एक ध्वज के साथ धार शहर में निकला चरेवेति 48 किलोमीटर पथ संचलन, 4 हजार स्वयंसेवकों ने की सहभागिता
सुबह 8 से शाम 4 बजे तक 14 बस्तियों में लगातार पथ संचलन निकला
स्वयंसेवकों का नगर भर में घर-घर से आरती उतारकर ,दीपक लगाकर, रंगोली बनाकर ,पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका/ हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
धार - नगर में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चरेवेति पथ संचलन का आयोजन किया गया। रविवार को सुबह 8 बजे संचलन की शुरुआत हुई। किला मैदान शिवाजी बस्ती से पथ संचलन बैंड धुर के साथ शुरू हुआ। यहां से यह पथ संचलन 14 बस्तियों में जुड़ते गया। एक के बाद एक बस्ती में ध्वज का हस्तांतरण करते हुए यह पथ संचलन निकाला गया। इसमें 4000 अधिकतम सेवकों ने सहभागिता की।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सुबह से लेकर दोपहर के बीच में, बारिश होती रही लेकिन स्वयं सेवकों का उत्साह बना रहा। इस तरह से धार शहर में 8 घंटे तक लगातार पथ संचलन निकला। स्वयंसेवकों का नगर भर में घर-घर से आरती उतारकर ,दीपक लगाकर, रंगोली बनाकर ,पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया।
स्वयंसेवक संघ द्वारा इस बार चरेवेति पथ संचलन निकाले जाने का फैसला लिया गया था। इसी के तहत दशहरे के अवसर पर रविवार को निकाला गया।
इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। एक बस्ती से संचलन निकलने के बाद दूसरी बस्ती पहुंचा। जहां पर दूसरी बस्ती के प्रमुख व्यक्ति को ध्वज दिया गया। इस तरह से मशाल दौड़ में होता है, उसी तरह से यहां पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक ध्वज पहुंचा और यह क्रम दिनभर जारी रहा।
बीती रात से ही मौसम में बदलाव आ गया था। रात से ही बारिश हो रही है। यह बारिश का क्रम रुक-रुक कर बूंदाबांदी के साथ आज सुबह तक जारी रहा। हालांकि दोपहर बाद सामान्य स्थिति हो गई थी। लेकिन फिर दोपहर 3 बजे बाद बारिश का दौर शुरू हुआ इस तरह से मौसम सेवकों ने मौसम की परवाह किए बिना दिन भर अपने क्षेत्र का भ्रमण किया।
पथ संचलन में अनुशासन बद्ध तरीके से चलकर समाज को एकता और अखंडता का संदेश दिया। इसमें स्वयंसेवक गणवेश धारण किए हुए और दंड उठाए हुए चल रहे थे। इनका नगर भर में स्वागत किया गया। इस तरह से नगर में करीब 48 किलोमीटर के हिस्से में यह पथ संचलन निकला और इसमें करीब 4000 से अधिक सेवकों ने भागीदारी की। वहीं संघ के स्थानीय प्रमुख पदाधिकारी व्यवस्था संभाले हुए थे। दिनभर पथ संचलन को लेकर शहर में भी उत्साह का वातावरण रहा।
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