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Saturday 16 February 2019

पुलवामा हमले में शहीद अश्विनी पंचतत्व में विलीन, कमलनाथ ने नमन किया शिवराज ने दिया कंधा

पुलवामा हमले में शहीद अश्विनी पंचतत्व में विलीन, कमलनाथ ने नमन किया  शिवराज ने दिया कंधा

मुख्यमंत्री कमलनाथ शहीद के परिजनों  से मिले और उनका हौसला बढ़ाया 

शहीद के पिता ने कहा- मुंहतोड़ जवाब देना होगा, गांव का हर युवा सेना में जाए

संजय शर्मा 
हैलो -धार पत्रिका 
          जबलपुर-  पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान और जबलपुर के बेटे अश्विनी कुमार काछी का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। इसके पहले करीब एक बजे अश्विनी कुमार काछी (32) का पार्थिव शरीर करीब 1 बजे सेना की गाड़ी से गांव सिहोरा-खुड़ावल पहुंचा था। शहीद अश्विनी का यहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।

        शहीद अश्विनी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ भी पहुंचे। उन्होंने शहीद को नमन किया। उनके साथ वित्तमंत्री तरुण भनोट और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी शामिल हुए। 
          इसके पहले अंतिम यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कंधा दिया। हजारों लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। शहीद को कंधा देने वालों की होड़ लगी थी। हजारों लोग नम आखों से अंतिम यात्रा में शामिल हुए।राज्य सरकार के कई मंत्री शामिल हुए। थोड़ी देर में शहीद के घर परिजनों से मिलने मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचेंगे। हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद वीर सपूत को अंतिम विदाई दी।
           इसके पहले शहीद अश्विनी का पार्थिव शरीर दोपहर करीब 1 बजे सेना की गाड़ी से पैतृक गांव सिहोरा खुड़ावल लाया गया। जहां तिरंगे में लिपटे शहीद अश्विनी कुमार को देखने और अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोग जुटे। हर आंख नम है, लेकिन गुस्सा भी है। लोग खून का बदला खून चाहते हैं।
 नहीं थम रहे मां के आंसू, हर आंख नम 

            अपने कलेजे के टुकड़े के शहीद होने की खबर सुनने के बाद से ही मां रो-रोकर बेसुध सी हो गई हैं। रह-रहकर अपने बेटे को याद करती हैं और सरकार से बदला लेने की मांग कर रही है। अपने छोटे भाई को खोने के बाद बड़े भाई भी गमगीन हैं। उनकी आंखें भी रह-रहकर भर आ रही हैं। बात करते-करते गला रुंध जाता है। फिर भी उन्हें फक्र है कि कम उम्र में ही भाई देश के लिए शहीद हो गया।
पूरे रास्ते तिरंगा लेकर लोग कर रहे हैं इंतजार 
            पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में लोग पुराना बस स्टैंड से लेकर मझौली बायपास तिराहे तक अपने हाथों में तिरंगा लेकर पहुंचे। वहीं, बड़ी संख्या में पुलिस के जवान अर्ध सैनिक बल अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और जबलपुर सांसद राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष  गोपाल भार्गव, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक, सांसद  प्रहलाद पटेल, महापौर श्रीमती स्वाति गोडबोले, विधायक  अजय विश्नोई,  शरद जैन, श्रीमती नंदनी मरावी,  इंदू तिवारी, श्रीमती मनोरमा पटेल एवं वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष  अभिलाष पाण्डे महापौर स्वाती गोडबोले, भाजपा विधायक अजय बिश्नोई, इंदू तिवारी के अलावा बड़ी संख्या में लोग पुराना बस स्टैंड पहुंच थे।
चार भाई बहनों में सबसे छोटा था अश्विनी
           आतंकियों की इस कायराना हरकत करतूत से उनका परिवार गुस्से में है। अश्विनी के पिता ने कहा कि सरकार पुलवामा घटना का जवाब दे, खून का बदला खून से लिया जाए। पहले देश आता है, मैं चाहता हूं कि खुडावल का हर जवान सेना में जाए। सुकरी काछी के पड़ोसी रविकांत यादव के मुताबिक चार भाइयों और एक बहन में अश्विनी सबसे छोटा था।
          पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान अश्विनी कुमार (36) के पिता सुकरी काछी ने कहा कि वे चाहते हैं कि गांव का हर जवान सेना में जाए। अश्विनी कुमार के परिवार ने सरकार से मांग की है कि आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। 
परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं 
             आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण सुकरी काछी ने मजदूरी और पत्नी कौशल्या ने बीड़ी बनाकर परिवार का भरण-पोषण किया। दो साल पहले जब अश्विनी की नौकरी लगी तो उन्होंने मां से बीड़ी बनाने का काम छुड़ाया। राज्य शासन ने शहीद के परिजनों को एक करोड़ रुपए की राहत राशि, एक मकान और परिवार के एक व्यक्ति को शासकीय नौकरी देने की घोषणा की है।
 मुख्यमंत्री ने कहा- प्रदेश को शहीद अश्विनी पर गर्व 
          मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आतंकी हमले में शहीद जबलपुर जिले के अश्विनी कुमार काछी को बहादुर नौजवान और पूरे प्रदेश को उन पर गर्व होने की बात कही थी। कमलनाथ ने कहा कि यह शहादत बताती है कि  हमारे प्रदेश के नौजवानों में देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने का साहस है। उनकी वीरता का ही परिणाम है कि दुश्मन कायराना हमले पर उतर आया है।

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