सस्ता, सुलभ न्याय ही लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य - जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिनोद कुमार द्विवेदी
नेशनल लोक अदालत में 214 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 91 लाख 78 हजार 712 रुपये का अवार्ड पारित हुआ। कुल 251 व्यक्ति लाभान्वित हुए
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष बिनोद कुमार द्विवेदी के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय परिसर धार एवं तहसील न्यायालय-कुक्षी, बदनावर, धरमपुरी, सरदारपुर, मनावर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में विभिन्ना प्रकार के दांडिक एवं सिविल राजीनामा योग्य कुल 366 मामलों का निराकरण किया गया। इसमें 931 व्यक्ति लाभान्वित हुए व 6 करोड़ 17 लाख 62 हजार 874 रुपये के अवार्ड पारित किए गए। साथ ही प्री लिटिगेशन के कुल 7 हजार 630 प्रकरण निराकरण के लिए रखे गए। इनमें कुल 214 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 91 लाख 78 हजार 712 रुपये का अवार्ड पारित हुआ। कुल 251 व्यक्ति लाभान्वित हुए।
लोक अदालत का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिनोद कुमार द्विवेदी नेशनल लोक अदालत के नोडल अधिकारी हरि शरण यादव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, राजाराम बडोदिया एवं अभिभाषक संघ के अध्यक्ष हितेश कुमार ठाकुर, एवं समस्त न्यायाधीश की उपस्थिति में संपन्ना हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोद कुमार द्विवेदी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य समाज के शोषित, पीड़ित एवं गरीब व्यक्तियों को सस्ता, सुलभ और शीघ्र न्याय प्रदान करना हैं। जिला अनुसूचित जाति एवं जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। यहां के गरीब लोगों को शीघ्र एवं सुलभ न्याय प्रदान करना न्यायपालिका का दायित्व है। न्यायालयों में लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण लोक अदालत के माध्यम से आपसी राजीनामा करके विवाद का अंतिम निराकरण करना है। इससे आम लोगों के धन और समय की बचत होती है। नेशनल लोक अदालत में विभिन्ना प्रकार के दांडिक एवं सिविल राजीनामा योग्य कुल 366 मामलों का निराकरण किया गया। इसमें 931 व्यक्ति लाभान्वित हुए व 6 करोड़ 17 लाख 62 हजार 874 रुपये के अवार्ड पारित किए गए।
साथ ही प्री लिटिगेशन के कुल 7 हजार 630 प्रकरण निराकरण के लिए रखे गए। इनमें कुल 214 प्रकरणों का निराकरण किया गया तथा 91 लाख 78 हजार 712 रुपए अवार्ड पारित हुआ। कुल 251 व्यक्ति लाभान्वित हुए।
सोना व सुनील की फिर से बनी जोड़ी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव राजाराम बडोदिया द्वारा आवेदिका सोना पति सुनील के बीच आपसी पारिवारिक विवाद को समाप्त कर। दोनों को पति-पत्नी के रूप में दांपत्य जीवन एक साथ निर्वाह करने के लिए भेजा गया। इन दोनो का विवाह 2016 में हुआ था। एक साल बाद विवाद हो गया। ऐसे में दोनों अलग रहने लगे थे। मामला पुलिस तक पहुंच गया था। लेकिन लोक अदालत में मामला आने पर दोनों में सुलह करवाई और उनका वैवाहिक जीवन फिर से शुरू हो गया। साथ ही बच्चे को पिता का प्यार मिल गया। लोक अदालत में जिन पक्षकारों ने आपसी राजीनामा किया है। सुभद्रा एवं मुकेश हल्दे के बीच मध्यस्थता करके आपसी विवाद सुलझाया गया। उनको चेयरमैन ऑफ मध्यप्रदेश रेडक्रॉस व आपदा प्रबंधन समिति एवं अध्यक्ष अभिभाषक संघ हितेश ठाकुर द्वारा मास्क और साबुन का पैकेट निशुल्क प्रदान किया गया। नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने के लिए समस्त न्यायाधीश, अभिभाषक, न्यायालय, कर्मचारियों, नगर पालिका, समस्त बैंक, विद्युत विभाग, शासकीय अस्पताल के अधिकारियों एवं कर्मचारी व पक्षकारों का आभार सचिव राजाराम बडोदिया जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने माना।
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