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Friday 23 February 2018

22 सौ करोड़ निर्माण कार्यों को मिली स्वीकृति, मालवा अंचल का चंबल कछार हरा-भरा होगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मालवा अंचल का चंबल कछार हरा-भरा होगा : मुख्यमंत्री श्री चौहान

22 सौ करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों को मिली स्वीकृति

परियोजना से झाबुआ-धार का लाभान्वित होने वाला क्षेत्र

       भोपाल : शुक्रवार, फरवरी 23, मालवा क्षेत्र के चंबल कछार का सूखाग्रस्त क्षेत्र अब सूखा नहीं रहेगा। नर्मदा कछार से चंबल कछार के सूखाग्रस्त क्षेत्र में जल पहुंचाने के लिये सिंचाई की सर्वश्रेष्ठ पहल माइक्रो उद्वहन सिंचाई योजना को नर्मदा नियंत्रण मंडल की आज 60वीं बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास में इस बैठक में नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-थांदला-सरदारपुर माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना को स्वीकृति दी गई।
परियोजना से झाबुआ-धार का लाभान्वित होने वाला क्षेत्र

      बैठक में 2 हजार 221 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों को स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें 2 हजार 197 करोड़ 60 लाख रुपये के नवीन और 24.16 करोड़ रुपये के पुनरीक्षित निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गई। बैठक में वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, उर्जा मंत्री श्री पारस जैन, राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्वीकृत परियोजनाओं में विकास कार्यों का निर्माण निर्धारित समयावधि में हो। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष बल देते हुये नियमित मॉनिटरिंग के लिये निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश को आवंटित नर्मदा जल का शत-प्रतिशत उपयोग समय-सीमा में होना सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश को वर्ष 2024 तक नर्मदा का 18.25 एम.ए.एफ. जल उपयोग करना है। वर्ष 2022 तक सम्पूर्ण जल उपयोग की परियोजनाएं तैयार हो जायेंगी।
        बैठक में झाबुआ एवं धार जिले के लिये 57 हजार 422 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-सरदारपुर-उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई। योजना की अनुमानित लागत 2 हजार 50 करोड़ 70 लाख रुपये है। इसके साथ ही, नर्मदा घाटी के तट पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये 19 घाटों के निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी गई। इस कार्य पर 136 करोड़ 84 लाख रुपये व्यय होंगे। नर्मदा सेवा मिशन अंतर्गत गांव रेवगांव, रेहटी जिला सीहोर में नर्मदा नदी के दांये तट पर घाट निर्माण के लिये 10 करोड़ 6 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। जबलपुर जिले की रानी दुर्गावती उद्वहन माइक्रो सिंचाई योजना के लिये 24 करोड़ 16 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति प्रदान की गई। इस योजना से जबलपुर तहसील के 7 ग्रामों की 12सौ हेक्टेयर माइक्रो पद्धति से भूमि सिंचित होगी।
      नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-सरदारपुर-उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना में झाबुआ जिले के थांदला, झाबुआ और पेटलावद तहसील की 32 हजार हेक्टेयर और धार जिले की 25 हजार 422 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। सिंचाई ड्रिप अथवा स्प्रिंकलर पद्धति से होगी। योजना से झाबुआ तथा धार जिले के 173 गांव लाभान्वित होंगे।

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