राजा भोज व्याख्यान माला के द्वितीय दिवस पर डॉ अवनिजेश अवस्थी का व्याख्यान हुआ
संजय शर्मा संपादक
हैलो -धार पत्रिका
धार - जागृत राष्ट्र - अजेय भारत विषय पर उदबोधन के प्रारंभ में कहा कि मै धार के प्रबुद्व जनों के बीच आकर अभिभूत हु।आपने फड़के स्टुडियो में जीवंत मूर्तियों को देखकर विचार व्यक्त किये की मानो मूर्तिकार ने पत्थर से दबी मूर्ति को जीवंत किया है इसी प्रकार संघ भी पूरे देश मे मानव को तराश कर ऐसे व्यक्ति का निर्माण कर रहा है जो राष्ट्रहित के लिए समर्पित व स्वार्थ रहित है।
आपने वामपंथी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सन 1962 में चीन युद्ध के समय चीन को सही बताने वाले वामपंथीयो एवं सत्ता लोलुप तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों ने राष्ट्र भक्तों को अपमानित और औरंगजेब जैसे सत्ताधारी को महिमामंडित करने का कार्य किया है अंग्रेजों की भयंकर यातनओं को सहन कर देश के लिए जीने वाले वीर सावरकर और ऐसे ही अनेक राज भक्तों को अपमानित किया है अपने भारतीय सेना के अनुशासन की प्रशंसा करते हुए उदाहरण दिया कि कश्मीर में तैनात जांबाज सैनिकों के हाथों मे पूरी शक्तियां होते हुए भी उन्हें अत्यंत अपमानित करते हुए वहां के कुछ लोगों ने उन्हें थप्पड़ मारे लाठी मारी पत्थर मारे फिर भी वे सहन करते रहे उन्होंने तो अपने सेनाध्यक्ष को सड़क छाप गुंडा तक कह दिया। रदन में देश विरोधी गतिविधियां चल रही है।तभी तो समाज के आगे उजागर हुई है।उन्हें पालने बचाने वालो को जागृत समाज पहचान कर उत्तर दे सकता है। विदेशी चंदा लेकर राष्ट्र द्रोही गतिविधिया चलाने वाले छळव् समाज को जातियों में बांटकर विभाजन की और देश को धकेल रहा है । जागृत समाज ही देश का संबल बना सकते है।
कार्यक्रम मे कई बुद्धिजीवी श्रोताओं ने भाग लिया कार्यक्रम का संचालन शशांक शुक्ला के द्वारा किया है। आभार संस्था के सचिव सिद्धार्थ जैन ने माना।
No comments:
Post a Comment