मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया महाराजा भोज उद्यान में राजा भोज की प्रतिमा का अनावरण एवं शिल्प कला दीर्घा का लोकार्पण
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला मुख्यालय स्थित इन्दौर नाका पर 3.47 करोड़ की लागत से निर्मित महाराजा भोज उद्यान के लोकार्पण के साथ-साथ वहां स्थापित की गई राजा भोज की प्रतिमा का अनावरण कर पुष्पांजलि अर्पित की तथा शिल्प कला दीर्घा (हाट बाजार) का फीता काटकर लोकार्पण किया। इसके पश्चात उन्होंने पंचवर्षीय रोड़ मैप का विमोचन किया।
साथ ही उन्होंने उद्यान के परिसर व शिल्प कला दीर्घा (हाट बाजार) का अवलोकन कर पूर्ण रूप से जानकारी प्राप्त कर प्रशंसा की। लोकार्पण के साथ ही यह उद्यान व शिल्प कला दीर्घा (हाट बाजार) आम लोगों के लिए प्रारम्भ भी हुआ। लोग यहां अपने परिवार व ईष्ट मित्रों के साथ आकर यहां का आनन्द ले सकते हैं। इस उद्यान में हरियाली होने से नगरवासियों को बढ़ीया सौगात उपलब्ध हुई हैं। उद्यान में दो गजीबों को निर्माण किया गया। जहां लोग बैठकर प्रणायाम भी कर सकते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि धार की पहचान राजा भोज से है, राजा भोज ने पूरे प्रदेश को सुशासन का मंत्र दिया था, हमारी अध्येय, आस्था व श्रद्धा का केंद्र है राजा भोज, जिनसे हम प्रेरणा प्राप्त करते हैं। उनकी भव्य प्रतिमा यहां लगाई गई है। प्रतिमा को देखकर सचमुच में मन आनंदित हुआ। मैं प्रतिमा के निर्माण के इस फैसले पर आप सभी का अभिनंदन करता हूं। जिन कलाकारों ने बनाया है उनको भी धन्यवाद देता हूं। प्रतिमा के साथ साथ राजा भोज उद्यान, हाट बाजार भी बनाया गया है। हाट बाजार का लाभ धार की जनता उठाएगी। शिल्पकार, कलाकार तथा अलग-अलग सामान बनाने वाले कलाकारों को भी इसका लाभ निश्चित तौर पर मिलेगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने कहा कि आज राजा भोज की प्रतिमा के अनावरण के साथ हमारा सपना पूरा हुआ है, परिसर को भव्य रूप देने के लिए और भी धनराशि की जरूरत पड़ेगी, उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस संबंध में उचित निर्णय लें।
भोज उद्यान की विशेषताएं
मुख्यमंत्री अधोसंरचना के द्वितीय चरण 9 हजार 500 वर्ग मीटर में ऐतिहासिक स्वरूप में निर्मित किए गए इस उद्यान की विशेषताएं यह है कि यहां राजा भोज की विशेष कांस्य की 15 फीट ऊंची तथा करीब 2 हजार 300 किलो वजनी प्रतिमा स्थापित की गई है। यह पूरे प्रदेश की दूसरी भोज प्रतिमा है। भोज उद्यान का परिसर किला नुमा बनाया गया है। इसमे दो भव्य द्वार बनाए गए है। साथ ही लोगो के बैठने के लिए लाल पत्थर से बैठक निर्मित की गई है। यहां फव्वारे एवं कलाकृतियां सजाई गई है। निर्मि हाट बाजार मे शिल्पियों के लिए 42 दुकानों का निर्माण कराया गया है। महिलाओं एवं पुरुषों के लिये सुविधाघर का निर्माण, टू व्हीलर व फोर व्हीलर वाहनों के लिए सुव्यवस्थित पार्किंग, हाट बाजार का ंतपमस अपमू ीमÛंहवदंस ेजंत चंजजमतद, एलईडी लाइट्स से सज सज्जा, वर्षा जल निकासी के लिए सम्पुर्ण परिसर में नालियों का प्रावधान बनाया गया है।
राजा भोज परमार या पंवार वंश के नौवें राजा थे।परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी (धार) से आठवीं शताब्दी से लेकर चैदहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक राज्य किया था। कहा जाता है कि वर्तमान मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को राजा भोज ने ही बसाया था, तब उसका नाम भोजपाल नगर था, जो कि कालान्तर में भूपाल और फिर भोपाल हो गया। उन्होने सन् 1000 ई. से 1055 ई. तक राज्य किया। धार में भोज शोध संस्थान में भोज के ग्रन्थों का संकलन है। भोज रचित 84 ग्रन्थों में दुनिया में केवल 21 ग्रन्थ ही शेष है। भोज धारा नगरी के श्सिन्धुलश् नामक राजा के पुत्र थे और इनकी माता का नाम सावित्री था। जब ये पाँच वर्ष के थे, तभी इनके पिता अपना राज्य और इनके पालनपोषण का भार अपने भाई मुंज पर छोड़कर स्वर्गवासी हुए थे।
इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री डॉ महेंद्र सिंह सिसोदिया, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, धार-महू लोकसभा क्षेत्र सांसद छतर सिंह दरबार, विधायक नीना वर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार विक्रम वर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री म.प्र. शासन रंजना बघेल, भाजपा जिला अध्यक्ष राजीव यादव, नगर पालिका अध्यक्ष पर्वत सिंह चैहान, उपाध्यक्ष कालीचरण सोनवानिया धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह सहित समस्त पार्षद गण अधिकारी कर्मचारी वह गणमान्य नागरिकता आदि मौजुद थे।
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