भय्यू महाराज के कार्य प्रेरणादायक - सरसंघचालक श्री. मोहन भगवत जी
सरसंघचालक मोहन भगवत जी व पूज्य भय्यूजी महाराज की धर्मपत्नी ने किया पारधी आश्रमशाला में निवासी ईमारत का उद्घाटन.
संजय शर्मा
हैलो धार संपादक
खामगाव (महारास्ट्र) - प. पू डॉ. श्री भैय्यूजी महाराज प्रणीत श्री सद्गुरु दत्त धार्मिक एवं पारमार्थिक ट्रस्ट इंदौर पारधी समाज के बच्चो के सर्वांगीण विकास लिए हमेशा प्रयासरत रहता है महारास्ट्र के जिला बुलढाना के खामगाव तहसील में सजनपुरी ग्राम में पारधी एवं आदिवासी शेक्षिणीक संकुल के छात्र एव छात्राओ के लिए निवासी ईमारत निर्माण किया गया इस नवनिर्मित ईमारत का उदघाटन समारोह कल शाम 06 बजे किया गया.
इस वस्तु के उद्घाटन समरोह में विद्यार्थियों विविध सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जिसमे प्रार्थना, योग प्रात्यक्षिक,गीता श्लोक और विविध गीतों का गायन किया गया. पारधी समाज के बच्चो द्वारा निर्मित मिटटी की मुर्तिया, कपड़े, एव विविध कलाकृतियो का अवलोकन उपस्थित अतिथियों ने किया. विद्यार्थियों सभी प्रस्तुतियों का सरसंघचालक मोहन भगवत और भय्यू महाराज के धर्मपत्नी आयुषी देशमुख जी ने अवलोकन किया. इसी के साथ सरसंघचालक मोहन भगवत और भय्यू महाराज के धर्मपत्नी आयुषी देशमुख जी ने पाठशाला, अन्नपूर्णा कक्ष, निवासीय ईमारत, खेल गृह, कम्पुटर लैब, संगीत गृह सहित विविध स्थानों का अवलोकन किया.
पारधी समाज के शिक्षकगण और कर्मचारियों के लिए मार्गदर्शन कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमे सरसंघचालक मोहन भगवत जी ने उन्हें मार्गदर्शन किया.सदगुरु श्री. भैय्यूजी महाराज जी ने पारधी समाज के बच्चो के लिए सजनपुरी तह. खामगाव जिला बुलढाणा में एक निवासीय आदिवासी आश्रम शाला की स्थापना की और उन बच्चो को मुख्य प्रवाह तक लाने के लिए इस पाठशाला के माध्यम से विविध कार्य किये. पारधी समाज के आदिवासीय बच्चो के सर्वागीण विकास के लिए विविध गतिविधियों का भी संचालित सुचारू रूप से होता है.
छात्र एव छात्राओ के लिए निवासी ईमारत के उदघाटन कार्यक्रम में सरसंघ चालक आ. श्री मोहन जी भगवत ने अपने ३० मिनिट के सन्देश में भैय्यूजी महाराज के कार्यो को अमूल्य बताया उन्होंने कहा की सिर्फ भय्यू महाराज जैसे कार्य की केवल प्रशंसा मत करो बल्कि उनके कार्यो में हाथ लगाओ ऐसे कार्यो को करना मानवीय कर्त्तव्य है यह धर्म से सम्बंधित कार्य है इस पवित्र कार्य हेतु संवेदनशील होकर समाज को आगे आना चाहिए इन बच्चो के लिए सहयोग करना चाहिए.
इस पाठशाला मे बच्चो को संस्कार शिक्षा, विज्ञानं शिक्षा, कला शिक्षा, राष्ट्रीयता, आध्यात्मिक शिक्षा, क्रीड़ा प्रक्षिष्ण एवं संगीत शिक्षा दी जाती है. यह विद्यालय पारधी समाज हेतु महाराष्ट्र की प्रथम एकमात्र शाला है. यहाँ प्राकृतिक परिवेश में प्राणायाम,ध्यान, योग, भी करवाया जाता है. राष्ट्रिय और धार्मिक उत्सवों के माध्यम से सामाजिक संस्कार दिए जाते है. बच्चो कोसंगीत, हस्तकला, चित्रकला, व्यावसाईक प्रशिक्षण, आधुनिक तंत्र ज्ञान, कम्प्यूटर प्रशिक्षण आदि दिया जाता है यहॉ परवाचनालय, व्यायामशाला, स्कूल बस, एम्बुलेंस सुविधा, होम थिएटर, यज्ञ शाला, सांस्कृतिक भवन, साधना कक्ष, आदि है,बच्चो के स्वास्थ्य हेतु सोलर वाटर हीटर वाटर प्यूरीफायर, सौर कूकर, बायोगैस, पौष्टिक भोजन, शैक्षणिक पर्यटन,वार्षिकोत्सव, विशेष डॉक्टरो द्वारा आरोग्य जांच, २४ घंटे आरोग्य सुविधा, क्रीड़ा गतिविधिया, एवं उच्च शिक्षा हेतु मार्गदर्शन एवंसहयोग आदि प्रदान किया जाता है.
सूर्योदय पारधी समाज आश्रमशाला का उद्देश्य शिक्षा से वंचित पारधी समाज को शिक्षित करना, उनका सर्वांगीण विकास करना,सक्षम नेतृत्व का निर्माण करना, उन्हें पर्यावरण संरक्षण के राष्ट्रिय कर्यक्रम से जोड़ना. आदर्श नागरिको का निर्माण, भारतीयमहापुरुषों, संतो, समाज सुधारको की जीवनी, लेखनी का ज्ञान कराना , पारधी समाज में संयमी, धैर्यं वान, नीतिवान,सृजनशील, आधुनिक पीढ़ी का निर्माण करना. उनके सुप्त कलागुणों का का विकास करना इत्यादि इस आश्रमशाला के उद्देश्य है
इस कार्यक्रम में भय्यू महाराज की धर्म पत्नी डॉ. आयुषी देशमुख, ईमारत के निर्माण में विशेष आर्थिक योगदान देने वाले एस फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अनिरुद्ध देशपांडे, प्रशांत देशमुख, विदर्भे प्रान्त सहसंचालक श्री चंद्रशेखर राठी एवं सौ.माधुरिताई देशमुख उपस्थित थे आभार प्रदर्शन पारधी आश्रमशाला के मुख्याध्यापक श्री सोमनाथ गोरे ने किया इस अवसर पर शहर के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे
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