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Saturday 30 November 2019

मांडू के प्रसिद्ध चतुर्भुज श्रीराम मंदिर में 1119 वर्ष पुरानी सूर्यदेव की मूर्ति होगी विराजित

मांडू के प्रसिद्ध चतुर्भुज श्रीराम मंदिर में 1119 वर्ष पुरानी सूर्यदेव की मूर्ति होगी विराजित

253 साल बाद श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव, 7 मंदिरों में विधिविधान से 19 मूर्तियों की आज होगी प्राण-प्रतिष्ठा

संजय शर्मा संपादक 
हैलो धार पत्रिका 
           मांडू /धार - मांडू  के प्रसिद्ध चतुर्भुज श्रीराम मंदिर में एक हजार 119 वर्ष बाद भूगर्भ से प्राप्त भगवान सूर्य की मूर्ति की स्थापना होगी। भूगर्भ से प्राप्त होने के बाद भगवान सूर्य का मंदिर निर्माण नहीं होने के कारण अभी तक मूर्ति की स्थापना नहीं हो पाई थी। लगभग 253 साल बाद एक बार फिर मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। आज  भगवान सूर्य के मंदिर के साथ मंदिरों में 19 मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार एवं 2 हजार से अधिक साधु-संतों की मौजूदगी में स्थापित की जाएगी।

              चतुर्भुज श्रीराम मंदिर ट्रस्ट संस्थान के महामंडलेश्वर एवं पीठादेशचार्य संत नरसिंह दासजी महाराज  ने बताया कि संवत 957 में चतुर्भुज श्रीराम मंदिर के गर्भगृह से श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान और भगवान सूर्य के साथ महावीर स्वामी की मूर्तियां निकली थी।

            पश्चात संवत 1823 में मंदिर में सभी भगवान की स्थापना कर दी गई थी। महावीर स्वामी की स्थापना जैन मंदिर में की गई थी, किंतु भगवान सूर्य का मंदिर निर्माण नहीं होने के कारण सूर्य भगवान की स्थापना नहीं हो पाई थी।
सूर्य भगवान के साथ आठ ग्रहों की होगी स्थापना
          राम मंदिर में पांच दिवसीय प्राण- प्रतिष्ठा महोत्सव अपने आप में महत्व रखता है, क्योंकि यह आयोजन 253 वर्ष के बाद हो रहा है। यहां भगवान सूर्य की मूर्ति के साथ आठ ग्रहों को भी स्थापित कि या जा रहा है।

ये प्रमुख संत रहेंगे मौजूद
         महामंडलेश्वर रामशरण दास महाराज कुल्लू हिमाचल प्रदेश, महंतश्री गौरी शंकरदास महाराज निर्वाणी अखाड़ा अयोध्या, महंतश्री सनतकु मार दास महाराज श्री धाम वृंदावन प्रमुख रुप से मौजूद रहेंगे।
वर्षभर जल में रहने वाले महंत भी आएंगे

             इलाहाबाद के प्रयागराज में वर्षभर जल के अंदर रहने वाले प्रसिद्ध महंत रामदासजी महाराज इस आयोजन में पधार रहे हैं। इन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आतुर है। बताया जाता है कि इनका रहने का स्थान नाव रुपी बनाया गया है। इसमें वे अपनी दिनचर्या का निर्वहन करते हैं। महामंडलेश्वर श्रीबालकृष्ण दास महाराज पुष्कर महंत, श्री कि शनदास महाराज बड़ी छावनी मौजूद रहेंगे।
यह अनुष्ठान होना है
              सुबह 6 बजे सभी मूर्तियों का महामस्तकाभिषेक होगा। सुबह से 7 मंदिरों में 19 मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शुरु होगा, जो 10 बजे पूर्ण होने के बाद दोपहर 12 बजे महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी। इसके बाद भंडारे का आयोजन कि या जाएगा।1 दिसंबर को आयोजित प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर चतुर्भुज श्रीराम मंदिर व परिसर के साथ सात मंदिरों को अलग-अलग तरह के फू लों से सजाया जा रहा है। ये फू ल इंदौर से बुलाए गए हैं।

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