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Friday 1 May 2020

धार जिले में कोरोना की पॉजिटिव खबर 48 पॉजिटिव भर्ती मरीज में 10 की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई ,स्वस्थ हुए सभी 10 लोगों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज घर लौटे पेशेंट

धार जिले में कोरोना की पॉजिटिव खबर 48 पॉजिटिव भर्ती मरीज में 10 की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई ,स्वस्थ हुए सभी 10 लोगों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज घर लौटे पेशेंट

डिस्चार्ज होने वाले में नर्स , पुलिस,सफाईकर्मी सहित कोरोना से मृतक के पिता शामिल

सांसद विधायक कलेक्टर एस पी स्वास्थ्य विभाग टीम ने स्वगत कर घर के लिए किया रवाना
संजय शर्मा संपादक 
हैलो धार पत्रिका 
         धार - 1 मई 2020/ धार के महाजन हॉस्पिटल में भर्ती दस कोरोना पॉजिटिव पेशेंट की दो बार रिपोर्ट नेगेटिव आई है। एक पूर्व में इंदौर भर्ती अल्ताफ़ खान की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। जिले में कुल कोरोना पॉजिटिव की संख्या 48 थी, जिसमें 11 लोंगो की घर वापसी हो गई हैं।  कोरोना की महामारी से निपटने के लिये लगातार कारगर प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों के सुखद और सफल परिणाम सामने आ रहे हैं। धार में कोरोना की महामारी का उपचार कर मरीजों को स्वस्थ करने का सिलसिला आरंभ हो गया है।
          इसी सिलसिले में आज 10 मरीजों को जिला मुख्यालय स्थित महाजन हॉस्पिटल से सांसद छतरसिंह दरबार, विधायक नीना विक्रम वर्मा, कलेक्टर श्रीकांत बनोठ, पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने डिस्चार्ज हो रहे मरीजो को बुके व गिफ्ट पैक देकर, उन्हें सकुशल घरों की ओर भेजा गया।इसके पूर्व वहाँ मौजूद सभी ने ताली बजाकर उनका हौसला अफजाई की। सभी मरीजों ने उनको उपलब्ध कराये जा रहे इलाज, सुविधाएं आदि की सराहना की और सभी संबंधितों के प्रति पूरी श्रद्धा के साथ आभार व्यक्त किया।
यह 11 कोरोना मरीज नेगेटिव रिपोर्ट आने बाद हुए डिस्चार्ज
1 अल्ताफ़ खान धार   ( दो दिन पूर्व इंदौर से डिस्चार्ज )
2 गजाला बी धार अल्ताफ़ की पत्नी 
3 अम्बादास कुक्षी मृतक के पिता 
4 श्याम शर्मा धार पुलिसकर्मी
5 इस्लामउद्दीन धार स्वास्थ्यकर्मी 
6 रामकन्या तिरला ब्लाक धार नर्स निजी अस्पताल 
7 आमिर गांधी कॉलोनी धार 
8 इकरार गांधी कालोनी धार 
9 जुबेर गांधी कालोनी धार 
10 करुणा नर्स शासकीय हॉस्पिटल धार
11 शर्मिला पट्ठा चौपाटी बस स्टैंड धार

ईश्वर स्वर्ग में ही नहीं इस धरती पर भी है
        कोरोना की महामारी को परास्त कर नया जीवन पाने वाले इस्लामुद्दीन बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि ईश्वर स्वर्ग में ही नहीं इस धरती पर भी है। यह सिर्फ सुना था, लेकिन मैंने इसे खुद महसूस किया और देखा भी है। डॉक्टरों, नर्सों, अन्य स्टॉफ जिन्होंने मेरा इलाज किया, वह ईश्वर तुल्य है। कोरोना पॉजिटिव होने से मैं घबरा गया था। मेरा जिस तरह से इलाज किया गया, वह तारीफ के काबिल है। ईश्वर इस धरती पर है यह साबित हो गया है।
जान पर खेलकर मेरी बचायी जान
      आमिर ने भी कोरोना की जंग को जीता है। आमिर का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों, स्टॉफ आदि ने अपनी जान पर खेलकर मेरी जान बचायी है। उन्होंने मुझे नया जीवन देने में पूरे समर्पण भाव से इलाज और सेवा की है। मेहनत कर उन्होंने देखभाल की और मुझे ठीक किया। आमिर ने चिकित्सकों, स्टॉफ के साथ ही प्रशासन और राज्य शासन का भी आभार व्यक्त किया है।
विश्वास हुआ कामयाब
          कोरोना महामारी से स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर निकले इकरार का कहना है कि जब मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया और अस्पताल आया तो बेहद डरा हुआ था। अस्पताल में भर्ती हुआ। एक दिन में ही मैंने अस्पताल की और प्रशासन की व्यवस्थाओं को देखा तो मुझे विश्वास हुआ कि मैं ठीक होकर ही बाहर निकलूंगा। सभी डॉक्टरों, नर्स, अन्य स्टॉफ और प्रशासन का बेहद सहयोगात्मक रवैया रहा। उन्होंने मुझे विश्वास बंधाया और मेरे विश्वास को बल दिया। मेरा विश्वास कामयाब हुआ और आज मैं पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहा हूं। उन्होंने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। 
नया जीवन मिला
             जुबेर ने बताया कि मेरा बहुत अच्छा ट्रीटमेंट हुआ है। कोरोना से ठीक होकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे नया जीवन मिला है। आज मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों आदि के प्रति आभार भी व्यक्त किया है।
आज मेरे व मेरे परिवार वालो के लिए बहुत खुशी का दिन है
            श्याम ने स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज होने पर कहा कि आज मेरे व मेरे परिवार वालो के लिए बहुत खुशी का दिन है क्योंकि आज में इस कोरोना बीमारी को हराकर घर जा रहा हु। यह सब कुछ मेरी अच्छी देख-रेख व नियमित उपचार से उन्होंने कोरोना को हराया है। यह बहुत बड़ी बीमारी नहीं है। हिम्मत से काम ले, तो इस बीमारी को हराया जा सकता है।
खुशी खुशी घर की ओर लौटे
             अम्बादास आज स्वस्थ्य होकर लौट लौटे उन्होंने कहा कि कोरोना के लक्षण सामने आने पर डॉक्टरों द्वारा जांच कर सैंपल लिए गए और मैं संक्रमित पाई गई। हालांकि शुरूआत में मैं बहुत घबरा गया था, लेकिन वहाँ मौजूदा स्टॉफ ने बहुत हौसला बढ़ाया। साथ ही डॉक्टरों ने उपचार किया और बार-बार हिम्मत से काम लेने को कहते रहे, यही मेरे लिए दवाई के रूप में काम आया और आज में स्वस्थ्य होकर सकुशल लौट रहा हूं।
शुरू में थोड़ी चिंता थी लेकिन धीरे-धीरे हिम्मत और हौसला मिलता रहा 
              सफाईकर्मी इस्लामुद्दीन के सम्पर्क में आने से जिला अस्पताल की एसएनसीयू की स्टॉफ नर्स करुणा जामोद 14 अप्रेल को कोरोना पॉजिटिव आई थी। इनकी 20 और 25 अप्रैल को री-सेम्पलिंग हुई थी। इन्होंने कोरोना को महज 16 दिनों में मात दी। आज इन्हें डिस्चार्ज किया गया।
                नर्स करुणा ने अपनी बात जाहिर करते हुए कहा कि शुरू में थोड़ी चिंता थी लेकिन धीरे-धीरे हिम्मत और हौसला मिलता रहा। फिर सोचा कोरोना को हराकर ओर ठीक होकर ही घर जाएंगे। इसमें डॉक्टरों ने हमारी मदद की। वे पूरा ख्याल रखते थे। परिवार के लोग दिन में फोन लगाकर हमारी हिम्मत बढ़ाते थे। डॉक्टरों के साथ ही नर्स ने खूब मदद की। वे हमारा परिवार की तरह से ख्याल रखती थी। सभी के सहयोग व सकारात्मक सोच से हमने कोरोना को हराया है।
बीमार से डरे नहीं, इससे लड़ेंगे तभी हम जीत सकते है- बलसारा
             पट्ठा चौपाटी की शर्मिला बलसारा 11 अप्रेल को कोरोना की पुष्टि हुई थी। इनके सोर्स को लेकर संस्पेंस था। उन्हें महाजन में बनाए गए आईशोलेशन सेंटर में भर्ती किया गया। 20 अप्रेल को इनकी सेम्पलिंग हुई थी। दोनों रिपोर्ट नेगेटिव आने से इन्हें डिस्चार्ज किया गया।
                डिस्चार्ज होने के पश्चात बलसारा ने बताया कि हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने अच्छी सेवा दी है। इससे हम स्वस्थ हुए हैं। पुलिसवालों ने भी हमारी मदद की। मेरा सामान उठाने वाला कोई नही था। पुलिसवालों ने सामान उठाकर रखा। मैं तो लोगो से कहना चाहती हूं कि बीमार से डरे नहीं। लड़ेंगे तभी हम जीत सकते है। किसी प्रकार की कोई समस्या नही है। मैं डॉक्टर, नर्स, प्रशासन और पुलिस का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जो हमेशा साथ देते हैं।
मेरे स्टॉफ ने हिम्मत दी, डॉक्टरों ने मनोबल बढ़ाया तो जीती कोरोना से जंग- रामकन्या
                  कोरोना केस अल्ताफ को महाजन हॉस्पिटल में भर्ती करने के दौरान नर्स रामकन्या ने बगैर ग्लब्ज के स्लाइन चढ़ाई थी, इसी वजह से उनके सम्पर्क में आने के कारण 10 अप्रैल को नर्स रामकन्या की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई थी। उसके बाद 20 और 25 अप्रैल को उनके सैम्पल भेजे गए थे जो दोनों ही रिपोर्ट नेगेटिव आई है। जिससे उन्हें आज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
               नर्स रामकन्या ने बताया कि मैं शुरू में आई तो डर गई थी। लेकिन मैं हॉस्पिटल में स्टॉफ नर्स तो मेरे स्टॉफ ने मुझे हिम्मत दी। कहा कि तुम हिम्मत मत हारना हम तुम्हारे साथ हैं। वे लोग सुबह-शाम बात करते है। यहां डॉक्टरों ने हमारा मनोबल बहुत बढ़ाया। पॉजिटिव होने का मतलब जिंदगी खत्म नहीं है। नियमों का पालन और पॉजिटिव सोच से हम कोरोना को हरा सकते है। हाथो को साबुन से लगातार धोना चाहिए। समय पर दवा खाना चाहिए। हिम्मत कभी नही हारना चाहिए।
इच्छा शक्ति से कुछ भी असम्भव नहीं
                   कोरोना के पहले मरीज अल्ताफ हुसैन की पत्नी गजाला बी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उम्र अधिक होने के कारण यह हाईरिस्क में थी। महाजन हॉस्पिटल में इनका उपचार किया जा रहा था। 15 अप्रैल को पहला सैम्पल हुआ और 20 अप्रैल को दूसरी सेम्पलिंग की गई। दोनों ही रिपोर्ट नेगेटिव आने से इन्हें आज डिस्चार्ज किया गया है।
           गजाला बी बतलाती है कि इच्छा शक्ति से कुछ भी असम्भव नही है। शुरू में डर था, लेकिन जहां हम भर्ती थे वहाँ के डॉक्टरों व नर्सों ने हमारा बेहतर इलाज किया और हमें हमेशा पॉजिटिव सोच रहें। मेरी दो बार नेगेटिव रिपोर्ट आई है जो प्रशासन के सहयोग से सम्भव हुआ है। हॉस्पिटल के डॉक्टर हेमंत नरगावे व समस्त स्टॉफ की वजह से स्वस्थ हुई हूं। जीवन मे पॉजिटिव सोच रखें। नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना आपका कुछ नही बिगाड़ सकता।

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