छात्र राजनीति से सफर शुरुआत कर आज विकास पुरुष के नाम से जाने जाते विक्रम वर्मा
जीवन की शुरुआत
मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे प्राथमिक शिक्षा धरमपुरी उच्य शिक्षा बड़वानी और क्रिश्चन कालेज इंदौर से प्राप्त की राजनीति में प्रवेश छात्र राजनीति से किया और नगर पंचायत अध्यक्ष ,विधायक ,शिक्षा मंत्री ,नेता प्रतिपक्ष ,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ,केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रिय उपाध्यक्ष के रूप में ज़िम्मेदारी निभा चुके है राष्ट्रिय राजनीति में स्व कुशाभाऊ ठाकरे ,स्व अटल बिहारी वाजपेयी ,साथ ही माताजी स्व श्रीमती सुन्दर बाई वर्मा का मार्गदर्शन मिला।
विक्रम वर्मा धार की राजनीति एक ऐसा नाम है जो विकास पुरुष के नाम से जाना जाता है ,विक्रम वर्मा में अभूतपूर्व नेतृत्व क्षमता है जो किसी भी परिस्थिति में बाज़ी अपने पक्ष में करने की कला माहिर है ,अगर विक्रम वर्मा जी की विकास कार्यो की गाथा लिखें तो क़िताब के हज़ारो पन्ने भर जाएगें।
नाम श्री विक्रम वर्मा
कार्य क्षेत्र राजनीति
जन्म 23 जनवरी 1944
जन्म स्थान धरमपुरी जिला धार
पिता का नाम स्व श्री गणपत जी वर्मा
वर्तमान पता ऑफिर्सस कालोनी धार
आय का स्त्रोत कृषि
शिक्षा एम ए (हिन्दी राजनीति शास्त्र )एल एल बी
परिवार में सदस्य कुल 5 (3 बेटी )
कार्य क्षेत्र में इन पदों पर रहे
13 दिसंबर 1969 से 31 दिसंबर 1973 तक धरमपुरी नगर पंचायत अध्यक्ष रहे। 1977 में धार विधानसभा सदस्य बनकर पहली बार विधायक बने ,1977 में म.प्र.सरकार के मंत्रिमंडल में शिक्षा व समाज कल्याण विभाग के संसदीय सचिव रहे ,1989 में पटवा सरकार में कैबिनेट व उच्य शिक्षा एंव खेल युवा कल्याण मंत्री बने ,1993 में नेता प्रतिपक्ष म.प्र विधानसभा ,1998 में प्रदेश भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष ,1999 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। वर्ष 2002 में राज्यसभा सदस्य , वर्ष 2002 अटल जी की सरकार में केंद्रीय खेल एंव युवा कल्याण मंत्री के रूप में राष्ट्रिय राजनीति में कदम रखा। 2006 में दोबारा राज्यसभा सदस्य चुने गए ,पूर्व राष्ट्रिय अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह ने वर्मा जी को भाजपा राष्ट्रिय उपाध्य्क्ष पद पर नियुक्त किया। जेनेवा में राष्ट्रमंडल खेल संघ की भारत को पहली बार कामनवेल्थ गेम्स में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिले इस हेतु प्रयास किया ,वर्तमान में इनकी पत्नी श्रीमती नीना विक्रम वर्मा धार विधानसभा क्षेत्र की विधायक है.
विशेष कार्य
जनसंघ एंव भाजपा के सत्याग्रह आंदोलन के दौरान कई बार जेल भी गए। मीसाबंदी ( लोकतांत्रिक सेनिक )के रूप में 18 माह मंडला जेल बंद रहे। सन 1965 में छात्र आंदोलन (अंग्रेजी हटाओ आंदोलन)में भी भाग लेकर डेढ़ माह तक जेल में बंद रहे। वर्ष 2018 में शिवराज सरकार में लोकतांत्रिक सेनिक के रूप ताम्र पत्र भेंट कर सम्मान किया
संजय शर्मा
संपादक हैलो-धार पत्रिका,न्यूज़ पोर्टल,
साप्ताहिक समाचार -पत्र
9893475407
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