चीन से 6.5 लाख टेस्टिंग किट लेकर विशेष विमान रवाना, इनमें 15 मिनट में टेस्ट करने वाली रैपिड किट भी शामिल; संक्रमितों की संख्या 12 हजार 576 हुई
रैपिड टेस्ट किट में जांच ब्लड से होती है; अभी आरटी-पीसीआर जांच हो रही है, जो मरीज के स्वाब से की जाती है
रैपिड टेस्ट हॉटस्पॉट वाले इलाकों में किए जाएंगे, यहां संक्रमण तेजी से फैल रहा है
इससे संक्रमितों का जल्द पता लगेगा, जिससे संक्रमण फैलने से रोकने में मदद मिलेगी
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
नई दिल्ली - कोरोनावायरस के देश में बढ़ते प्रकोप के बीच एक अच्छी खबर आई है। चीन के गुआंगझो से साढ़े छह लाख टेस्ट किट लेकर विशेष विमान दिल्ली के लिए रवाना हो गया है। इनमें साढ़े पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट हैं। रैपिड किट से जांच करके सिर्फ 15 मिनट में मरीज के संक्रमित होने का पता लगाया जा सकेगा। यह जांच ब्लड की बूंद से की जाती है। देश में अभी की जा रही आरटी-पीसीआर जांच में गले या नाक से स्वाब लिया जाता है। इसमें रिपोर्ट आने में कम से कम 5 घंटे लगते हैं।
रैपिड टेस्ट नतीजे जल्दी देता है, लेकिन सटीक कम
रैपिड टेस्ट में एक कमी है। दरअसल, शरीर में अगर कोरोनावायरस है, लेकिन उस पर एंडीबॉडीज ने असर नहीं डाला तो रैपिड टेस्ट नेगेटिव आता है। यानि वायरस की मौजूदगी है, लेकिन पता नहीं चलेगा। ऐसे में उस व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण बाद में उभर सकते हैं और तब तक वह दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इससे उलट आरटी-पीसीआर टेस्ट में नतीजे बिल्कुल सटीक आते हैं।
आरटी-पीसीआर v/s रैपिड टेस्ट
रैपिड टेस्ट आरटी-पीसीआर टेस्ट
कैसे होता है खून की बूंद से गले या नाक की स्वाब से
कहां होता है मौके पर लैब में
रिपोर्ट कितनी देर में 10-15 मिनट में 5-10 घंटे में
खर्च 400-500
4000-4500
सटीक कम ज्यादा
आज 209 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 12 हजार 576 हो गई है। गुरुवार को 209 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं। इनमें से गुजरात में 105, मध्यप्रदेश मे 42, राजस्थान में 25, उत्तरप्रदेश में 19 और पश्चिम बंगाल में 18 मरीज मिले। बुधवार को 882 रिपोर्ट पॉजिटिव आई थीं। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंदीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गुरुवार सुबह 8 बजे तक देश में 12 हजार 380 संक्रमित हैं। इनमें से 10 हजार 477 का इलाज चल रहा है। 1 हजार 488 लोग ठीक हुए हैं और 414 की मौत हुई है।
मौलाना साद पर गैर इरादतन हत्या का केस
तब्लीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ दर्ज एफआईआर में सरकारी वकील की सलाह पर गैर-इरादतन हत्या की धारा जोड़ी गई है। अब उसे थाने से जमानत नहीं मिल सकेगी। वह कोट से ही जमानत ले पाएगा। गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया गया तो 10 साल की जेल होगी। आरोप है कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जमाती देश के कई हिस्सों में गए, जिससे कोरोना संक्रमण फैला और लोगों की मौत हुई।
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