भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी का विवाह प्रेम और आदर्श का प्रतीक है - भागवताचार्य पंडित रमाकांत व्यास
श्री साँवरिया सेठ मंदिर त्रिमुर्ति नगर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का हुआ समापन
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
धार । श्री साँवरिया सेठ मंदिर त्रिमुर्ति नगर में मुख्य यजमान अशोक-सोनिया जोशी द्वारा पित्र मोक्ष के उद्देश्य से चल रही सात दिनी श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन भागवताचार्य पंडित रमाकांत व्यास ने रुक्मिणी विवाह कथा सुनाई। कथा में भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह प्रसंग आने पर श्रद्घालु झूम उठे और धूमधाम से विवाह संपन्न कराया। भजनों के बीच राधा-कृष्ण संग सखियों और भक्तों ने महारास का आनंद लिया। दोनों प्रसंगों के दौरान जय श्रीकृष्ण, राधे-कृष्ण के जयकारे से मंदिर परिसर भक्ति मय हो गया। भक्तों को संबोधित करते हुए कहा भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी का विवाह एक आदर्श विवाह है। रुक्मिणी साक्षात् लक्ष्मी और श्रीकृष्ण साक्षात् नारायण है।
उन्होंने कहा भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी का विवाह प्रेम और आदर्श का प्रतीक है और भगवान ने श्रीकृष्ण अवतार में जहां एक तरफ गोपियों का चीर चुराकर उन्हें भक्ति और प्रेम की शिक्षा दी, वहीं उन्होंने द्रोपदी का चीर बढ़ाकर उसकी लाज रखी थी। भगवान ने श्रीकृष्ण अवतार में जहां एक तरफ गोपियों का चीर चुराकर उन्हें भक्ति और प्रेम की शिक्षा दी श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह प्रसंग पर भक्त भी भजनों पर जमकर थिरके, भगवन श्रीकृष्ण और रूखमणी के रूप में अश्विन जोशी सपत्निक मंच पर विवाह समारोह आयोजित किया गया जिसमें आचार्य पंडित हरिनारायण शास्त्री ने आशिर्वाद दिया।
कथा समापन अवसर पर जोशी दंपत्ति द्वारा श्रीमद् भागवत का पूजन कर आरती की गई साथ ही धर्म प्रेमी जनता व शिव नारायण जोशी, अ आनंदीलाल शर्मा, सुरेश जोशी दिनेश जोशी पीयूष जोशी अश्विन जोशी, दशरथ सिग्गा प्रकाश जोशी, संजय शर्मा पत्रकार, ओम प्रकाश सौलंकी, महेंद्र दुबे,मनोज शर्मा,प्रताप सिंह रघुवंशी,हीरालाल देवनानी,महेश शर्मा,मनोज शर्मा,श्याम दुबे, गोपाल कृष्ण दुबे, अमृतलाल,हिमांशु,गोपालदास गुप्ता,अजीत जैन सहित अनेक लोग ने भागवत पुराण की आरती कर पूजन किया ।
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