समरसता सम्मेलन व भारतमाता आरती में हजारो उमड़े -मंच पर सर्वधर्म सम्मेललन की गूंज
गीता ,गंगा ओर गोमाता को मानने वाला समाज हिन्दू समाज है-विकास दवे
संजय शर्मा
हैलो धार
पीथमपुर -आज औद्योगिक क्षेत्र पीथमपुर में सेक्टर नंबर 1 में स्थित इंडस टाउन मैदान पर आयोजित भारतमाता आरती व समरसता सम्मेलन में हजारो महिला व पुरुषों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई ।कार्यक्रम में मंच पर विभिन्न समाज के प्रमुखों सहित साधु संत उपस्थित थे जिन्होंने समाज को दिशा दी।कार्यक्रम में प्रवेश द्वार पर ही हिन्दू रीतिरिवाज से तिलक लगाकर सम्मान किया वही भारतमाता की मूर्ति की पूजा व आहुति देकर ही समाज को कार्यक्रम में प्रवेश दिया गया ।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में बोलते हुए ओजस्वी वक्ता विकास दवे ने संबोधित करते हुए कहा कि देश मे गीता,गंगा व गोमाता को मानने वाला समाज का प्रत्येक व्यक्ति हिन्दू है तो फिर यह समरसता कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता क्यो पड़ी यह सवाल आम जनमानस के दिमाग मे है ।भारत मे विभिन्न समाज व वर्ग के लोग निवास करते है और पूर्व में भी हमारे देश को गुलाम बनाने के लिए जो रणनीति अंग्रेजो व मुगल शासकों ने बनाई थी उसमें जातपात के विवाद पैदा कर बहुसंख्यक समाज को आपस मे लड़वाकर गुलाम बनाया था ऐसी ही विधर्मी शक्तियां भारत मे पुनः सक्रिय ही रही है जिसका हमे मुँह तोड़ जवाब देने के लिए समरसता के आयोजन कर हिन्दू समाज जाग्रत करना होगा ।
कार्यक्रम पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के संत सूर्यदेव ने भी कहा कि आज हिन्दू समाज संगठित है तो देश् विरोधी ताकते हिन्दू समाज को तोड़ने के प्रयत्न कर रही है समाज संगठित रहेगा तभी देश व समाज का भला होगा ।उज्जेन से पधारे महामंडलेश्वर अवधेश जी महाराज ने कहा कि हम वह हिन्दू है जो संत वाल्मीकि,रविदास ओर कबीर व तुलसीदास को मानते है जो स्वतः ही सिद्ध करता है कि हिन्दू समाज मे पूर्व समरसता का भाव है।हम गंगा ,नर्मदा में स्नान करने वाले व्यक्ति से कभी उसकी जात नही पूछते हमे समाज को तोड़ने वाले विधर्मियो से सावधान रहना है ।
संत सीताराम महाराज व साध्वी विद्यावती ने भी संबोधित किया।कार्यक्रम में स्वागत भाषण आयोजक हिन्दू नेता अशोक जैन ने दिया।अतिथि परिचय सहसंयोजक जीवन रघुवंशी ने दिया।कार्यक्रम में भारतमाता की आरती की गई तत्पश्चात समरसता सहभोज का आयोजन किया गया और आमंत्रित समस्त समाजबंधुओ को भारतमाता का चित्र भेंट किया गया ।आभार शैलेन्द्र शास्त्री ने माना ।कार्यक्रम ने पूर्व में हुए समरसता सम्मेलन का रिकार्ड तोड़ा ओर हजारो लोगो ने उपस्थिति दर्ज करवाई ।
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