राठौर समाज का अन्नकूट महोत्सव संपन्न. शोभायात्रा, में सफेद-केसरिया परिधान में शामिल हुए समाजजन
भगवान सत्यनारायण की नगर में निकली शोभायात्रा, सफेद-केसरिया परिधान में शामिल हुए समाजजन
संजय शर्मा
हैलो - धार
धार- सकल पंच राठौर समाज का चार दिवसीय अन्नकूट महोत्सव कार्यक्रम के तहत शनिवार को शहर में भगवान श्री सत्यनारायण की शोभायात्रा का पालकी में नगर भ्रमण हुआ। भगवान की शोभायात्रा में राठौर समाज के महिला-पुरुष केसरिया और श्वेत वस्त्र धारण करके शामिल हुए। शोभायात्रा में लोक संस्कृति से जुड़े हुए कलाकारों ने कला का प्रदर्शन भी किया। सुबह उटावद दरवाजा स्थित मंदिर प्रांगण से शोभायात्रा प्रारंभ हुई। देर शाम अन्नकूट महोत्सव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
विशाल शोभायात्रा निकली
आंवला नवमीं पर सत्यानारायण मंदिर उटावद दरवाजा धार से एक विशाल शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से प्रात: 12 बजे शुरु हुई, जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती पुन: धर्मशाला पर आकर समाप्त हुई। शोभायात्रा का नेतृत्व अन्नकूट महोत्सव के अध्यक्ष चयन राठौर (पत्रकार), समाज अध्यक्ष गिरीश राठौर सेनापति, नवयुवक मंडल अध्यक्ष जीनू, विशाल राठौर, विजय राठौर, महेश राठौर, राजू राठौर, अशोक राठौर, पूर्व अध्यक्ष मिश्रीलाल राठौर, सुरेश राठौर, मुन्नालाल राठौर, श्याम राठौर, रम्मू भाई, पिंटू मालवा, धर्मेन्द्र राठौर, रवि राठौर, सोनू राठौर, सीमांत राठौर, रूपेश राठौर, अमित राठौर सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य मौजूद थे।
देव पूजा के लिए लगाई बोली
मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र राठौर ने बताया कि समाज में भगवान श्री सत्यनारायण देव के मंदिर के ध्वज की बोली से देव पूजा को लेकर समाजजनों ने बोली के माध्यम से धर्म लाभ लिया। ध्वज चढ़ाने की बोली विशाल राठौर ने ली। वहीं भगवान की आरती का लाभ विष्णु राठौर आलुबड़ा परिवार ने लिया। छप्पन भोग की बोली का लाभ सोनिया राठौर, भगवान की पोषाख चढ़ाने का लाभ राकेश राठौर आंचल साड़ी ने लिया। संचालन सन्नी राठौर व धर्मेन्द्र राठौर ने किया। आभार श्याम लालाराम राठौर ने माना।
जिलेभर से रही समाजजनों की उपस्थिति
अन्नकूट महोत्सव में धार नगर सहित जिलेभर से राठौर बंधु शामिल हुए। शोभायात्रा के दौरान नगर में अनेक मंचों से स्वागत भी किया गया। नगर के विभिन्न चौराहों पर समाज बंधुओं एवं अन्य समाज के बैनर तले बंधुओं ने भी शोभायात्रा का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में समाज की महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुई।
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