। आभार प्रदर्षन कहानीकार महेश शर्मा ने किया। विष्व विरासत सप्ताह के आरंभ स्थानीय किले में हेरीटेज क्लब द्वारा कार्तिकेय प्रदर्षनी के हेरीटेज वाक से हुआ था। आयोजन में इंटेक धार के प्रमुख आयोजन के साथ ही आगामी गतिविधियों की जानकारी सांझा की गई। इंटेक ऐसे आयोजनों के माध्यम से स्थानीय कलाकारों और व्यजंनों को महत्व प्रदान करता है। यह जानकारी कार्यालय प्रभारी पराग भौंसले ने दी है।
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