आपातकाल के इतिहास को संरक्षित रखने के लिए डाॅक्यूमेन्ट्री बनाई जायेगी और अभिलेखागार में सुरक्षित रखा जायेगा-केन्द्रीय मंत्री गहलोत
लोकतंत्र विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम
लोकतंत्र विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम
नई दिल्ली, 21 मार्च 2018. कांग्रेस सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए 1975 में देश में आपातकाल लगाकर तानाशाही स्थापित करने का प्रयास किया। संविधान को ताक पर रखकर पूरे देश को खुली जेल में बदल दिया गया था। संघ और जनसंघ के साथ अन्य विरोधी पार्टियों ने जेल भरो आंदोलन चलाकर देश से आपातकाल समाप्त करवाया। आपातकाल समाप्त करने के लिए देश की तरूणाई ने अनेक त्याग और बलिदान किये। अनेक कार्यकर्ताओं की जेलों में मौत भी हुईं। यह बात आज यहां मावलंकर हाल में 21 मार्च 1977 को आपातकाल की समाप्ति की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने कही।
केन्द्रीय मंत्री गहलोत ने कहा कि यदि युवा पीढ़ी उस समय आपातकाल के विरोध में लड़ाई नहीं लड़ती तो देश में लोकतंत्र की बजाय आज तानाशाही होती। कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए ही आपातकाल लगाया था। भारत सरकार भी लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र सेनानियों को यथोचित सम्मान देने के लिए प्रयासरत है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव रामलाल जी ने कहा कि भावी पीढ़ी आपातकाल से अवगत रहे इसके लिए आपातकाल के इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास किया जायेगा। आपातकाल की समाप्ति की लड़ाई को आजादी की दूसरी लड़ाई बताते हुए रामलाल ने कहा कि दिल्ली स्थित संग्रहालय में पुराने इतिहास की जानकारी संग्रहित कर सुरक्षित रखा जाय। आपातकाल पर आधारित डाॅक्यूमेन्ट्री और गैलरी भी बनायी जायेगी। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तरह लोकतंत्र सेनानियों को भी उचित सम्मान मिले ऐसा प्रयास किया जायेगा। कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी और आज वह लोकतंत्र के नाम पर होहल्ला मचा रही है।
लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नवनिर्वाचित राज्यसभा सदस्य कैलाश सोनी जी ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव के आधार पर भारत सरकार पूरे देश में विधानसभाओं और लोकसभा का चुनाव एक साथ कराये जाय। लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराये जाने से समय और धन की बचत होगी। लोकतंत्र सेनानी संघ ने चुनाव आयोग को इस सम्बन्ध में एक ज्ञापन भी दिया है। श्री सोनी ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के हंगामे को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि लोकतंत्र को आज भी उतनी ही चुनौती है जितनी आपातकाल के दौरान थी।
केन्द्रीय राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि 1975 में कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या की थी। आपातकाल को समाप्त कराने के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया उन्हें लोकतंत्र सेनानी घोषित कराने के लिए वे भारत सरकार से पहल करेंगे। केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री संतोष गंगवार ने इस अवसर पर कहा कि भारत सरकार लोकतंत्र सेनानियोें को गौरव पत्र और मान पत्र देने का प्रयास करेगा। पूरे देश में लोकतंत्र सेनानियों को उचित सम्मान मिले यह प्रयास किया जायेगा।
लोकतंत्र विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष सांसद प्रभात झा, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू, हरियाणा विकास निगम के अध्यक्ष श्री गोविंद भारद्वाज, सांसद मेघराज जैन, सत्यनारायण जटिया, सांसद राव उदय प्रताप सिंह, मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, अरविंद मेनन, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष तपन भौमिक, महासचिव राजेन्द्र गहलोत, कोषाध्यक्ष संतोष शर्मा, उपाध्यक्ष सच्चिदानंद उपासने, चेन्नई के उपाध्यक्ष कंदकुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर मदन बाॅथम द्वारा संपादित पत्रिका क्रान्तिपथ का मुख्य अतिथियों ने विमोचन किया जिसमें आपातकाल की जुल्म और ज्यादतियों का चित्रण किया गया है।
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