मोदी इंदौर में बोहरा समुदाय की मस्जिद में पहुंचे कहा- राष्ट्रभक्ति के प्रति इस समुदाय की भूमिका अहम
बोहरा समाज की 4.5 लाख आबादी मध्यप्रदेश और 20 लाख देशभर मेंबोहरा मस्जिद में चल रही धर्मगुरु सैयदना अालीकदर मुफद्दल सैफुद्दीन मौला की वाअज
श्वेतांबर जैन समाज के आग्रह पर बोहरा समाज के 2 लाख लोगों ने नहीं किया मांसाहार
हैलो धार
इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इंदौर में बोहरा समाज की वाअज (प्रवचन) में शिरकत करने के लिए पहुंचे। उन्होंने यहां माणिकबाग स्थित सैफी मस्जिद में कहा सैयदना साहब ने समाज को जीने की सीख दी। बोहरा समाज दुनिया को भारत की इस ताकत से परिचित करा रहा है। शांति-सद्भाव, सत्याग्रह और राष्ट्रभक्ति के प्रति बोहरा समाज की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
मोदी ने कहा, ‘‘आप सभी के बीच आना मुझे एक नया अनुभव देता है। मुझे बताया गया कि टेक्नोलॉजी के जरिए दुनिया के अलग-अलग सेंटरों में लोग जुड़े हुए हैं, उन्हें भी मैं नमन करता हूं। इमाम हुसैन के पवित्र संदेश को आपने दिल में उतारा। हुसैन ने अन्याय-अहंकार के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। मुझे प्रसन्नता है कि बोहरा समाज का एक-एक जन इस मिशन से जुटा है। हमारे समाज की यही शक्ति है जो दूसरे देशों से अलग पहचान बनाती है।’’
गांधी जी से ट्रेन में मिले थे सैयदना साहब : ‘‘अपने देश, मातृभूमि से प्रेम की सीख सैयदना साहब देते रहे हैं। सैयदना साहब ने गांधीजी के साथ मिलकर मूल्यों की स्थापना में अहम योगदान दिया था। दोनों की मुलाकात ट्रेन में कहीं हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच संपर्क बना रहा। दोनों के बीच विचार-विमर्श और संवाद होता रहा। दांडी यात्रा के दौरान गांधीजी सैयदना साहब के घर सैफी विला में ठहरे थे। गांधीजी की मित्रता और मूल्यों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए सैयदना साहब ने सैफी विला देश को दान कर दिया था।’’
मोदी के दौरे के राजनीतिक मायने : बोहरा समाज के 35 हजार लोग इंदौर, साढ़े चार लाख लोग मध्यप्रदेश और 20 लाख देशभर में रहते हैं। इसी साल मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव हैं। इन चुनावों की वजह से प्रधानमंत्री के इस दौरे को परोक्ष रूप से राजनीतिक फायदे और चुनावी कैंपेन से जोड़कर देखा जा रहा है।
लोगों से खाली हाथ आने की अपील : प्रधानमंत्री इससे पहले 23 जून को इंदौर आए थे। प्रधानमंत्री के आने-जाने वाले मार्ग में 20 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान हैं। इन्हें सुरक्षा के मद्देनजर बंद रखा गया है। मस्जिद में प्रवेश के सभी 10 दरवाजों पर एसपीजी और पुलिस का पहरा है। गुरुवार रात को ही समाज के सभी लोगों को संदेश भेजा गया कि शुक्रवार को कोई भी मोबाइल फोन, पानी की बॉटल, बैग या फिर कोई अन्य सामान लेकर नहीं पहुंचे।
बोहरा समाज ने एक दिन नहीं किया मासांहार : वाअज के दूसरे दिन बोहरा समाज के दो लाख लोगों ने श्वेतांबर जैन समाज के आग्रह पर पर्युषण पर्व के आखिरी दिन गुरुवार को शाकाहार भोजन ही किया। ऐसा पहली बार हुआ जब किसी धर्म के आग्रह को दूसरे धर्म के प्रमुख गुरु ने स्वीकार किया।
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