बदनावर विधानसभा में अग्रवाल के भरोसे कांग्रेस प्रत्याशी राजा साहब चुनाव लड़ रहे है ?
धर्मेंद्र अग्निहोत्री
हैलो - धार
बदनावर- नगर गांव एवं गली मोहल्लों में जहां देखो विधानसभा चुनाव की चर्चा चल रही है सभी अपने अपने प्रत्याशी के पक्ष में पैरवी करते मिल जाएंगे कोई वर्तमान विधायक एवं भाजपा प्रत्याशी भंवर सिंह शेखावत के 5 सालों के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते नजर आ रहा है तो कोई पूर्व विधायक एवं कांग्रेस प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की तारीफ के पुल बांधता एवं भाजपा सरकार की 15 वर्षों की विफलता को गिनाते नजर आता है वही भाजपा के बागी उम्मीदवार एवं पूर्व मंडी बोर्ड डायरेक्टर राजेश अग्रवाल के समर्थक भी उन्हें साफ छवि का ईमानदार एवं स्थानीय बता कर उनकी जीत सुनिश्चित करने में लगे हैं पर पता नहीं इस रणभूमि में विजय पताका कौन लहरा पाएगा मोन बैठे मतदाताओं के मन में कौन बसा है इसका पता तो 11 दिसंबर को परिणाम के दिन ही पता लगेगा पर भाजपा से बगावत कर चुनाव लड़ रहे राजेश अग्रवाल को जनता का भरपूर प्रेम व आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है इस बात को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव अत्यधिक प्रसन्न नजर आ रहे हैं उन्हें लगता है कि अग्रवाल के चुनाव लड़ने से भाजपा की पराजय निश्चित है एवं मेरी जीत सुनिश्चित लेकिन कहा जाता है कि अति आत्मविश्वास सभी के लिए हानिकारक होता है और कहीं यही अति आत्मविश्वास दत्तीगांव को ना ले डूबे क्योंकि पिछले चुनाव में भी वह भाजपा के स्थानीय नेताओं के भरोसे चुनाव लड़े जिसका परिणाम उन्हें हार के रूप में देखना पड़ा दत्तीगांव के इस अति आत्मविश्वास के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी उत्साह की कमी नजर आ रही है साथी गोगपा से चुनाव लड़ रहे विक्रम सोलंकी को भी जनता का समर्थन मिलता नजर आ रहा है जो कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है सोलंकी उसी वोट बैंक में सेंधमारी करते नजर आ रहे हैं वहीं दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ता घर.घर संपर्क अभियान चलाकर जीत की अलख जगाने की कोशिश कर रहे हैं वही प्रचार के मामले में कांग्रेसी कार्यकर्ता भाजपा से पीछे दिखाई दे रहे हे अग्रवाल को भी भाजपा के साथ कांग्रेस के सक्रिय नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है जिससे राजनितिक चाणक्य भी मोनी बाबा बने बेठे है अब देखना यह है कि त्रिकोणीय मुकाबले में विधायक की कुर्सी किस को मिलती है
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