ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ में वर्ल्ड आर्ट डे सेलीब्रेट किया गया
धर्मेंद्र अग्निहोत्री
हैलो -धार पत्रिका
बदनावर - बदनावर कला एक सर्विक भाषा हैं जिसमें समस्त लोगों को एकजुट करने की क्षमता होती हैं। कला ही एक ऐसा माध्यम है, जिसमें व्यक्ति के हाथ, दिमाग़ और दिल एक साथ काम करते हैं, चाहे वह फ़ाइन आर्ट हो, नृत्य हो या रंगमंच। ऐसी ही अनेक कलाओं का संगम नगर के ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ में देखने को मिलता है, जो बदनावर नगर में पिछले कई दिनो से शाइनिंग स्टार्स आफ बदनावर द्वारा संचालित किया जा रहा हैं। सोमवार को ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ में वर्ल्ड आर्ट डे सेलब्रेट किया गया। बदनावर में वर्ल्ड आर्ट डे सेलब्रेट किया जाना एक नया अनुभव था। जिसमें आर्ट स्टूडीओ के 50 कलाकारों ने अलग अलग विधाओं में आर्टिफ़ैक्ट्स तैयार किए। आर्ट स्टूडीओ में 8 वर्ष से लेकर 26 वर्ष के आर्ट स्टूडेंट्स ने भारतीय कला को बढ़ावा देने के लिए और कला के प्रति लोगों के क्षितिज को विस्तृत करने के लिए वर्ल्ड आर्ट डे मनाया गया। आर्ट स्टूडीओ में नन्हें कलाकारों ने कूल कलर स्कीम को अपनी चित्रकला में उकेरा। वहीं बड़े ग्रूप के कलाकारों ने मंडला आर्ट का अध्ययन कर उसकी बारीकियों को जान कर बड़े ही ख़ूबसूरत अन्दाज़ में अपनी चित्रकला को मोहक बनाया। केलीग्राफ़ी ग्रूप की स्टूडेंट्स ने भारतीय कला के महत्व को अपने सुंदर अक्षरों से सज्जित किया।और एडवांस लेवल के स्टूडेंट्स ने प्रभु श्री राम के पोर्ट्रेट को इंडीयन और वेस्टर्न आर्ट से रंगो के माध्यम से चित्रित किया। इस मौक़े पर ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ की टीचिंग आर्टिस्ट रीटा पाठक का कहना है कि आर्ट डे सेलब्रेट करके स्टूडेंट्स ने नयी विधाओं को पहचाना और जीवन में कला के महत्व को जाना।
आर्ट एक तरह का विचार हैं, जो हमारे दिमाग़ में आते ही हम उसे पेपर पर उकेर देते हैं। पर अपने क्रीएशन को श्रेष्ठ बनाने के लिए हमें एक शिक्षक की ज़रूरत होती हैं, ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ में मुझे और सभी स्टूडेंट्स को प्रणय सर एक मार्गदर्शक के रूप में प्रशिक्षित कर रहे है।
हर्षिता शर्मा, कक्षा 9
आर्ट को शब्दों में बयां कर पाना कठिन हैं। मैं बचपन से ही ड्रॉइंग करती रही हूँ
और यह मुझे अच्छा लगता हैं।मैंने वर्ल्ड आर्ट डे को अपनी पसंदीदा आर्ट फ़ॉर्म मंडला आर्ट बनाकर सेलब्रेट किया, जो कि एक नया अनुभव था।
-आरज़ू जैन, कक्षा 12
हस्तलेखन भी विजुअल आर्ट का एक अहम हिस्सा है । यदि विद्यार्थी जीवन से ही इस पर जोर दिया जाए, तो हमारे आने वाले कल के लिए बेहतर साबित होगा । आर्ट स्टूडीओ पर हम प्रतिदिन कॅलिग्राफी सीख रहे हैं ।
लब्धि जाट, कक्षा 11
कला मनुष्य के अंदर छुपी अंतरात्मा की आवाज़ हैं और यह ईश्वर का सबसे सुंदर तोहफ़ा हैं। इस वर्ल्ड आर्ट डे को हम, ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ के कलाकारो ने अलग अलग शैलियों के आर्टिफ़ैक्ट्स बनाकर सेलब्रेट किया।
-दिशि मंडलेचा, कक्षा 10
आर्ट एक क्रीएटिव ऐक्टिविटी हैं जिसमें हम अपनी इमैजिनेशन से नए आर्ट वर्क्स बनाते हैं।ट्राइअम्फ़ आर्ट स्टूडीओ एक एसी जगह हैं जहाँ हर रोज़ नए आर्ट वर्क्स का निर्माण होता हैं, इस प्रयास के लिए में आर्ट स्टूडीओ को धन्यवाद देती हूँ।
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