धार कलेक्टर दीपक सिंह द्वारा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संबंधित समीक्षा बैठक ली गई
संजय शर्माहेलोधार न्यूज़ पोर्टल
धार- धार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संबंधित समीक्षा बैठक कलेक्टर दीपक सिंह की अध्यक्षता में जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित की गई उक्त बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत आर के चौधरी ,कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी खण्ड, धार / सरदारपुर, कार्यपालन यंत्री, जल संसाधन विभाग संभाग धार/ मनावर, अधीक्षण यंत्री, एम.पी.केव्ही.व्ही.,प्रा.लि. धार, सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं उपयंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, समस्त जनपद पंचायत, सहायक यंत्री, मनरेगा उपस्थित थे ।
बैठक में कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने बताया गया की धार जिले में वर्तमान में कुल 17075 हैण्डपंप स्थापित है जिनमें से 14575 हैण्डपंप कार्यरत है एवं 2161 हैण्डपंप जल स्तर कमी से बंद है। इसी प्रकार धार जिले में 462 नलजल, स्थल जल प्रदाय क्रियान्वित है जिनमें से 435 योजनाऐं चालू एवं 27 योजनाऐं विभिन्न कारणों से बंद है।
जिले में 112 बंद योजनाओं को चालू करने हेतु जिला स्तर से प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी। उक्त 112 बंद योजनाओं में से 92 योजनाऐं ग्राम पंचायतों के माध्यम से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मार्गदर्शन में चालू कर दी गई हैं एवं शेष 20 योजनाओं के कार्य प्रगतिरत है।
बैठक में कलेक्टर सिंह जी ने निर्देशित किया गया की अति समस्यामूलक ग्रामों जहाॅ पर निर्मल नीर केे कुओं के निर्माण का कार्य प्रस्तावित किया गया है वहाॅ पर युद्ध स्तर पर इन कुओं के निर्माण का कार्य पूर्ण कराया जावे, ताकि ग्रीष्म ऋतु में कुओं से जल प्रदाय किया जा सकें। उन्होने ग्राम पंचायतों को बंद नलजल योजनाओं हेतु उपलब्ध कराई गई राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र भी शीघ्र प्रेषित करने हेतु जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया। ग्रामों में पेयजल हेतु पूर्व से निर्मित कम गहराई के कूपों को अधिक गहराई तक खनन करने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया।
बैठक में उन्होने आगामी 2-3 दिवस में प्रत्येक जनपद में पेयजल व्यवस्था संबंधी समीक्षा बैठक प्रत्येक जनपद पंचायत में आयोजित करने हेतु समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारीयों को निर्देशित किया गया।
उन्होने बैठक उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक ग्राम में शुद्ध पेयजल हेतु पर्याप्त संख्या में पेयजल स्त्रोत की उपलब्धता सुनिश्चित की जावें ताकि ग्रामों में पेयजल परिवहन की स्थिति निर्मित न हों।
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