24 घण्टे तक लगातार बोलने वाले बदनावर के ओपी सर का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में हुआ दर्ज
टेलर ने अपना नाम बुक में दर्ज करवाकर बदनावर का नाम गौरवांवित किया है
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
बदनावर - नगर के सरस्वती कालोनी में स्थित संजोग मैरिज गार्डन में ओमप्रकाश टेलर ने कल सुबह 8.41 बजे से बच्चों की परवरिश विषय पर निरंतर बोलना शुरू किया था। जो क्रम आज सुबह 8.41 बजे तक चला। पूरे समय गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी यहां उपस्थित थी।
ओमप्रकाश टेलर ने इस 24 घण्टे की अनवरत परवरिश की कार्यशाला में अभिभावकों को सिखाया की बच्चों का मानसिक, शारीरिक बोद्धिक और भावनात्मक विकास कैसे किया जाए। साथ ही उन्होंने बच्चों की साइकोलॉजी, प्रकृति, क्षमताओं, उनकी भावनाओं, आदतों और व्यवहारों के ऊपर अपने किये गए। पिछले 12 वर्षों के अध्ययन माता पिता से शेयर किया। परवरिश की इस कार्यशाला की खास बात यह रही कि टेलर ने कुछ खाए व वाशरूम गए बगैर अनवरत 24 घण्टे तक माता पिता को परवरिश सीखाते रहे। टेलर ने यह कार्यशाला तीन सेशन में ली। पहले सेशन में उन्होंने माता पिता के परवरिश करते वक्त की अपने द्वारा की गई गलतियों के बारे में बताया जो लगातार 8 घण्टों तक चला, फिर दूसरा सेशन लिया जिसमें उन्होंने बच्चे की गर्भ से लेकर युवावस्था तक के विकास के प्रत्येक पढ़ाव को शास्त्र, साइंस और साइकोलॉजी के समन्वय के साथ समझाया जो लगातार 12 घंटों तक चला। इसके ठीक पश्चात अगले 4 घण्टे तक उन्होंने ये समझाया कि आज के बच्चे नशे, अपराध या आत्महत्या क्यों कर रहे है और माता पिता अपने बच्चों को इन सब से कैसे बचाए।
साथ ही उन्होंने मोबाइल एडिक्शन,सोशल मीडिया एडिक्शन, अश्लील साहित्य का एडिक्शन, अश्लीलता आदि के मस्तिष्क पर होने वाले प्रभावों को बताया। शनिवार सुबह 8.41 पर कार्यशाला शुरू हुई। जिसका समापन अगले दिन रविवार सुबह 8.41 मिनट पर हुआ।
इस पूरी कार्यशाला में प्रवीण चावला, अर्जुन पड़िहार, कमल पाटीदार, राहत उल्ला, राहुल बाफना, मोहनलाल पाटीदार, देवेन्द्र पँवार, सईद शाह पेंटर, दीपक सिर्वी, मुकेश पाटीदार, वासुदेव पाटीदार, प्रतीक पाटीदार संदीप पँवार, प्रदीप पंवार आदि का उलेखनीय योगदान रहा। यह पूरी कार्यशाला गोल्डन बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम की उपस्थिति में हुई। जिसमें दिल्ली से आए मनीष विश्नोई, डॉक्टर प्रियांक बांठिया व वेदांश शर्मा उपस्थित थे।
24 घण्टे के पश्चात ओमप्रकाश टेलर को गोल्डन बुक ऑफ ववर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया व प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
टेलर की उस उपलब्धि पर बदनावर क्षेत्र के कई लोगो ने उन्हें बधाई दी। मालूम हो कि पहली बार बदनावर के किसी व्यक्ति का नाम बुक में शामिल हो रहा है
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