2 घंटे में बाबा धारनाथ की पालकी ने 4 किमी किया भ्रमण शाम 6 बजे मंदिर पहुंचने पर की महाआरती
धारनाथ की झलक मिलते ही गूंजे जयकारे
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - काेराेनाकाल में सावन के अंतिम साेमवार काे बाबा धारनाथ प्रजा का हाल जानने नगर में निकले। मंदिर में प्रवेश से पहले स्क्रीनिंग की गई। साथ ही छबीना मार्ग काे पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया। बाबा धारनाथ की झलक पाने के लिए भक्त पालकी पहुंचने से पहले ही सड़क, ओटले पर बैठकर छबीना आने का इंतजार करते नजर अाए। पालकी तक लाेग तक नहीं पहुंचे इसलिए प्रशासन ने करीब 4 किमी के सवारी मार्ग पर लगे माेहल्लाें के प्रवेश पर बैरिकेडिंग कर दी थी। ऐसे में भक्ताें ने दूर से हाथ जाेड़कर बाबा के दर्शन किए।
दोपहर 3.15 बजे पालकी निकलने से पहले धारेश्वर मंदिर पर मुखौटे की महाआरती की गई। इसके बाद 2 घंटे में धारनाथ बाबा की पालकी मुख्य मार्गों से भ्रमण कर शाम 6 बजे मंदिर पहुंची जहां फिर महाआरती की गई। धारेश्वर मंदिर परिसर में नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियाें-कर्मचारियाें काे रुकने की अनुमति थी। आम श्रद्धालुओं के खड़े रहने की व्यवस्था मंदिर के गार्डन में की गई। बाबा काे गार्ड ऑफ ऑनर देने वाले पुलिस जवान सफेद कलर के मास्क पहने हुए थे। दूसरी तरफ पालकी के आगे नपा की दमकल सैनिटाइज करते चल रही थी।
आस्था के साथ लोगों ने निभाई जिम्मेदारी
धारनाथ की पालकी को निकालने को लेकर कुछ दिनों से असमंजस की स्थिति थी। ऐसे में धारनाथ का छबीना सोमवार को निकला तो लोगों ने भी अपनी आस्था के साथ अपनी जिम्मेदारी का भी परिचय दिया। पालकी निकलने के दौरान कई लोग अपने परिवार के साथ खड़े थे, लेकिन उन्होंने मास्क लगाया और दूर से ही गाइडलाइन और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रशासन का सहयोग किया और भगवान के दर्शन किए। एक महिला अपने चार बच्चों को लेकर पहुंची थी, लेकिन उसने भी पूरी जिम्मेदारी निभाई और हर बच्चे को मास्क लगा रखा था।
पहली आरती राजवंश हेमेंद्र पवार ने की
दोपहर 3.15 बजे धारेश्वर मंदिर पर मुखौटे की महाआरती राजवंश के हेमेंद्रसिंह पवार, मांडू चतुर्भुज श्रीराम मंदिर के पीठाधीश्वर नरसिंहदासजी महाराज, भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव यादव व कलेक्टर आलाेक कुमार सिंह, एसपी आदित्य प्रताप सिंह,कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष हितेश ठाकुर सहित धर्म रक्षा स्थान मंडल के अध्यक्ष डॉ. शरद विजयवर्गीय, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, अजय सिंह ठाकुर आदि भी इसमें उपस्थित रहे।
उत्साह के साथ मांझी समाज के युवाओं ने पालकी मंदिर परिसर में उठाई और उसके बाद उसे ट्रैक्टर-ट्राली में रखा। जो इस बार सरकारी व्यवस्था के तहत उपलब्ध कराई गई थी। । मांझी समाज के युवा पालकी उठाकर मंदिर के मुख्य द्वार तक ले गए। गार्ड ऑफ ऑनर के बाद बाबा भ्रमण पर निकले।
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