धारा नगरी में आस्था के साथ खींचा भगवान जगन्नााथ का रथ, पुष्प वर्षा की
शहर में पहली बार निकाली गई भगवान जगन्नााथ की रथयात्रा का भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया
संजय शर्मा संपादकहैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
धार । शहर में पहली बार निकाली गई भगवान जगन्नााथ की रथयात्रा का भक्तों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। मोतीबाग चौक में विधायक नीना वर्मा, भाजपा के जिलाध्यक्ष राजीव यादव और 18 पुराण समिति के सदस्यों ने आरती और पूजन कर यात्रा का शुभारंभ किया।
यात्रा में इस्कान प्रभारी आचार्य कृष्ण अर्चना दास सहित उनकी टीम ने रास्तेभर कृष्ण भक्ति के भजनों की प्रस्तुति दी। इससे यात्रा में शामिल महिलाएं और पुरुष झूम उठे। रथयात्रा में हजार लोगों की सहभागिता हुई। करीब तीन किलोमीटर लंबी यात्रा का 60 से अधिक स्थानों पर मंच लगाकर स्वागत किया गया। शहर के करीब 10 हजार से अधिक लोगों ने पूजा -अर्चना और स्वागत में अपनी सहभागिता की। यात्रा मोती बाग चौक से शुरू हुई जो सांवरिया सेठ मंदिर पर समाप्त हुई। जहां महाआरती और छप्पन भोग का आयोजन किया गया।
बता दें कि शहर में पहली बार निकली भगवान श्री जगन्नााथजी की रथयात्रा का आयोजन श्री सांवरिया सेठ मंदिर व 18 महापुराण एवं इस्कान द्वारा किया गया। यह यात्रा मोतीबाग चौक से प्रारंभ होकर राजवाड़ा चौक, आनंद चौपाटी, धानमंडी, कश्यप भवन, मोहन टॉकीज, घोड़ा चौपाटी होते हुए त्रिमूर्ति नगर स्थित सांवरिया मंदिर सेठ पहुंची। तत्पश्चात छप्पन भोग, दर्शन एवं महाआरती का आयोजन किया।
यात्रा का रास्तेभर स्वयंसेवी संगठनों सहित राजनीतिक दलों सामाजिक संस्थाओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। भोज उत्सव समिति के संरक्षक अशोक जैन, गोपाल शर्मा,सहित धार शहर की जनता ने पलक पावड़े बिछाकर स्वागत किया।
भगवान की भक्ति से जोड़ना है
इस्कान प्रभारी आचार्य श्रीकृष्ण अर्चना दासजी ने बताया कि भगवान श्री जगन्नााथ, बलभद्र और सुभद्राजी और उनके रथ इंदौर से आए। धार की जनता ने दर्शन किए। श्री जगन्नााथ रथयात्रा का उद्देश्य यह है कि भगवान जगन्नााथजी की कृपा घर-घर तक हर इंसान हर व्यक्ति तक पहुंचे। भक्ति मार्ग से लोग जुड़ें। सभी को भगवान की भक्ति से जोड़ना जगन्नााथ रथयात्रा का मुख्य उद्देश्य है ताकि लोग इस्कान के माध्यम से भक्ति मार्ग के बारे में जाने।
सांवरिया सेठ मंदिर के ट्रस्टी एवं यात्रा प्रभारी स्वयंप्रकाश सोनी ने कहा कि जगन्नााथ रथयात्रा का स्वरूप भव्य रहा। इस अवसर पर स्वयंप्रकाश सोनी, अशोक मनोहर जोशी, डॉ . अशोक शास्त्री एवं ओमप्रकाश सोलंकी,अशोक जैन,श्रीकांत द्विवेदी आदि उपस्थित थे।
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