धार जिला पुलिस कंट्रोल रूम में कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने ली शांति समिति की बैठक
संजय शर्मा
संपादक हैलो धार
धार- शांति समिति की बैठक बुधवार को यहॉ पुलिस कंट्रोल रूम में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी दीपक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्र कुमार सिंह, अपर कलेक्टर दिलीप कापसे, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रूपेश कुमार द्विवेदी, सिटी मजिस्टेªट सुश्री दिव्या पटेल, मुख्य नगर पालिका अधिकारी डॉ मधु सक्सेना, नगर पालिका अध्यक्ष पर्वतसिंह चौहान, नगर पालिका उपाध्यक्ष कालीचरण सोनवानिया, शहरकाजी वकार सादिक, अनन्त कुमार अग्रवाल, नरेश राजपुरोहित, भगवानदास मालवीय, नारायण जरासिया, पं. छोटू शास्त्री, डा. मनोहरसिंह ठाकुर,शिव पटेल, करीम कुरैशी, जावेद अंजुम, फकीर मोहम्मद एडवोकेट सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि 13 सितम्बर से 10 दिवसीय गणेशोत्सव, 20 सितम्बर को डोल ग्यारस, 21 सितम्बर को मोहर्रम तथा 23 सितम्बर 2018 को अनंत चतुदर्षी श्री गणेश प्रतिमा विसर्जन चल समारोह, जुलूस निकलेगा। जिला दण्डाधिकारी श्री सिंह ने नगरवासियों से अपील की है कि आगामी त्यौहार नगर की गौरवमयी परम्परा अनुसार शांति, सद्भाव तथा सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में मनाए जावे। श्री सिंह ने शांति समिति के सदस्यों से अनुरोध किया कि वे इन त्यौहारों के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने में जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग करें। समिति के सदस्यों ने आवश्यक सुझाव भी दिए और जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन को आश्वासन दिया कि वे नगर में शांति और व्यवस्थाएं बनाए रखने में जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन को हरसंभव मदद करेंगे।
श्री सिंह ने निर्देश दिए है कि डीजे संचालकों की थाना स्तर पर बैठकें आयोजित कर ली जाए। उन्होने कहा कि निर्देशों का उल्लंघन करने पर डीजे एक साल के लिए सील कर दिए जावेंगे। उन्होने नगर में इन त्यौहारों के दौरान साफ-सफाई व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था तथा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होने नगर में बिजली के खम्बों तथा टेलीफोन के खम्बों पर झण्डे या झण्डियांन लगाने को कहा। उन्होने नगर में आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएं जाने के निर्देश दिए, ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आवाज नियंत्रित रखने, अखाडों में धारदार हथियारों का उपयोग नही करने तथा पूर्व परम्परानुसार चल समारोह में एक से अधिक शस्त्रों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा, केवल प्रतीकस्वरूप एक शस्त्र खलीफा या उस्ताद के पास रहेगा, जो उसके कंधें पर रहेगा। शस्त्रधारी खलीफा/उस्ताद का नाम पुलिस थाने में अंकित कराया जाएगा तथा उक्त शस्त्र किसी भी व्यक्ति को प्रदर्षन के लिए नही सौंपा जावेगा अन्य कोई शस्त्र पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जावेगी। अखाडे के साथ कोई भी व्यक्ति लोहे की पट्टी या हॉंकी लेकर नही चलेगा। शहरकाजी द्वारा ताजियों/अखाडो के नाम तथा कार्यकर्ताओं की सूची पुलिस थाना में प्रस्तुत करना होगी।
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