गंभीर बीमारी से ग्रसितों की मौत के बाद करवाते थे उनका ऑनलाइन बीमा, फर्जी पीएम रिपोर्ट बनवाकर एक्सीडेंट साबित कर लेते थे क्लेम
गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की मौत के बाद उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका ऑनलाइन बीमा करवाने व डॉक्टर से फर्जी
संजय शर्मा
हैलो धार पत्रिका
धार - गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की मौत के बाद उनके फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनका ऑनलाइन बीमा करवाने व डॉक्टर से फर्जी पीएम रिपोर्ट बनवाकर पूरे मामले काे फर्जी तरीके से एक्सीडेंट दिखाकर बीमा कंपनियों से क्लेम लेने वाले गिरोह के 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपियों के कब्जे से क्लेम की राशि व वाहन जब्त किए गए हैं।
मामले का खुलासा धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने कंट्रोल रूम में प्रेसवार्ता कर किया। एसपी सिंह ने बताया कि काफी दिनों से इस तरह के गिराेह के सक्रिय होने की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर टीम का गठन किया।
उन्हाेंने बताया कानाजी पिता भानाजी बर्फा निवासी नवादपुरा की मौत 22 जनवरी को कैंसर से हुई थी। पंचायत से मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ था। मृतक कानाजी बीपीएल कार्डधारी था। उसकी उम्र 67 साल थी, वह पेंशनधारी था। आरोपियों ने षड्यंत्र रचकर बीमा कंपनी से लाभ कमाने के उद्देश्य से कानाजी की उम्र संबंधी फर्जी दस्तावेज बनवाए। उसकी उम्र 48 वर्ष करवा ली। उसका विभिन्न बीमा कंपनियों में बीमा करवाया। मृतक की मौत के पूर्व और बाद में कानाजी के नाम पर फाइनेंस पर टोटल रिस्क कवर, चार व दो पहिए वाहन क्रय किए। एक्सीडेंटल बीमा लेने के लिए कानाजी की मौत 44 दिन बाद 8 मार्च को ग्राम झाबा में चार पहिए वाहन से दुर्घटना में मौत होना बताते हुए। बाग थाने में फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराई। शासकीय अस्पताल बाग के डॉ. नितिन वाघेला के साथ सांठगांठ कर बिना किसी शव के पीएम रिपोर्ट तैयार कराई।
पूछताछ जारी है और भी कई मामलों का खुलासा होगा
एसपी सिंह ने बताया आरोपियों से पूछताछ जारी है। और भी कई बड़े मामलों का खुलासा हो सकता है। उक्त दो प्रकरणों में आरोपियों के खिलाफ बाग थाने में धारा 402 467,468,471,193,120 बी भादंवि का अपराध किया गया है। कार्रवाई एएसपी रूपेश कुमार द्विवेदी, एएसपी ओंकारसिंह कनेश के नेतृत्व में बदनावर एसडीओपी जयंतसिंह राठौर, कानवन टीआई केएस गहलाेत सहित अन्य अधिकारियों ने की।
मौत से पहले परिजन को भी करते थे शामिल
एएसपी कनेश ने बताया कि बदमाश कई मामलों में मृतक के परिजन को भी शामिल करते थे। उन्हें बीमा दिलाने का लालच देते थे। लेकिन क्लेम का सिर्फ कुछ ही हिस्सा उन्हें दिया जाता था।
टीबी के मरीज का भी कराया बीमा, राशि निकाल ली : एसपी सिंह ने आरोपियों के दूसरे केस के विवरण में बताया ईडू पिता कोलू निवासी अमलझूमा की मौत 17 जून 18 को टीबी की बीमारी से हुई थी। आरोपियों ने बीमा कंपनी से लाभ कमाने के लिए ईडू की मौत के पूर्व उसकी एक्सीडेंटल पालिसियां निकलवाई। उसकी बीमा राशि 1 करोड़ 12 लाख रुपए थी। इसे निकालने के लिए आरोपियों ने षड्यंत्र रचा और 17 जून को ईडा की मौत के दो दिन पहले 15 जून को अनारे पेट्रोल पंप के पास थाना बाग में घूमने जाने के दौरान दुर्घटना में उसकी मृत्यु हाेना बता दिया। डॉ. नितिन वाघेला से फर्जी पीएम रिपोर्ट बनवा ली। आरोपियों ने पुलिस रिपोर्ट के आधार पर कई कंपनियों से करोड़ों रुपए क्लेम ले लिया।
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