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Wednesday 13 January 2021

हिंदू इतने शक्तिशाली बनें कि कोई हिंदुओं का अपमान करने का दुस्साहस न कर सके- राजेश भार्गव

  हिंदू इतने शक्तिशाली बनें कि कोई हिंदुओं का अपमान करने का दुस्साहस न कर सके- राजेश भार्गव 

  

स्वामी विवेकानंद जयंती पर हिंदू जागरण मंच द्वारा 'हिंदू संसद' का आयोजन किया गया

 संजय शर्मा संपादक 

हैलो धार पत्रिका 

               धार-  स्वामी विवेकानंद जयंती पर हिंदू जागरण मंच द्वारा 'हिंदू संसद' का आयोजन किया गया। 'हिंदू संसद' को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और हिंदू जागरण मंच मालवा प्रांत के प्रांतीय संगठन मंत्री राजेश भार्गव ने कहा कि हिंदुओं को अपना अस्तित्व बचाकर रखना है तो उन्हें लव जेहाद, लैंड जेहाद और स्वावलंबन पर ध्यान देना होगा। लव जेहाद का मुकाबला करने के लिए उधर से आने वाली बहनों का स्वागत करना होगा!     


                 इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल मनोज बर्मन विशेष अतिथि समाजसेवी एवं व्यवसायी योगेश मुख्य अग्रवाल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुमित सिसौदिया ने की। 'हिंदू संसद' को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता राजेश भार्गव ने कहा कि हिंदुओं को लव जेहाद, लैंड जेहाद और स्वावलंबन पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा। लैंड जिहाद के जरिए वक्फ बोर्ड और मुस्लिम संगठनों ने देश में गैरकानूनी तरीके से जमीनें हथियाई है, जिन्हें वापस लेना है। जहाँ भी धर्म के नाम पर मुस्लिमों को जमीन हथियाते देखें उन्हें रोके, टोके और नहीं मानें तो ठोकें! लव जेहाद के बारे में उन्होंने कहा कि हमें इस जेहाद को पूरी ताकत से रोकना होगा। मुस्लिम समाज के युवा अपना छद्म नाम रखकर हिंदुओं की बहन-बेटियों को बहला फुसलाकर मुस्लिम बना रहे हैं। क्योंकि, ऐसा करने पर उन्हें उनके समाज से इनाम मिलता है! जबकि, हमारे समाज में यदि कोई ऐसा करता है, तो सबसे पहले उसका बहिष्कार उसके घर से ही होता है। इसे रोकिए, कोई यदि 'उधर' से आना चाहता है तो उसका स्वागत कीजिए! हमें हिंदुओं में जागरूकता लाना होगी, तभी हम अपने धर्म की रक्षा कर पाएंगे।    


               'स्वावलंबन' पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हम अपने मूल कामकाज और धंधों से दूर हो गए और मुस्लिमों ने उसे अवसर की तरह मानकर उन पर कब्ज़ा कर लिया। जो छोटे-छोटे कामकाज हम अपनी प्रतिष्ठा के लायक नहीं मानते थे, उन पर मुस्लिम हावी हो गए। मैकेनिक वाले काम, फल बेचने और इसी तरह के सभी छोटे काम के लिए हम उनके मोहताज हो गए। हमें भी अब ऐसे काम करके स्वावलम्बी बनाना होगा। मुस्लिमों ने तो लव जेहाद की तरह कोरोना काल मे जब सारे दुनिया बीमारी से लड़ रही थी तब कोरोना को भी जेहाद माना और थूक लगाकर फल बेचे। मुख्य वक्ता ने कहा कि इस देश में रहने वाला हर व्यक्ति भारतीय होने के साथ हिंदू भी है। 14 सौ साल पहले इस्लाम नाम की कोई चीज नहीं थी। 21 सौ साल पहले ईसाइयत नाम का कोई धर्म नहीं था। आज देश में रहने वालों की पूजा पद्धति कुछ भी हो सकती है, पर सभी हिंदू ही हैं। लेकिन, हिंदुओं ने अपने स्वाभिमान को बचाकर नहीं रखा, यही कारण है कि हम पिछड़ते रहे! आज हमारा सबसे बड़ा शत्रु और कोई नहीं, इस देश में रहने वाला हिंदू ही है। इस धार नगर में राजा भोज के वंशज भी रहते थे, पर भोजशाला में मुझे कोई ऐसी वस्तु नहीं दिखी, जिसपर मैं गर्व कर सकूँ। स्वामी विवेकानंदजी ने सबसे पहले हमें अपने हिंदू होने पर गर्व करना सिखाया। जब देश में लोग खुद को एक्सीडेंटली हिंदू कहते थे, तब उन्होंने ही कहा था कि गर्व से कहो हम हिन्दू हैं।      


               कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल मनोज बर्मन थे। 'हिंदू संसद' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू जन्म से ही हिंदू पैदा होता है! उसे हिंदू बनने के लिए किसी आडंबर की जरूरत नहीं होती। जबकि, अन्य सभी धर्मों में ऐसा नहीं होता। आज जो हिंदुओं की स्थिति है, उसका कारण यह है कि हिंदुओं ने अपने हिंदू होने के स्वाभिमान को भुला दिया। भारत की धरती पर कुछ तो विशेष है, जो कई धर्मों के गुरु इस धरती पर पैदा हुए। गौतम बुद्ध यहीं जन्मे, जैन धर्म के आदि गुरु का जन्म यहीं हुआ। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने आत्मीय सुख की खोज के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। हम जिस सुख की अनुभूति करते हैं, वो सिर्फ शारीरिक और इन्द्रीय सुख होता है। हमारी पांच इंद्रियाँ आनंद लेती हैं। पर, विवेकानंद ने अपने आपको इंद्रीय सुख तक सीमित नहीं रखा। जब वे शिकागो की धर्म संसद में भारत का प्रतिनिधित्व करने गए, तो कार्यक्रम के बाद फुटपाथ पर ही सो गए। धर्म संसद में उनका भाषण सुनने वाली एक अमेरिकी महिला को लगा कि इतना अच्छा भाषण देने वाला परदेसी विद्वान भूखा सो रहा है, तो वो अपने घर से उनके लिए भोजन ले आई और विवेकानंदजी से आग्रह किया कि वे भोजन ग्रहण करें! लेकिन, भोजन देखकर वे जोर-जोर से रोने लगे। महिला समझ नहीं सकी कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि ये विद्वान भोजन देखकर रोने लगे! कारण पूछने पर विवेकानंदजी बोले कि मैं तो आज आपकी कृपा से भोजन कर लूंगा, पर मेरे देश में ऐसे लाखों लोग हैं, जिन्हें भूखे सोना पड़ेगा।  


           कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ सुमित सिसौदिया ने कहा कि हमें अपने धर्म को लेकर जागरूक होना पड़ेगा। ऐसी ताकतों के प्रति सजगता बरतना होगी, जो देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाती हैं। हमारी जागरूकता ही हमारा भविष्य बेहतर बना सकती है। क्योंकि, विघटनकारी शक्तियाँ धर्म की आड़ में ही अपना स्वार्थ सिद्ध करती हैं। इन चुनौतियों का सामना सक्रियता और स्वाभिमान से ही संभव है। 

             कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि परिचय के साथ दीप प्रज्वलन किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत कर उन्हें प्रतीक चिन्ह भेंट किए गए। कार्यक्रम के प्रारंभ में विशेष अतिथि योगेश अग्रवाल ने कहा कि हमने धार में बहुत अत्याचार झेला है। लम्बे समय तक पिंजारवाडी इलाके में हिंदुओं को दबाया जाता रहा है। एक बार तो हमें हिंदू जागरण मंच के आशीष बसु को फोन करके हमारी पीड़ा बताना पड़ी थी। इसके बाद हमें अत्याचारों से मुक्ति मिली। हम हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता हैं और हमें मंच की सक्रियता ने ही बचाया। हिंदू जागरण मंच हिंदू समाज के हित में अच्छा कार्य कर रहा है। हिंदू जागरण मंच के जिला अध्यक्ष हरिसिंह रघुवंशी भी इस आयोजन में उपस्थित थे।  


             कार्यक्रम का संचालन श्रीमती एकता शर्मा ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मेंअतिथियों का स्वागत नगर वेटी बचाओ प्रमुख हेमंत प्रजापत एवं ललित डोड ने किया। जबकि, अतिथि परिचय जिला बेटी बचाओ प्रमुख सोनू गायकवाड़ ने दिया। एकल गीत 'हिंदू जगेगा विश्व जागेगा' जिला मंत्री लोकेश यादव ने प्रस्तुत किया। गीत 'हम करें राष्ट्र आराधन' गौरव मौर्य ने प्रस्तुत किया। कल्याण मंत्र नगर महामंत्री प्रेम रनोजा ने प्रस्तुत किया। आभार जिला स्वालंवन प्रमुख महेश बघेल ने माना। यह जानकारी जिला प्रचार प्रमुख एकता शर्मा ने दी।


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