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Sunday 28 March 2021

ग्राम लबरावदा में किसान चौपाल लगाकर कलेक्टर ने सुना जैविक खेती और नफे का गणित बोले किसानों की समृद्धि का आधार बनेगी जैविक खेती

 ग्राम लबरावदा में किसान चौपाल लगाकर कलेक्टर  ने सुना जैविक खेती और नफे का गणित बोले किसानों की समृद्धि का आधार बनेगी जैविक खेती

कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने जैविक कृषक नरेंद्र सिंह राठौड़ के जैविक पद्धति से खेती का किया अवलोकन 

संजय शर्मा संपादक 

हैलो धार पत्रिका 

             धार - कलेक्टर आलोक कुमार सिंह गत दिवस ग्राम लबरावदा पहुंचे। यहां किसान चौपाल लगाकर जैविक खेती और उसके नफे के गणित के बारे में जैविक खेती करने वाले किसानों से चर्चा की। कलेक्टर बोले किसानों की समृद्धि का आधार बनेगी जैविक खेती। कलेक्टर ने यहां जैविक कृषक नरेंद्र सिंह राठौड़ के जैविक पद्धति से खेती का  अवलोकन किया।ग्राम लबरावदा के उन्नतशील कृषक नरेंद्र सिंह राठौड़ की 30 बीघा जमीन सौ प्रतिशत गाय आधारित जैविक खेती कर रहे हैं। पुराने सोना मोती गेहूं व देसी बंसी गेहूं सहित अदरक, हल्दी, प्याज, लहसुन, सफेद मूसली, मक्का, तरबूज, केले,  अमरूद की खेती करते हैं।


           खेती का अवलोकन कर कलेक्टर ने कृषक के खेत पर ही वृक्षों की छाव में क्षेत्रीय कृषकों से चर्चा की। कलेक्टर श्री सिंह ने किसानों से चर्चा करते हुए कहा की  किसान हित में और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हमेशा से प्रयासरत रहना चाहिए।जैविक खेती से किसानों के खेत में उर्वरक क्षमता बढ़ती है।जैविक पद्धति से खेती उत्पादन किया हुआ खाद्यान्न स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। 


     उन्नतशील कृषक नरेंद्र राठौड़ ने बताया की  विगत दिनों मध्य प्रदेश शासन के कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा इंदौर में सम्मानित किया गया और वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा भोपाल में सम्मानित किया गया और वे मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था भोपाल द्वारा विगत 4  वर्षों से पंजीकृत भी हैं।


 

      ज्ञात रहे कि किसान नरेंद्रसिंह राठौर ने अपने तीस बीघा खेत में जैविक खाद का प्रयोग कर रहे है। उनका कहना है कि जैविक खेत से मुझे काफी लाभ मिला रहा है। जैविक खेती के अलावा नरेंद्रसिंह राठौर ने अपने खेत पर ड्रिप इंरीगेशन भी लगा रखा है। उनका कहना है कि चने, आलू, अदरक, लहसून, प्याज, मटर, गेहूं, तरबूज और खरबूज जैसी फसल ली है। इन फसलों पर जैविक खाद ही डालता हूँ। जैविक खाद से सब्जियों का भी एक अलग ही टेस्ट आ रहा है। 


         उन्होंने एक खेती पर तीन फसल लगा रखी है। उनका कहना है कि ड्रिप इंरीगेशन के चलते मैं तीन फसल को बो कर मुनाफा कमा रहा हूं। उन्होने पास के खेत की मिट्टी हाथ में लेकर अपने जैविक खेत की मिट्टी से तुलना करते हुए कहा कि खेती में जितना जैविक खाद का प्रयोग करेंगे उतना ही फायदा खेत की मिट्टी को भी होगा है। पहले के समय में किसान जैविक खाद का उपयोग करते थे।लेकिन जैसे-जैसे समय बदला और किसान अपने खेतों में कीटनाशक का ज्यादा प्रयोग करने लगे, बीमारी भी घर करने लगी है।


                   इस अवसर पर उप संचालक कृषि आर एल जामरे ,आत्मा विभाग अधिकारी कैलाश मगर,कृषक नरेंद्र की माता रामकन्या बाई राठौड़ लबरावदा,पर्यावरण प्रेमी डॉ अमृतलाल  पाटीदार गाजनोद , घनश्याम सोलंकी मलगांव, सुरेश सिंह राठौड़ लबरावदा,



      विकास रमेशचंद्र शर्मा खरसोड़ा,कल्याण सिंह राठौड़ लबरावदा, हरिओम पाटीदार मारोल, लोकेंद्र सिंह राठौड़ लबरावदा, दिलीप लसूडिया, कान्हा मलगांव, नितेश  राठौड़, हर्षवर्धन सिंह, अक्षत सिंह राठौड़ , मिताली,रोहित पटेल, गंगाराम कामलिया, प्रकाश कामलिया, किसान मोर्चा जिला मीडिया प्रभारी संजय शर्मा भी मौजूद थे।


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