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Saturday 30 May 2020

पश्चिम रेलवे के महा प्रबंधक की ताना शाही के कारण, इन्दौर दाहोद रेल लाइन का कार्य बंद हस्तक्षेप के लिये प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के नाम का ज्ञापन धार कलेक्टर को सौपा

पश्चिम रेलवे के महा प्रबंधक की ताना शाही के कारण, इन्दौर दाहोद रेल लाइन का कार्य बंद हस्तक्षेप के लिये प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के नाम का ज्ञापन धार कलेक्टर को सौपा


कार्य बंद होने से लाखें आदिवासीयों की आजिवीका संकट में
परियोजना पर 700 करोड़ रुपये खर्च एवं टनेल पर 50 करोड़ रुपय खर्च हो चुके है
संजय शर्मा संपादक 
हैलो धार पत्रिका 
            धार नि-प्र- 30 मई को इन्दौर-दाहोद - छोटा उदयपुर - धार रेल लाओ महासमिति के केन्द्रीय अध्यक्ष पवन जैन गंगवाल, प्रवीण टांक, हूकूम काशलीवाल, कमल हारोड़, भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक जैन भी उपस्थिती में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र जी मोदी एवं रेल मंत्री श्री पीयूष जी गोयल के नाम का ज्ञापन अपर कलेक्टर श्री शैलेंद्र सिंह सोलंकी को सौपा ज्ञापन लिखा है कि पश्चिम रेल्वे मुम्बई के नए महाप्रबंधक के तानाशाह रवये के कारण इन्दौर - दाहोद एवं छोटा उदयपुर - धार रेल परियोजना का कार्य बंद किया जा रहा है जबकि आपके द्वारा सन 2020 तक रेल पटरी पर दो ने का वादा किया गया है, अभितक 700 करोड़ रुपये इस परियोजना पर खर्च किये जा चुके है, पिथमपुर मध्य प्रदेश में टर्नल निर्माण कार्य को भी बंद करने का रेल मंत्रालय आदेश दे चुका है जबकी टनल का उस अवस्था में पहुच चुका है जिसे बन्द किया जाना संभव नहीं है, टिही से पीथमपुर के मध्य बनने वाली सुंरग जो 2.97 किमी की है यह कार्य मार्च 2021 तक पूर्ण होना है, सुरंग (टर्नल) भरने का खर्च 90 करोड़ रुपये है वर्तमान में 50 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है, काम बंद होने पर टर्नल धस जाएगा करोड़ो का नुकसान होगा। इंदौर-दाहोद 205 किलोमिटर की रेल 75 किलोमिटर का निर्माण हो चुका है छोटा उदयपुर धार 157 किलोमिटर कि रेल मार्ग में 80 किलोमिटर का निर्माण हो चुका है एक तरफ सरवार मजदरो आदि को रोजगार आदि के लिए लाखो रुपये का राहत पैकेज दे रही है दुसरी तरफ लाो करोडो लोगों की जिवन रेखा रेल लाइन जो क्षेत्र की उन्नती विकास, खनीज सम्पदा का वोहन रोजगार के नये आयाम देने वाली महत्पुर्ण परियोजना को बंद किया जा रहा है। सवाल यह है कि सन 2022 मे रेल कैसै आयेगी इन्दौर-दाहोद रेल परियोजना से मध्यप्रदेश एवं गुजरात के आदिवासी बाहुल क्षेत्र की जीवन रेखा रेल लाइन है रेल लाइन शुरू होने से लाखो आदिवासी भारत की विकास की मुख्य धारा से जुड़ जाबे एवं आदिवासियों का पलायन भी रुकेगा तथा उनके विकास के कई मार्ग खुल जावेें तथा वर्तमान में लाखो आदिवासी जो कोरोना महामारी की वजह से मध्यप्रदेश के धार झाबुआ अलिराजपुर गुजरात के छोटा उदयपुर दाहोद में अपने घर को लोट आये है उन्हे रोजगार आसानी से भी दिया जा सकता है। नही तो लुट खसोट बड़ेगी। एशिया का सबसे बड़ा ओद्योगिक क्षेत्र पिथमपुर रेल के अभाव में चहमुखी विकास नही कर पा रहा है रेल के इन्जार के कारण यहां का आदिवासी भारत की मुख्य विकास धारा में जुड़ने के लिए बेताब है। कोरोना महामारी के कारण गुजरात एवं मध्यप्रदेश के आदिवासी अपने घर आ चुके है, उन्हे रोजगार के लिए महा समिति ने मध्यप्रदेश एवं गुजरात के मुख्यमंत्री पूर्व लोक सभा अध्यक्ष एवं धार झाबुआ दाहोद इन्दौर एवं छोटा उदयपुर के सांसदों को पत्र फैक्श कर निवेदन किया है की शीध्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ करा सन 2022 तक रेल पटरी पर दौड़ने का वादा पूरा करें।

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