पंद्रह दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव का शुभारंभ महंत संत श्री राधे राधे बाबा निर्माेही द्वारा कथा अमृत रूपी वर्षा करेंगे
कानवन में धूूूमधाम से निकली भव्य कलश यात्रा हजारों की संख्या में श्रद्धालू शामिल हुए
धर्मेंद्र अग्निहोत्री
हैलो धार न्यूज़ पोर्टल
www.hellodharnews.com
बदनावर- ग्राम कानवन में स्व. प्रेमसिंह दत्तीगांव की स्मृति में श्रीमद भागवत एवं श्रीराम कथा महोत्सव के पंद्रह दिवसीय आयोजन का शुभारंभ रविवार सुबह भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। कलश यात्रा में कानवन के साथ ही आसपास के गांवों से हजारों की संख्या महिलाएं व श्रद्धालू शामिल हुए। करीब 7 हजार की आबादी का यह गांव इस मौके पर धर्ममय हो गया। सोमवार से विधिवत श्रीमद भागवत कथा शुरू होगी।
कलश यात्रा गंगामाता नागेश्वर मंदिर से पूजा अर्चना केे बाद शुरू हुई, जो गांव के प्रमुख मार्गों से होते हुए कथास्थल बस स्टेंड पहुंची। कलश यात्रा में शामिल महिला एवं कन्याएं सिर पर कलश उठाए चल रही थी। कार्यक्रम के मुख्य यजमान पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव सपत्नीक श्रीमद भागवतजी को सिर पर उठाकर आगे-आगे चले। मुख्य कलश प्रधान दिलीप कैलाश पाटीदार (भैंसावाला) कोद, रानी साहिबा कुसुमदेवी दत्तीगांव व रामचरित मानस प्रधान गिरवरसिंह सोलंकी भी साथ थे। कलश यात्रा में 5100 से अधिक कलश लेकर महिलाएं शामिल हुई। कलश यात्रा के आगे डीजे चल रहे थे। जिस पर युवा भजनों पर थिरकते हुए दिखाई दिए। बदनावर के प्रसिद्ध संगम बैंड द्वारा गीत भजनों की प्रस्तुति दी गई। महिलाएं भी भजनों पर झूम उठी। यात्रा का कई जगह विभिन्न संस्थाओं द्वारा फूल पंखुड़ियांे की बारिश कर स्वागत किया। पूरा गांव पहली बार निकली विशाल कलश यात्रा से धर्ममय हो गया। भ्रमण कर वापस यात्रा कथास्थल पहुंची। जहां भागवत कथा शुरू करने से पहले कलश स्थापना की गई। कार्यक्रम में करीब 10 हजार श्रद्धालू शामिल हुए।
यात्रा के समापन पर विख्यात भागवत प्रवक्ता महंत श्री राधे राधे बाबा निर्माेही का उद्बोधन हुआ। उन्होंने कलश यात्रा के महत्व को बताते हुए कहा कि इससे घर परिवार में सुख, शांति व सुकून की स्थापना होती है। उन्होंने कहा कि कथा विश्राम के बाद कलश को अपने घर ले जाए तथा अमृतरूपी पानी को बाटल में भरकर रखे। यह पानी 10 साल तक खराब नहीं होगा। इस जल में भगवान का आशीर्वाद रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब मैं 18 साल पहले बदनावर में भागवत कथा करने आया था, तब से ही कानवन क्षेत्र के भक्तों से संपर्क रहा है। आज मुझे सौभाग्य मिला कि मैं कानवन की पवित्र भूमि पर कथा करने आया हूं। उन्होंने कथा के महत्व के बारे में भी बताया। समापन पर दत्तीगांव व उनकी धर्मपत्नी ने आरती की। कलश यात्रा में आए श्रद्धालुओं को प्रसादी रूप में फरियाली खिचड़ी भी बांटी गई। समिति के ईश्वरसिंह धान्याखेड़ी, सरपंच भगवतसिंह पटेल, दिग्विजयसिंह कानवन, ओमप्रकाश जाट, आत्माराम जाट, कैलाशचंद्र चौधरी आदि ने किया।
कार्यक्रम का संचालन शिवकुमार शर्मा व विशालराव निक्कम ने किया। आभार विक्रम पटेल ने माना।
आयोजक श्रीमद भागवत सेवा सत्संग समिति के अध्यक्ष शिवाजीराव सावंत ने बताया कि प्रतिदिन 11 से 3 बजे तक श्रीमद भागवत कथा व शाम 7 से 10 बजे तक श्रीराम कथा होगी। इस बीच 2 अक्टूबर को श्री कृष्ण जन्मोत्सव, 3 को माखन चोरी लीला, 4 को होरी महोत्सव, 5 को तुलसी विवाह, 6 को सुदामा चरित्र प्रस्तुति व 7 अक्टूबर को दशांश हवन का कार्यक्रम होगा। 8 अक्टूबर को 15 दिवसीय संगीतमय कथा महोत्सव का विश्राम होगा। समिति ने श्रद्धालू भाई बहनों से राधे राधे बाबा के मुखारबिंद से कथा सुनकर धर्मलाभ लेने की अपील की है।
No comments:
Post a Comment