समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय प्रदान करने में सहायता पहुचाना, विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उद्देष्य - न्यायाधीश आर. आर. बड़ोदिया
संजय शर्मा संपादक
हैलो धार पत्रिका
धार - 09 नंवबर विधिक सेवा दिवस के अवसर पर माननीय जिला न्यायाधीन्यायाधीश बी.के. द्विवेदी के मार्ग-दर्शन में कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, धार के सभागृह में विधिक साक्षरता शिविर एवं मध्यस्थता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर सत्र न्यायाधीन्यायाधीश /सचिव, राजाराम बड़ोदिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी मुकेश कौषल एवं पैरालीगल वालेंटियर्स उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री बड़ोदिया द्वारा माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलीत कर किया गया। श्री बड़ोदिया द्वारा जानकारी दी गई की भारतीय संविधान में कल्याणकारी राज्य की अवधारणा की गई है जिसमें राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को समानता, स्वतंत्रता, षिक्षा एवं न्याय प्राप्त करने का अधिकार है। इसलीए समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय प्रदान करने में सहायता पहुंचाने के उद्देष्य से ही राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, का गठन किया गया है। विधिक सेवा प्राधिरकण अधिनियम - 1987 जो 09 नंवबर, 1995 को लागू किया गया। इसी उपलक्ष्य में 09 नवंबर, को विधिक सेवा दिवस घोषित किया गया व सम्पूर्ण देष में संचालित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, द्वारा इस दिवस पर विषेष कार्यक्रम, अभियान चलाये जाते है। इसी कड़ी में आज का कार्यक्रम आयोजित किया जा गया। आगे उन्होनें बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, की शाखाओं के रूप में पैरालीगल वालेंटियर्स सक्रिय रूप से कार्यरत है। उनके द्वारा विगत वर्ष/कार्यकाल में लगभग 11,000 जरूरत मंदो तक सहायता/सलाह पहंुचाई गई है। जो एक अत्यंत हर्ष का विषय है। इसके लिए समस्त पीएलव्ही का अभिवादन है।
कार्यक्रम मंे जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा जानकारी दी गई की प्रत्येक अधिनियम निष्चित उद्देष्य के साथ में अधिनियमित किया जाता है। इसी प्रकार विधिक सेवा प्राधिकरण, अधिनियम की उद्देशिका यह है कि कोई भी व्यक्ति निर्धनता, निःषक्तता, निरक्षरता या अन्य किसी भी प्रकार की निर्योग्यता के कारण अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जायेगा, इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सषक्त रूप से कार्यरत है। उक्त उद्देष्य को अपना ध्येय वाक्य मानते हुवे प्राधिकरण, सक्रिय रूप से कार्यरत है।
कार्यक्रम में पीएलव्ही योगेश मालवीय द्वारा अपने विचार व्यक्त करते हुवे, बताया कि साक्षरता षिविरों के माध्यम से ग्रामीणजानों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक एवं सजग किया जाता है। साथ ही उनकी समस्यांओं के अनुरूप आवेदन तैयार कर संबंधित विभागों पर जमा किये जाते है। पीएलव्ही शिव सिंह तोमर द्वारा वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, पथविक्रेता पंजीयन के तरीके आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। पीएलव्ही श्रीमती लेखा शर्मा द्वारा मध्यस्थता योजना, पारिवारीक विवाद समाधान योजना आदि की जानकारी दी गई। पीएलव्ही रितीका परमार द्वारा लोक अदालत योजना, मनरेगा योजना आदि की जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन पीएलव्ही सलोनी राठौर द्वारा किया गया। आभार प्रदर्षन पीएलव्ही मीना अग्रवाल द्वारा व्यक्त किया गया।
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