इंदौर -दाहोद एवं छोटा उदयपुर धार रेल लाओ महासमिती ने ज्ञापन धरना दिया
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - इंदौर दाहोद एवं छोटा उदयपुर धार रेल लाओ महासमिती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,रेल मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के नाम का ज्ञापन धरना स्थल पर नगर दंडाधिकारी विशाखा देशमुख को सोपा ज्ञापन में लिखा है कि मध्यप्रदेश गुजरात के राज्य के लाखों आदिवासी महिला व किसानों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी श्री नरेंद्र जी मोदी जी ने कांग्रेस राज में बंद पड़ी इंदौर दाहोद व छोटा उदयपुर धार रेल लाइन का कार्य प्रारंभ करा कर कहा था कि इस पिछड़े क्षेत्र के विकास में यह रेल मील का पत्थर साबित होगी, साथ ही इस क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा वर्षो पुराणी यह रेल सन २०२२ में पूर्ण होकर रहेगी जब आदिवासियों को लगा की अब उनकी तकदीर और तस्वीर जल्द ही बदलेगी सपनो की यह रेल जल्दी ही विकास रूपी पटरी पर दौड़ने लगेगी जो आसमान से तारे तोड़ कर लाने जैसा सपना था जो प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र जी मोदी ने वादा किया था अब कोरोना की आड़ में पश्चिमी रेलवे के महा प्रबंधक ने इतनी महत्वपूर्ण रेल परियोजना को बंद कर के प्रधान मंत्रीजी की रेल परियोजना को व क्षेत्र की जनता पर बुलडोजर चला दिया जिससे लाखों आदिवासियों का होने वाला विकास रुक गया है सबका साथ सबका विकास की बात की जा रही है दूसरी तरफ नई नई रेल परियोजनाओं की घोषणा की जा रही है पुरानी घोषणाओं को अंतिम रूप क्यों नहीं दिया जा रहा है इस बार रेल बजट में महज इंदौर दाहोद को 20 करोड़ ही मंजूर किए गए हैं इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं के लिए यह रकम ऊंट के मुंह में जीरा बराबर है 205 किलोमीटर की रेल परियोजना की लागत 1640 करोड़ रुपए आंकी गई है। हालांकि अब इसकी लागत और भी अधिक हो गई है। मार्च 2020 तक इस रेल परियोजना के तहत करीब 740 करोड़ रुपए खर्च भी किए जा चुके है। रेल परियोजना की लंबाई करीब 205 किलोमीटर है।
धार छोटा उदयपुर रेल परियोजना को 60 करोड़ मात्र मंजूर किए गए हैं। 157 किलोमीटर की यह रेल वर्तमान में 1347 करोड़ रुपए हैं। वह इस तरह 710 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इतनी राशि खर्च होने के बाद 40% काम पूरा हो चुका है इसलिए आदिवासी क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा की गई घोषणा को अमल मे लाने के लिए 2 हजार करोड़ का विशेष पैकेज जारी करे। इन रेल परियोजना के भूमि पूजन की 13 वर्षगांठ पर शांतिपूर्ण धरना देकर निवेदन करते हैं कि आदिवासी क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग को गंभीरतापूर्वक विचार कर सबका साथ सबका विकास को मूल रूप प्रदान कर आदिवासियों का रेल का सपना पूरा करें अन्यथा 1 माह बाद धार झाबुआ जिला में किसान आंदोलन जैसा आंदोलन प्रारंभ करेंगे, रेल लाओ महासमिती पिछले 40 वर्षों से शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर चुकी है जिसके अंतर्गत महाबंद , चक्का जाम , धरना प्रदर्शन , रेल रोको आंदोलन , जेल भरो आंदोलन एंव 12 हजार ज्ञापन राजनेताओं को दे चुकी है। ज्ञापन देते समय केंद्रीय अध्यक्ष पवन जैन गंगवाल , महेश माहेश्वरी , हुकुम कासलीवाल , प्रवीण टाँक कमल हलोल , शांतिलाल शर्मा , मुन्ना लाल राठौर , भोला यादव , राजन ठाकुर , डॉ वेद , पीयूष जैन महिलाओं की ओर से ममता गंगवाल पद्मा जैन सुधा कासलीवाल नेहा छाबड़ा आदी उपस्थित थे।
No comments:
Post a Comment