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Thursday 2 August 2018

17 दलों को ईवीएम पर भरोसा नहीं, आम चुनाव बैलट पेपर से कराने के लिए अगले हफ्ते चुनाव आयोग से मिलेंगे

17 दलों को ईवीएम पर भरोसा नहीं, आम चुनाव बैलट पेपर से कराने के लिए अगले हफ्ते चुनाव आयोग से मिलेंगे मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बैलट पेपर से आम चुनाव कराने की संभावना से इनकार जून में कर दिया था

- बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रहे दलों का नेतृत्व तृणमूल कांग्रेस कर रही 
- ममता ने बीते तीन दिनों में विपक्षी नेताओं से मुलाकात में भी यही मुद्दा उठाया
      नई दिल्ली.   2019 का लोकसभा चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की बजाय बैलट पेपर से कराने की मांग को लेकर 17 दलों के नेता अगले हफ्ते चुनाव आयोग से मिल सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को कहा कि इस मुद्दे पर ये दल सहमत हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिन से दिल्ली के दौरे पर हैं। वे एनडीए के तीन सांसदों समेत 13 नेताओं से मिल चुकी हैं। विपक्ष के नेताओं से मुलाकात के दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता ने बैलट पेपर से चुनाव कराने की अपनी मांग पर चर्चा की। कहा जा रहा है कि कांग्रेस, सपा, तेदेपा समेत ज्यादातर पार्टियों से उन्हें समर्थन मिल चुका है। 
बैलेट पेपर से वोटिंग की मांग कर रहे 17 दल कौन से हैं? इसे लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। कहा जा रहा है कि इनमें तृणमूल के अलावा कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जनता दल सेक्युलर, तेदेपा, भाकपा, माकपा और राष्ट्रीय जनता दल के नाम शामिल हैं। तृणमूल को शिवसेना से भी समर्थन मिलने की उम्मीद है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर चुके हैं। बुधवार को ममता ने शिवसेना सांसद संजय राउत से मुलाकात भी की थी।
 सपा ने कहा था- आयोग के सामने धरना देंगे : पिछले दिनों समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी बैलट पेपर से चुनाव कराने का मुद्दा उठाया था। पार्टी नेता रामगोपाल यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी चुनाव आयोग के सामने यह मांग उठाएगी। यदि मांग नहीं मानी गई तो पार्टी आयोग के दफ्तर के सामने धरना देगी।
 चुनाव आयोग ने कहा था-  ईवीएम फुलप्रूफ :  ईवीएम बनाम बैलेट पेपर का मुद्दा मई 2017 में शुरू हुआ। उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद सपा और बसपा ने ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था। इसके बाद 2017 में ही चुनाव आयोग ने दिल्ली में ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। उस वक्त भी आयोग ने कहा था कि ईवीएम फुलप्रूफ हैं। इनसे छेड़छाड़ संभव ही नहीं है। वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने आम चुनाव बैलट पेपर से कराने की संभावना से जून में इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े नहीं किए जा सकते। 

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