सरल बिजली बिल स्कीम और मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम मंजूर
एक करोड़ 65 लाख हितग्राही होंगे लाभान्वित
मंत्रि-परिषद के निर्णय
भोपाल : मंगलवार, जून 5, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज हुई मत्रि-परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना-2018 के पंजीकृत श्रमिकों के लिये सरल बिजली बिल स्कीम और मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम को मंजूरी दी गई।
सरल बिजली बिल स्कीम में मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना-2018 के तहत पंजीकृत श्रमिक पात्र होंगे। पात्रताधारी परिवारों को बिना कनेक्शन प्रभार लिये (नि:शुल्क) विद्युत कनेक्शन की सुविधा मिलेगी। पात्रताधारी उपभोक्ता द्वारा मासिक बिल मात्र 200 रूपये प्रति-माह तक देय होगा। रूपये 200 से कम का बिल होने पर उपभोक्ताओं को वास्तविक देय राशि का भुगतान ही करना होगा। वास्तविक बिल 200 रूपये से अधिक होने पर अंतर की राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जायेगी। शासन द्वारा प्रदाय की जाने वाली अनुमानित सब्सिडी राशि 1000 करोड़ रूपये होगी। इससे 88 लाख हितग्राही लाभांवित होंगे। यह स्कीम एक जुलाई, 2018 से लागू होगी। इस स्कीम में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में घर में बल्ब, पंखा एवं टी.वी चलाने के लिये सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम 2018 में मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना 2018 में पंजीकृत श्रमिकों एवं गरीबों के 5179 करोड़ रूपये के बकाया बिजली बिल माफ होंगे। इसमें मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना-2018 में पंजीकृत श्रमिक एवं बीपीएल उपभोक्ता पात्र होंगे। इस स्कीम में 30 जून 2018 की स्थिति में पूर्ण मूल बकाया एवं सरचार्ज राशि की माफी होगी। सरचार्ज की संपूर्ण राशि तथा मूल बकाया राशि का 50 प्रतिशत वितरण कंपनियों द्वारा वहन किया जायेगा। मूल बकाया की शेष 50 प्रतिशत राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जायेगी। यह स्कीम एक जुलाई, 2018 (बिल अगस्त 2018) से लागू होगी। इस स्कीम में अनुमानित सब्सिडी 1806 करोड़ रूपये है और 77 लाख हितग्राही इससे लाभांवित होंगे। जुलाई 2018 से कैम्प लगाकर हितग्राहियों को पंजीयन एवं लाभ देने की सुविधा प्रदान की जायेगी।
इसके अलावा जले/खराब मीटर बदलने एवं प्री पेड मीटर सहित मीटर लगवाने की योजना और मीटरीकरण का काम मार्च 2020 तक संपन्न होगा। दोनों स्कीम में आवश्यकतानुसार आंशिक संशोधन करने के लिये ऊर्जा विभाग अधिकृत रहेगा।
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