सरदार सरोवर की विस्थापित महिलाएँ अगरबत्ती कारखाने की मालिक बनीं
भोपाल : बड़वानी जिले के ग्राम कुकरा में सरदार सरोवर से विस्थापन के बाद 'माँ नर्मदा'' स्व-सहायता समूह की 10 महिलाओं ने अगरबत्ती निर्माण का व्यवसाय अपनाया है। इन महिलाओं की बनाई अगरआज से 6 माह पूर्व नर्मदा नदी किनारे बसे ग्राम कुकरा की रहवासी इन महिलाओं के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इन महिलाओं को पता चला कि सरदार सरोवर की डूब से उनका ग्राम भी डूब जाएगा जिसके कारण उन्हें अपना घर संसार नए पुनर्वास स्थल कुकरा में बसाना होगा। ऐसी विषम परिस्थिति में ग्रामीण आजीविका मिशन इनका सहारा बना। इन महिलाओं ने मिशन के कार्यकर्ताओं को अपनी समस्या बताई तो बसाहट स्थल पर बने पंचायत भवन में अगरबत्ती बनाने का कारखाना शुरू करने की योजना बनी।
आज ''मां नर्मदा'' स्व-सहायता समूह की 7 महिलाएं अगरबत्ती बनाने की मशीन लगाकर कार्य कर रही है। प्रत्येक महिला 30 से 35 किलो अगरबत्ती प्रतिदिन बना रही है। गुजरात की कम्पनी के साथ इनका बायबैक विधि से करार हुआ है। इस करार के मुताबिक ये महिलायें उनसे 45 रुपये किलो की दर पर कच्चा माल लेकर उन्हें 54 रुपये प्रति किलो के भाव से बनी हुई अगरबत्ती विक्रय कर रही हैं। इस प्रकार हर माह प्रत्येक महिला 10 रुपये हजार की शुद्ध आय प्राप्त कर रही है।अगरबत्ती निर्माण कारखाने की वास्तविक मालिक ये महिलाएँ ही हैं। इन महिलाओं की व्यावसायिक गतिविधि से इनके परिवार में अतिरिक्त आय का सशक्त जरिया निर्मित हो गया है। इनके बच्चों को पढ़ाई के बेहतर अवसर मिलने लगे हैं। गाँव में इन महिलाओं का सम्मान बढ़ गया है।बत्ती बड़वानी जिले के साथ ही गुजरात में भी खूब पसंद की जा रही है।
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