जल्द ही मध्यप्रदेश में टोल प्लाज़ा पर अब महिलाएं काम सभालेगी
इंदौर - प्रदेश में महिलाओं के लिए सरकार नित नई घोषणाएं कर रही है। पुरुषों की तरह
महिलाएं भी आगे बढ़े और प्रदेश के विकास में भागीदार बने इस पर सरकार लगातार जोर दे
रही है। इसी कड़ी में नैशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया (NHAI) ने तय किया है कि
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर हर राज्य में कम से कम एक टोल प्लाजा पर कलेक्शन की
पूरी जिम्मेदारी महिलाओं को ही दी जाएगी। इसी पहल के चलते महिला दिवस पर मध्यप्रदेश
के इंदौर शहर के मांगलिया टोल प्लाजा का संचालन पूरी तरह महिलाओं द्वारा किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि अगर यह प्रयोग कामयाब रहा तो इसके बाद अगले तीन महीने में
एनएचएआई इसी तरह से सभी टोल प्लाजा में यह लागू होगा।
15 महिलाओं को तैनात किया जाएगा टोल प्लाजा पर
इसके लिए 15 महिलाओं को टोल प्लाजा पर तैनात किया जाएगा जो टोल टैक्स और बैरियर
आॅपरेट करेंगी।इसके लिए महिलाओं को पहले कंपनी द्वारा टोलकर्मी के रूप में नियुक्ति
दी है, जिनकी ट्रेनिंग चल रही है। इसके बाद जैसे-जैसे महिलाएं काम सीखती जाएंगी,
उनकी ड्यूटी टोल बूथ पर लगाई जाएगी। महिला टोलकर्मियों का समय सुबह आठ से शाम चार
बजे तक होगा। ऐसा इसलिए ताकि रात होने से पहले सभी महिलाएं अपने घर पहुंच जाएं।शाम
से अगले दिन सुबह तक पुरुष टोलकर्मी बूथ संभालेंगे। ट्रेनिंग में महिलाओं को टोल
बूथ पर लगाए गए कम्प्यूटर का सिस्टम, कार्यप्रणाली के तौर-तरीकों के साथ आम जनता से
व्यवहार संबंधी बातें सिखाई जा रही हैं। कंपनी के मुताबिक टोल बूथ पर काम करने वाली
युवतियों और महिलाओं में मोनिका, सरिता श्रीवास, रीना माहिड़ा, बबीता शेख, वर्षा
परमार, नेहा वर्मा, रूपाली राठौर, शबाना मंसूरी और नगीना समेत अन्य शामिल हैं।
इसके पीछे ये है उद्देश्य
इसके पीछे सरकार और टोल कंपनी का मुख्य उद्देश्य टोल नाके पर आए दिन होने वाले
वाद-विवाद और मारपीट को रोकना है।टोल कंपनी का मानना है कि महिलाएं रहेंगी तो उनसे
लोग विवाद नहीं कर पाएंगे।चुंकी अभी तक देखने में आया है कि राजनैतिक और अन्य
प्रभावों के चलते कई लोग टोल टैक्स नही देते है, मांगने पर अपने पद और प्रभाव की
धौंस देते है। इन सब बातों के निराकरण के लिए ये उपाय अपनाया जा रहा है। कंपनी को
विश्वास है कि अगर महिलाएं रहेंगीं तो सभी लोग टैक्स देंगे।
महिलाओं की राय
टोल पर काम करने वाली महिलाओं का कहना है कि टोल कलेक्शन का काम सभी के लिए चुनौती
जैसा है।हालांकि लड़कियां हर क्षेत्र में काम कर रही हैं तो टोल पर भी काम कर सकती
हैं।यह सोचकर हमने यह चुनौती स्वीकार की है। शुरूआत दिनों में परेशानी हो सकती है,
लेकिन धीरे-धीरे सब नार्मल हो जाएगा। काम को लेकर उत्साहित भी है ,तो नर्वसनेस भी
हो रही है।
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