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Saturday 21 April 2018

मोदी सरकार का बड़ा फैसला: 12 साल तक के नाबालिग से रेप पर मौत की सजा, 10 महीने में मामले का होगा निपटारा

मोदी सरकार का बड़ा फैसला: 12 साल तक के नाबालिग से रेप पर मौत की सजा, 10 महीने में मामले का होगा निपटारा

      16 साल से ऊपर की उम्र की किसी से बलात्कार होता है तो उसके लिए कम से कम 10 वर्ष जेल की सजा होगी जिसे पूरी जिंदगी तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. अभी कम से कम सजा 7 साल के लिए है.
           नई दिल्ली: 12 साल से कम उम्र की नाबालिग के साथ रेप करने वालों को मौत की सजा हो सकती है. सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए बलात्कार के मामलों में सख्त से सख्त कदम उठाने का ऐलान किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अध्यादेश पर अपनी मुहर लगा दी और अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये अमल में आ जाएगा. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर की तारीख के बाद से हुए मामलों में नए प्रावधान लागू होंगे. आपराधिक कानून मे बदलाव से जुड़े अध्यादेश की खास बातें कुछ इस तरह है.
         सजा:
     नवजात से लेकर 12 वर्ष की कम उम्र तक की नाबालिग का बलात्कार करने वालों को कम से कम 20 साल या ताउम्र सजा या फिर मौत की सजा हो सकती है.
नवजात से लेकर 12 वर्ष की कम उम्र तक की नाबालिग के सामूहिक बलात्कार की स्थिति में या तो पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी होगी या फिर मौत की सजा.
12 वर्ष से 16 वर्ष की उम्र की नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार की सूरत में दोषियों को पूरी उम्र जेल में गुजारनी होगी.
16 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग के साथ बलात्कार करने के दोषी के लिए कम से कम 20 साल जेल में गुजारनी होगी जिसे पूरी जिंदगी तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. अभी कम से कम सजा 10 साल के लिए है.
16 वर्ष से ऊपर की उम्र के किसी से बलात्कार होता है तो उसके लिए कम से कम 10 वर्ष जेल की सजा होगी जिसे पूरी जिंदगी तक के लिए बढ़ाया जा सकता है. अभी कम से कम सजा 7 साल के लिए है.
       जांच प्रक्रिया और अदालती कार्रवाई:
बलात्कार के सभी मामलों की जांच का काम दो महीने में पूरा करना जरुरी होगा.
मुकदमे पर बहस वगैरह के लिए भी दो महीने का वक्त तय किया गया है.
वहीं अपील को 6 महीने के भीतर निबटाना होगा.
        जमानत:
16 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग के बलात्कार, चाहे वो सामूहिक बलात्कार ही क्यों ना हो, के मामले में अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी.
16 वर्ष से कम उम्र की नाबालिग के बलात्कार के मामले में जमानत की याचिका पर सुनवायी के पहले प्रभावित बेटी के प्रतिनिधियों और सरकारी वकील को 15 दिन का नोटिस मिलेगा.
     व्यवस्था में सुधार.
नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे.
सरकारी वकीलों के नए पद घोषित होंगे.
सभी थानों और अस्पतालों में बलात्कार पीड़िता के लिए फोरेंसिक किट उपलब्ध कराए जाएंगे.
बलात्कार से जुड़े मामलों को समयबद्ध तरीके से निबटाने के लिए विशेष तौर पर अधिकारियों-कर्मचारियों की नियुक्ति होगी.
हर राज्य व केंद्र शासित प्रदेश में बलात्कार से जुड़े मामलों के लिए विशेष फॉरेसिंग लैब बनाए जाएंगे.

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