दान में प्राप्त गौ माता कि 21 वर्ष तक सेवा की एवं मृत्यु उपरांत विधि विधान से कार्यक्रम कर कन्या भोज आयोजन रखा
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
कोद - ( अनिल मारू ) एक ओर जहां गौ माता एवं अन्य पालतू जानवरों के मरने के बाद उन्हें दूर कही जंगल मे जंगली जानवरों एवं चील कौवो के भरोसे छोड़ दिया जाता है,वही नगर में सोमवार को गौ माता के अंतिम संस्कार के बाद वर्मा परिवार ने मृत्यु उपरांत परंपराओं का पालन करते दशाकर्म,एकादशा करके गौमाता की स्मृति में कन्या भोज आयोजन रखा, नगर में पिछले 11 अक्टूबर को गोसेवक सियाराम वर्मा एवं उनके पुत्र कालू वर्मा व बब्लू वर्मा द्वारा गंगा गोमाता के मृत्यु उपरांत नगर में बेंड बाजों के साथ शवयात्रा निकली गई थी, वर्मा परिवार गौ माता गंगा को परिवार का सदस्य मानते थे,वर्मा परिवार की बेटी भुवनेश्वरी को दान में प्राप्त गौमाता गंगा का रविवार को घाटा कार्यक्रम के साथ अन्य सभी परंपरागत रिवाज सम्पन्न किए गए,रविवार की शाम वर्मा परिवार ने सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया,साथ ही मृत्युभोज में कन्या भोजन रखा गया,जिसमें कस्तूरबा गांधी छात्रावास,शा.कन्या हाई स्कूल एवं अन्य स्कूलों की बालिकाओ एवं स्टाफ को भोजन कराया गया, गौ माता गंगा के मृत्यु उपरांत होने वाली सभी परंपराओं का पालन कर वर्मा परिवार ने अपने समस्त स्वजनी परिवार बंधुओ एवं दूरदराज के रिश्तेदारों के साथ विधि विधान से सभी कार्यक्रम किए गए,जिसमें गणेश यादव पूर्व पार्षद वार्ड क्रमांक 1 इंदौर,साहित्यमणी चिन्तामण दुबे,डॉ ऋषि पण्ड्या उदयपुर, समरत सोलंकी रतलाम तीतरी,गोपाल सेन बदनावर,कोटेश्वर महन्त व पुजारी कैलाश भारती, श्रीनारायण हरि आश्रय के प्रधान ब्रजानंद महाराज, कैलाश रेन महू,रामचन्द्र पलसोडा सहित नगर के कई वरिष्ठजनों ने इस आयोजन में पहुँच कर वर्मा परिवार की गोसेवा एवं गो भक्ति को साधुवाद दिया,कार्यक्रम की नगर के सभी वासियों द्वारा प्रशंसा की गई।
कार्यक्रम के उपरांत गौ सेवक कालू वर्मा द्वारा सभी ब्राह्मणों एवं बाहर से पधारे अतिथियों को तांबे की गौमाता भेंट की गई।
गोसेवक सियाराम वर्मा ने कहा कि-" हिंदू धर्म के अनुसार गौ माता में समस्त देवताओं का वास होता है,गौमाता से घर मे सुख समृद्धि और लक्ष्मी वास होता है,गौमाता को मृत्यु उपरांत उसके पार्थिव शरीर को दफनाया जाना चाहिए, जिसके लिए नगर में गोमाता के लिए मुक्तिधाम होना चाहिए।"
सत्य के साथी समिति के अनिल मारू ने ग्रामीणों से अपील की है कि-"किसी भी पालतू जानवर को मृत्यु उपरांत उसे जंगली जानवरों एवं चील कौवो के भरोसे छोड़ने के बजाय जमीदोज किया जाए,आपका यह सकारात्मक कदम पर्यावरण संरक्षण के लिए सार्थक साबित होगा ।
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